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बैजंती देवी ग्रुप ऑफ स्कूल के संस्थापक विद्या शंकर शर्मा की प्रथम पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन

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Agra, Uttar Pradesh, India. बैजंती देवी ग्रुप ऑफ स्कूल के संस्थापक स्वर्गीय विद्या शंकर शर्मा की प्रथम पुण्यतिथि के मौके पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में देश के जाने माने कवियों ने काव्य पाठ कर श्रोताओं की जमकर तालियां बटोरी। हास्य व्यंग कवि पवन आगरी के कुशल संचालन में श्रृंगार, वीर रस और गीतों की बहार ने कार्यक्रम में समां बांध दिया। कार्यक्रम माथुर वैश्य महासभा भवन में हुआ।

देश के जाने-माने गीतकार शशांक प्रभाकर (आगरा) ने काव्य पाठ की शुरुआत में ऐसा कुछ कहा कि हर कोई  वाह-वाह कहने कहा। उनके लम्बे बाल हर किसी को आकर्षित करते हैं। जब वे काव्यपाठ करते हैं बालों को विशेष अंदाज में झटकते हैं। पूरा माहौल ही बदल देते हैं। उनके कुछ मुक्तक-

 

अच्छा करेगा काम तो जन्नत में जाएगा

होगा बुरा शख्स तो अदालत में जाएगा,

झूठ बोलने का तरीका जिसे आ जाए

तय है कि वह सियासत में जाएगा

 

दुआ हो, बद्दुआ सब कुछ सलीक़े से उठाता  हूँ

मैं खुलकर के परिंदों की तरह उड़ना सिखाता हूँ

तुम्हें है ये गुमां तारों के रोशन है जहाँ तुमसे

मैं जुगनू हूँ अंधेरी रात में रास्ता दिखता हूँ

 

दुनिया में वफ़ाओं  का सिला कौन करेगा

दुखते हुए ज़ख़्मों की दवा कौन करेगा

ख़्वाहिश है मेरी , मेरे सलामत रहें दुश्मन

वरना मेरे जीने की दुआ कौन करेगा

 

किसी के इश्क़ ने क़िस्मत सँवार कर रख दी

हमने जीती हुई बाज़ी भी हारकर रख दी

टूटते घर को बचाने के लिए बाप ने फिर

बेटे के पैरों में पगड़ी उतार कर रख दी

उन्होंने मुक्तकों के माध्यम से वर्तमान राजनीति पर जमकर प्रहार किया तो वही गुस्ताखी के लिए मुख्य अतिथियों से कह दिया- हम तो कवि हैं हम तो कहेंगे। अपने गीतों में उन्होंने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के साथ समाज की दिशा दशा पर भी चिंतन जताया।

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कवि सम्मेलन में मौजूद सांसद राजकुमार चाहर एवं वरिष्ठ पत्रकार

वीर रस के कवि एलेश अवस्थी ने ओज रस की वाणी से श्रोताओं में जोश भर दिया। उन्होंने अपनी रचना भारत मां की जय बोलो और इस मातृभूमि की धरती को मात्र जमीन का टुकड़ा न समझो गीत के माध्यम से भारत माता की महिमा का वर्णन किया। वीर रस की कविताओं के साथ अवस्थी ने  काव्य पाठ के बीच बीच में हास्य रस की फुहार ने भी श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।

श्रृंगार रस की कवयित्री मीरा दीक्षित (हाथरस) ने अपनी काव्य वाणी से भगवान श्री कृष्ण और मीरा के अगाध प्रेम का मार्मिक वर्णन सुनाया। कोई इल्जाम  सर पर लेकर हमारे दर पर आया है गीत के माध्यम से मीरा दीक्षित ने श्रोताओं को श्रीकृष्ण और मीरा की भक्ति रस में रमा दिया। उन्होंने अपने गीत- कितनी बार ओ मोहन तूने आजमाई, हजारों जन्म में भी तू कभी हो नहीं सका मेरा, अब तो मैं तेरे दर मीरा बनकर आई का भक्तिमय काव्य पाठ प्रस्तुत किया।

कवि सम्मेलन का कुशल संचालन कर रहे हास्य रस के कवि पवन आगरी (आगरा) अपने व्यंग्य की फुलझड़ियां से श्रोताओं को हंसाते रहे। अंतिम कवि के रूप में पवन आगरी ने आदिकालीन परिदृश्य को बॉलीवुड के साथ जोड़कर मातृशक्ति की ताकत पर काव्य पाठ किया। पवन आगरी की इस कविता पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई। उन्होंने विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल की हार पर शोध किया। रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने हार का कारण तलाशने के लिए कहा था। उन्होंने दो दिन के शोध के बाद जयंत चौधरी को फोन करके कहा- जहां हम हारे हैं, वहां इस कारण हारे कि वोटर ने वोट नहीं दिया। यह सुनकर हर कोई ठहाके लगाने लगा।

मुख्य अतिथि के तौर पर आए भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं फतेहपुर सीकरी से सांसद राजकुमार चाहर ने कवियों के काव्य पाठ को खूब सराहा और जमकर तालियां बजाईं। भूमि विकास बैंक के चेयरमैन श्याम भदौरिया, राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सोनू चौधरी भी काव्य पाठ के दौरान कवियों की रचनाओं पर तालियां बजाने से नहीं रुक सके। कार्यक्रम के अंत तक मुख्य अतिथियों के साथ माथुर वैश्य सभागार खचाखच भरा रहा।

Dr. Bhanu Pratap Singh