जैन श्वेताम्बर मंदिर में राधा-कृष्ण बने बच्चों ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम
नृत्य प्रस्तुति, कृष्ण-सुदामा मिलन, मां ने दो साल की बच्ची के साथ डांस किया
Agra, Uttar Pradesh, india. जैन साध्वी ऋजुमना महाराज की निश्रा में श्री हीरविजय सूरि उपाश्रय, चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर, रोशन मोहल्ला में जन्माष्टमी की धूम रही। जैन समाज के बच्चों ने राधा और कृष्ण के अनुपम रूप धरे। कोई राधा बना तो कोई यशोदा। कोई बांसुरी बजैया बना तो कोई माखन चुराने वाला नटखट। जन्माष्टमी पर बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। मटकी फोड़ लीला भी हुई। भगवान नेमिनाथ और श्रीकृष्ण प्रसंग के जीवंत प्रदर्शन ने सभी को प्रेरणा दी। श्रावक-श्रीविकाओं का ऐसा भक्तिभाव जगा कि हर कोई भगवान नेमिनाथ और श्रीकृष्ण की जयकार करने लगा। उल्लेखनीय है कि जैन धर्म का मानना है कि श्रीकृष्ण अगले तीर्थंकर के रूप में जन्म लेंगे।
गौरव जैन श्री कृष्ण के रूप में और खुश जैन तीर्थंकर नेमिनाथ के रूप में आए। यह प्रसंग इस प्रकार है- महाभारत युद्ध के बाद नेमिनाथ भगवान से कृष्ण भगवान ने अपने नरक बंद (नरक में जाना) का कारण जानना चाहा। इस पर नेमिनाथ भगवान ने कहा कि हिंसा के कारण नरक में जाना होता है। श्रीकृष्ण ने इससे मुक्त होने का उपाय पूछा तो नेमिनाथ भगवान ने कहा कि 84 हजार जैन साधुओं को नमन करो। श्रीकृष्ण ने ऐसा ही किया और नरक बंद कम हुआ है। श्रीकृष्ण अगली चौबीसी में जैन तीर्थंकर बनेंगे, तब नरक बंद समाप्त होगा। धीरज ललवानी साधु बने। पूरे प्रसंग की जीवंत प्रदर्शन किया गया।

अथर्व और सान्वी ने राधा और कृष्ण के रूप में नृत्य किया। राधा का का रूठ जाना और कृष्ण द्वारा मनाने का अभिनय किया तो हर कोई वाह-वाह करने लगा। दो वर्ष की जोई और उसकी मां पुरवा ने श्रीकृष्ण और यशोदा का का रूप रखा। दोनों ने मां यशोदा और कृष्ण का अभिनय किया तो सब कृष्ण की जय-जयकार करने लगे। पूर्वांश कोठारी जब कृष्ण रूप में बांसुरी बजाते हुए सबके सामने आए तो सबको मोह लिया।
कृष्ण-सुदामा मिलन के प्रेरक प्रसंग की प्रस्तुति हुई। गर्व जैन ने सुदामा का रूप धरा। आरब जैन ने श्री कृष्ण का रूप धारण किया और उनके साथ राधा रूप में दो बच्चियां रिषका और अविशा ने मनभावन नृत्य प्रस्तुति दी। आरव जैन, वेदांत जैन, नक्श जैन भी कृष्ण बनकर आए।

जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने सभी प्रतियोगियों को उपहार भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन दुष्यंत जैन एवं रुचि जैन ने किया। इस मौके पर वीर चंद गादिया, विमल जैन, अंकित पाटनी, दुष्यंत जैन, प्रकाश वेद, अर्पित वेद, दिनेश गादिया, धीरज ललवानी, उषा बहन, संगीता लोढ़ा, सुमन, रीटा ललवानी, ममता, कविता जैन, मोना बोहरा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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