Agra, Uttar Pradesh, India. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ. प्र. की प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार ने बताया कि 11 नवम्बर से 13 नवम्बर 2022 तक बेंगलुरु (कर्नाटक) में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, नई दिल्ली का आठवां राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश के शिक्षकों व कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दिये जाने के मुद्दे को महासंघ के राष्ट्रीय माँग-पत्र में सम्मिलित कर लिया है।
पुरानी पेंशन लागू करने, वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय दिये जाने, मदरसों में समान पाठ्यक्रम लागू करने आदि माँग को महासंघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में जोर शोर से उठाया गया। इसके अलावा तदर्थ नियुक्तियों की व्यवस्था को समाप्त कर सम्पूर्ण देश में सभी स्तरों पर शिक्षकों के रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति की जाए, सभी शिक्षकों को निःशुल्क स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाए, केन्द्र सरकार अपने बजट का 10 प्रतिशत तथा राज्य सरकारें अपने बजट का 30 प्रतिशत धनराशि शिक्षा पर व्यय करने का प्रावधान करें, शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगायी जाए, प्राथमिक संवर्ग के शिक्षकों को विधान परिषद के स्नातक व शिक्षक के निर्वाचन में मताधिकार की व्यवस्था की जाए, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को सम्पूर्ण देश में समान रूप से लागू किया जाए, सेवानिवृत्त की आयु 65 वर्ष की जाए, शिक्षकों को मिड-डे-मील आदि योजनाओं से मुक्त रखा जाए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सम्पूर्ण देश में एक समान रूप से लागू किया जाए, आदि को माँग-पत्र में शामिल किया गया है।
साथ ही महासंघ की वर्षभर के कार्यक्रमों की योजना तैयार की गयी है। आगामी कार्ययोजना में न्यूनतम 1000 विद्यालयों का कायाकल्प करने, देश के 300 महाविद्यालयों में संगठनात्मक संरचना खड़ी करने, फरवरी 2023 में जनसंख्या नीति को केन्द्र मानकर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करना आदि पर कार्य किया जाना है।
- जलेसर में योगी आदित्यनाथ गरजे- सपा सरकार में माफिया सरकार चलाते थे, आज माफिया का सामना पुलिस से होते ही उसकी पेंट गीली हो जाती है - April 28, 2024
- McAfee का सर्वे, पहले की तुलना में डीपफेक के बारे में ज्यादा चिंतित है लोग - April 28, 2024
- इसराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम के प्रयास, रियाद पहुंच रहे हैं एंटनी ब्लिंकन - April 28, 2024