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Agra, Uttar Pradesh, India. कला एवं संस्कृति प्रभाग ब्रह्माकुमारीज एवं नृत्य ज्योति कथक केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर ईदगाह स्थित प्रभु मिलन केंद्र पर कला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न कला क्षेत्र से आए कलाकारों द्वारा विचारों के माध्यम से कला का आदान-प्रदान, जीवन पर कला का सकारात्मक प्रभाव, कलाओं का परस्पर संबंध संवाद के विषय रहे।
प्रारंभ में दीप प्रज्ज्वलन द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। बाल कलाकारों द्वारा अतिथियों का स्वागत, स्वागत नृत्य, राजस्थानी नृत्य, बृज के लोकनृत्य एवं कत्थक नृत्य की प्रस्तुति की गई। गर्विता दास ने विश्व नृत्य दिवस तथा अमिशी खंडेलवाल ने विदेशी नृत्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन कथक केंद्र के बच्चों अक्षदा चौहान और मेहुल वर्मा ने किया विभिन्न नृत्य प्रस्तुतियों में आरना, आव्या, तिमाना, पावनी, शिवन्या, निमिषा, वाणी, दर्शना, आरती, अंशु, अग्रिमा, यशिका आदि ने दी।

कला संवाद में बीके अश्विना दीदी, ज्योति खंडेलवाल, देवाशीष गांगुली, डॉ. रेखा कक्कड़, रमा श्याम, रितु गोयल, रिमझिम सचदेवा नेभाग लिया। संचालन श्रुति सिन्हा ने किया। विश्व नृत्य दिवस पर पर गीता गांगुली, डॉक्टर अशोक सिंह चित्रकार का सम्मान किया गया।

कला संवाद में बीके अश्विना दीदी ने बताया कि वही है कला जो करे सबका भला। नृत्य एक साधना है। आज के वैज्ञानिक युग में अवसाद से मुक्ति में दवा से अधिक सहायक कला है। भारतीय संस्कृति में देवी देवताओं का महारास, शंकर जी का तांडव नृत्य प्रसिद्ध है।
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