आगरा। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा विवादित बयान दिए जाने के बाद चर्चाओं में आए मेवाड़ के राजा रहे राणा सांगा की जयंती को लेकर आगरा प्रशासन के समक्ष एक बार फिर से चुनौती पेश होने वाली है। करणी सेना के राजस्थान और हरियाणा के नेता आगरा में राणा सांगा की जयंती का कार्यक्रम किसी भी सूरत में करने की हुंकार भर रहे हैं, जबकि आगरा पुलिस इस कार्यक्रम के लिए अनुमति देने के मूड में नहीं दिखती। दरअसल पुलिस इस कार्यक्रम के लिए अनुमति देकर नई मुसीबत मोल नहीं लेना चाहती।
सांसद सुमन के विवादित बयान और 26 मार्च को सांसद के आवास पर करणी सेना के विरोध प्रदर्शन के बाद माहौल बहुत गर्मा गया था। इसी दौरान करणी सेना की युवा इकाई के अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने एक वीडियो जारी कर घोषणा की थी कि करणी सेना 12 अप्रैल को आगरा में राणा सांगा की जयंती मनाएगी। राणा ने इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए खुद के भी आगरा पहुंचने का ऐलान किया था।
पुलिस करणी सेना के इस ऐलान को नई परम्परा की शुरुआत मानते हुए कार्यक्रम की अनुमति देने नहीं देना चाहती। पिछले दिनों क्षत्रिय समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने जब पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गौड़ से इस कार्यक्रम की अनुमति पर चर्चा की थी, तब भी पुलिस आयुक्त ने कहा था कि नई परम्परा शुरू करने पर शासन स्तर से रोक है। इस पर क्षत्रिय समाज के नेताओं ने कहा था कि यह नई शुरुआत नहीं है। राणा सांगा की जयंती पहले से भी क्षत्रिय सदन में मनाई जाती रही है। इस बार केवल स्थान परिवर्तन है, जिसकी अनुमति वे चाहते हैं।
करणी सेना की महिला पदाधिकारी सक्रिय है आगरा में
12 अप्रैल को राणा सांगा की जयंती का कार्यक्रम करणी सेना अपने बूते ही करना चाहती है। इसके लिए संगठन की ओर से संगीता सिंह को अनुमति की औपचारिकताओं के लिए आगरा भेजा गया है। संगीता सिंह अधिवक्ता हैं और वे कार्यक्रम की अनुमति पाने के लिए भागदौड़ भी कर रही हैं। करणी सेना एत्मादपुर के गढ़ी रामी में यह कार्यक्रम आयोजित करना चाहती है। इसके लिए खेत आदि खाली करा लिए गए हैं, लेकिन पुलिस ने अभी अनुमति नहीं दी है।
असहज महसूस कर रहे आगरा के क्षत्रिय संगठन
राणा सांगा जयंती के कार्यक्रम को लेकर आगरा के क्षत्रिय संगठन असहज महसूस करने लगे हैं। दरअसल करणी सेना के ऐलान के बाद क्षत्रिय सभा ने भी अपनी एक बैठक कर राणा सांगा की जयंती मनाने का ऐलान किया था। जैसे-जैसे कार्यक्रम की तिथि नजदीक आ रही है, स्थानीय क्षत्रिय संगठनों के बीच यह ही स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि कार्यक्रम का क्या स्वरूप रहेगा और इसमें उनकी क्या भूमिका रहेगी।
आगरा के क्षत्रिय संगठनों में भ्रम की स्थिति
राणा सांगा की जयंती मनाने की तैयारियों में जुटी करणी सेना सब कुछ राजस्थान और हरिय़ाणा से संचालित कर रही है। आगरा के कुछ क्षत्रिय नेताओं ने जब करणी सेना के राष्ट्रीय पदाधिकारियों से वार्ता की तो उन्होंने जिस तरह आगरा के लोगों को टके से जवाब दिए, उससे आगरा के संगठनों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। आगरा के क्षत्रिय संगठनों के लोग दबी जुबान से कह रहे हैं कि सब कुछ करणी सेना वाले राजस्थान और हरियाणा से संचालित करना चाहते हैं। उन्हें शायद आगरा के संगठनों के सहयोग की दरकार नहीं है।
आगरा पुलिस से लेकर शासन तक सतर्कता
करणी सेना के राणा सांगा जयंती आगरा में मनाने के ऐलान के बाद आगरा पुलिस से लेकर लखनऊ में शासन में बैठे अधिकारी सतर्क हो चुके हैं। शासन आगरा पुलिस से पल-पल की जानकारी ले रहा है। शासन स्तर से आगरा पुलिस को निर्देश भी मिल रहे हैं। कोई नई मुसीबत न पैदा होने देने के लिए ही आगरा पुलिस ने अभी तक इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी है। यही नहीं, पुलिस जिले भर के थानों के जरिए गांव-गांव उन लोगों को धारा 168 के नोटिस दे रही है, जिनके 12 अप्रैल के कार्यक्रम से जुड़ने का पुलिस को संदेह है।
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