Chaudhary Udaybhan singh

दिव्यांश चौधरी प्रकरण में पूर्व मंत्री चौ. उदयभान सिंह ने किए सनसनीखेज खुलासे, साक्ष्य के लिए फोटो और वॉट्सअप, इंस्टाग्राम चैटिंग प्रस्तुत की, नार्को टेस्ट की मांग

Crime

दिव्यांश और लड़की के सात साल से अंतरंग संबंध, महाजन परिवार सबकुछ जानता है

लड़की ने शादी का झांसा देकर दिव्यांश का आर्थिक शोषण किया, मतलब निकल जाने के बाद रवैया बदला

दिव्यांश ने ही लड़की की नौकरी लगवाई, वॉट्सएप करके लखनऊ और जयपुर बुलाती थी, चैटिंग और फोटो इसके प्रमाण

लड़की पांच नामों से फेसबुक चला रही है, पांच लड़कों से भी बात करती है

लड़की और उसके पिता का नोर्को पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाए ताकि कथित ‘बेचारों’ की सच्चाई समाज के सामने आ सके

एकतरफा समाचार प्रकाशित करके मेरी बेदाग छवि को धूमिल किया जा रहा

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. इन दिनों आगरा में उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह के नाती दिव्यांश चौधरी का प्रकरण चर्चा में है। आरोप है कि दिव्यांश ने जूता व्यवसायी विवेक महाजन और उसकी बेटी पर कार चढ़ाने की कोशिश की। इस मामले में 5 दिन से मीडिया ट्रायल चल रहा है। इससे परेशान चौधरी उदयभान सिंह ने चुप्पी तोड़ी। विवेक महाजन की पुत्री और दिव्यांश चौधरी की प्रेम कहानी में कई सनसनीखेज खुलासे किए। इस संबंध में साक्ष्य भी दिए। साथ ही विवेक महाजन और उसकी बेटी का नार्को टेस्ट कराने की मांग की ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने पुलिस को भी आरोपित किया। अपनी बातों के साक्ष्य के रूप में वॉट्सअप और इंस्टाग्राम चैटिंग तथा फोटो प्रस्तुत किए।

क्या है घटना

आरोप है कि 15 अप्रैल, 2024 की रात शाहगंज के कोठी मीना बाजार रोड पर दिव्यांश चौधरी ने जूता व्यवसाई विवेक महाजन और उनकी बेटी पर कार चढाने का प्रयास किया था। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। परिजनों और पड़ोसियों ने सड़क पर जाम लगा दिया था। पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पांच दिन से पुलिस दिव्यांश को तलाश कर रही है। उदयभान सिंह के घर पर भी पुलिस आ चुकी है।

मीडिया ट्रायल

इस घटना को लेकर मीडिया हर दिन समाचार प्रकाशित कर रहा है। इसमें दिव्यांश के साथ चौ. उदयभान सिंह को भी लपेटा जा रहा है। यह संदेश दिया जा रहा है कि घटनाक्रम के लिए चौधरी उदयभान सिंह ही जिम्मेदार हैं। इससे दुखी चौधरी उदयभान सिंह ने शांति स्वीट्स हसनपुरा पर पत्रकारों को बुलाया और अपनी पीड़ा व्यक्त की। इस बात से हैरान हैं कि मीडिया गहराई से विवेचना किए बिना दूसरे पक्ष को दोषी ठहरा चुका है जबकि यह काम न्यायालय का है।

क्या किए खुलासे

चौ. उदयभान सिंह ने कहा- मैंने अपने पौत्र का कोई बचाव करने की क्रिया प्रतिक्रिया नहीं की है। जब से जन्म लिया है, तब से मेरे साथ नहीं रहता है। वह अपने नाना-नानी के यहां रह रहा है। अब 25 वर्ष की आयु का है। जो गलती करेगा, वह भरेगा। लेकिन मीडिया ने मुझको ऐसा प्रस्तुत किया है जैसे सारा दोष मैंने किया है। न तो मेरा पौत्र हत्या करने के लिए गया। महाजन परिवार की बिटिया ने मेरे पौत्र को ठगा है। मानसिक और आर्थिक शोषण किया है। सामाजिक प्रतिष्ठा का शोषण किया है। वह उसके साथ वर्षों से अंतरंग संबंधों में थी। वह लगातार बात करती थी। इसके भी प्रमाण हैं। उसके तमाम लड़कों से संबंध थे, इसके भी प्रमाण हैं। पुलिस ने दिव्यांश के खिलाफ धारा 307 गलत लगाई है, उसके भी प्रमाण मेरे पास हैं।

उन्होंने कहा- संविधान में मुझे अपना पत्र रखने का अधिकार दिया है। मैं न्यायालय की शरण में हूँ। न्यायालय जो कहेगा, उसका मैं आदर करूंगा। कानून से बड़ा दुनिया में कोई नहीं है। मेरी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाना एकतराफ समाचार देना, एकतरफा बोलना मेरे लिए बहुत बड़ा अन्याय है।

चौ. उदयभान सिंहने कहा- मैं किसी बिटिया की बात को सार्वजनिक नहीं करना चाहता लेकिन मीडिया ट्रायल ने मजबूर कर दिया है। मैं मीडिया से प्रार्थना करता हूँ कि दोनों पक्षों को गहराई से देखे। शांति स्वीट्स पश्चिमपुरी का मालिक दिव्यांश चौधरी था, उसमें ताला लग गया है। उसकी पूरी दौलत महाजन परिवार खा गया। ब्लैकमेल करना चाहता है। समाचार पत्र ने जिस प्रकार मुझे प्रस्तुत किया है, उस मामले में मेरा दूर-जूर तक कोई संबंध नहीं है। मैं पौत्र के साथ खड़ा नहीं हूँ, हां, राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में दुनिया के साथ खड़ा होता हूँ तो अपने पौत्र के साथ खड़ा होता हूँ तो बहुत बड़ा अन्याय नहीं कर रहा हूँ।

इस घटनाक्रम में लड़की मिलीभगत के सवाल पर कहा कि लड़की के माता-पिता ने ही सबकुछ खाया है, लूटा है। महाजन, उनकी पत्नी और सारे लोगों को मालूम है। दिव्यांश उसके उसके घर पर जाता था, जयपुर और लखनऊ भी जाता था। मुझे लगता है कि दिव्यांश को सबक सिखाने के लए बुलाया और इस प्रकार की घटना कर दी।

दिव्यांश चौधरी के चाचा डॉ. संजीव पाल सिंह ने कहा- दिव्यांश चौधरी के खिलाफ एकतरफा मीडिया ट्रायल चल रहा है। इस कारण पुलिस दबाव में है। अगर वह पुलिस के सामने गया तो एकतरफा जेल भेज देगी। इसी कारण हम न्यायालय की शरण में गए हैं।

उन्होंने कहा कि लड़की ने दिव्यांश चौधरी को सोशल मीडया पर और उसका फोन एक माह पहले ब्लॉक कर दिया था। उसने किसी माध्यम से खबर भेजी कि ट्रेन से आगरा फोर्ट पर आ रही हूँ, लेने आ जाओ। जब वह लेने गया तो आधा घंटा बाद दूसरी ट्रेन से आई। वह यह देखना चाहती थी कि दिव्यांश बुलावे पर आता है या नहीं। फिर उसने दिव्यांश को अपने घर पर बुलाया ताकि सबक सिखाया जा सके। जब वह घर गया तो उस पर हमला करने का प्रयास किया, इसी कारण उसने गाड़ी आगे और पीछे की। अंत में वह गाड़ी को बैक में लेकर भागा और अपनी जान बचाई। अगर उसे गाड़ी चढ़ानी होती तो पीछे ले जाकर क्यों भागता। दिव्यांश चौधरी निर्दोष है और उसे साजिश के तहत फँसाया जा रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि लड़की की फेसबुक पर पांच अकाउंट हैं। इसके साथ ही वह नियमित रूप से पांच लड़कों से बात करती थी। फेसबाक खाता और लड़कों के नाम भी बताए। साफ है कि वह सबका शोषण कर रही थी। उसने दिव्यांश को शादी का झांसा दिया था। जब दिव्यांश ने शादी के लिए दबाव डाला तो उसने पीछा छुडाने के लिए गाड़ी से कुचलने की घटना की साजिश रची।

चौधरी उदयभान सिंह ने पत्रकारों को जो लिखकर दिया है, वह इस प्रकार है। इसमें हमने अखबार का नाम छिपा लिया है-

  1. मेरा पौत्र दिव्यांश कभी भी मेरे साथ में नहीं रहा है।
  2. वह जन्म से ही अपने-नाना-नानी (प्रेमसिंह वर्मा जोकि प्रतिष्ठित परिवार के हैं जिनके पिता एवं माता ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भागीदारी करके जेल यात्राएं की हैं एवं उनकी सगी मौसी चम्पावती 1972 में विधायक रही हैं एवं श्रीमती इन्दु वर्मा) और अपनी माता श्रीमती सीमा चौधरी के साथ 575, पश्चिमपुरी, आगरा में रहता है।
  3. मेरे यहां यदा-कदा ही आता-जाता अवश्य है।
  4. उसका लालन-पालन एवं देखभाल अत्यन्त अनुशासत्मक परिवेश में उसके नाना-नानी एवं माता के द्वारा किया गया है।
  5. समाचार पत्र के द्वारा दिनांक 19 अप्रैल, 2024 को मेरे पौत्र का जो फोटो पुलिसकर्मियों के साथ छापा है वह मेरे मंत्री रहते हुए मुझे मिले सुरक्षा गार्ड के साथ का है जो लगभग लगभग 4 वर्ष पुराना है, मुझे लगता है कि इस फोटो के प्रकाशन का अब कोई औचित्य नहीं था।
  6. मेरे पांच पुत्र हैं जो अपनी कमाई के संसाधनों से अपना खर्च वहन करते हैं। उनके द्वारा स्वयं के बल पर अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा अर्जित की गयी है। मुझ पर मेरा कोई भी पुत्र आश्रित नहीं है।
  7. मैं अपने तरीके से जीता हूँ और शेष जीवन को पूरा करने के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूँ।
  8. मेरे नाम को समाचार पत्रों में घसीटना नितान्त अशोभनीय है। मेरा पूरा जीवन समाजहित में एवं गरीबों, निःसहायों की सेवा एवं सहायतार्थ बीता है। लगभग 40 वर्ष से बिना किसी सरकारी सहायता के मेरे एवं मेरे पुत्रों द्वारा स्वयं के आर्थिक संसाधन जुटाकर गरीबों एवं निःसहायों के इलाज के लिए प्रत्येक माह की 18 तारीख को निःशुल्क स्वास्थ शिविर को आयोजित किया जा रहा है जिसमें गरीब लोगों की बीमारियों के निदान हेतु शहर के कई वरिष्ठ चिकित्सक बुलाये जाते हैं एवं एस.एन.मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराकर उनका समुचित नेत्र लैन्स प्रत्यारोपण कराया जाता है एवं अन्य बीमारियों में समुचित इलाज का प्रबन्ध कराया जाता है तथा सुबह-शाम उनके नाश्ता एवं खाने की व्यवस्था मेरे स्तर से की जाती है। इसकी सूचना समय-समय पर समाचार पत्रों में देखी जा सकती है।
  9. विवादित लड़की की मेरे पौत्र के साथ लगभग 7 वर्ष से मित्रता में है एवं उनके अन्तरंग सम्बन्ध रहे हैं। इसके साक्ष्य प्रस्तुत कर रहा हूँ।
  10. लड़की के पिता विवेक महाजन इस समस्त वृतान्त से पूर्णरूपेण परिचित हैं। सम्बन्धित लड़की भी प्रतिदिन 6 से 8 घंटे दिव्यांश के साथ रहती और घूमती थी। कई बार ये 2-3 दिन आगरा से बाहर भी रहे हैं। मेरे पौत्र की शादी के लिए अच्छे-अच्छे प्रतिष्ठित परिवारों के लोग मेरे पास आते रहे, परन्तु इस लड़की के कारण ही मेरे पौत्र ने रिश्तों को स्वीकार करने से साफ मना कर दिया था।
  11. मेरे पौत्र ने अपने परिवार के व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं खेती की समस्त आय को उस लड़की पर खर्च करके मेरी पुत्रवधु (दिव्यांश की माँ) को बहुत बड़ी आर्थिक हानि पहुंचायी है। यह समस्त धन महाजन परिवार उससे लेता रहा है। इसके लिए लड़की का एवं उसके पिता का नार्को पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जाए ताकि इनकी असलियत समाज के सामने उदघाटित हो सके।
  12. मेरे पौत्र ने उसकी पढ़ाई का सारा व्ययभार वहन किया है एवं उसकी नौकरी पहले फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा तदोपरान्त लखनऊ में अपने आर्थिक संसाधनों का उपयोग करके लगवायी। लखनऊ में अमीषा महाजन के रहने एवं अन्य व्यय के लिए धन की व्यवस्था भी मेरे पौत्र दिव्यांश चौधरी ने की है। लड़की ने ही लखनऊ और जयपुर आने को कहा है और इसके विपरीत परिवार आरोप लगा रहा है कि जबरन पहुँचा। वॉट्सएप चैटिंग और दोनों के फोटो इसका प्रमाण हैं। मैं ये प्रमाण आपको दे रहा है।
  13. मेरे पौत्र से शादी का वादा/झांसा अन्तिम समय तक देती रही।
  14. नौकरी लगने के बाद अमीषा महाजन एवं इसके परिवारजनों ने मेरे पौत्र का अच्छी-खासी धनराशि का आर्थिक शोषण करके अपना मतलब निकल जाने के बाद अचानक अपना रवैया बदलते हुए अपनी बदनीयती का परिचय दिया है।
  15. अमीषा महाजन को समस्त प्रकार से आर्थिक, मानसिक सहयोग करने के बाद भी उसके इस प्रकार के व्यवहार से मेरे पौत्र को बहुत गहरा मानसिक आघात लगा है। वह इस प्रकार के धोखे को एवं समाचार पत्रों के माध्यम से करायी जा रही बदनामी करने की अपेक्षा कदापि सपने में भी नहीं की थी, क्योंकि मेरे पौत्र की समाज में एक प्रतिष्ठा है। जिसको इन दोनों बाप-बेटियों द्वारा नैतिकता की तमाम सीमा गिराते हुए जो कृत्य किये जा रहे हैं वह हमारे संस्कारों में नहीं हैं। भले वे लोग अपने संस्कारों में इस तरह की अत्यन्त घृणित एवं निंदनीय गिरावट को उचित मानते हों।
  16. इन सब परिस्थितियों में समाचार पत्र द्वारा सही-सही सत्य के सम्बन्ध में मेरा, मेरे पौत्र का, मेरी पुत्रवधू सीमा चौधरी का पक्ष जाने बिना एवं बिल्कुल सही स्थितियों की पड़ताल किये बिना ही समाचार प्रकाशित करना एवं असीमित कुप्रचार करना कहां तक उचित है, आप स्वयं विचार करें। पुलिस रिपोर्ट में दिव्यांश का नाम लिखा है, मेरा नहीं। समाचार पत्र में मेरा नाम बार-बार लिखा जा रहा है तो मेरा पक्ष भी लिया जाना चाहिए, जो समाचार लेखन की सामान्य सी नीति है।
  17. मुझे पूरा डर है कि समाचार-पत्र में रोजाना छप रहे अन्यायपूर्ण एवं बिना तथ्यों की जांच किये अनर्गल समाचारों से मेरे पौत्र की मानसिक स्थिति पर विपरीत असर पड़ने के साथ ही उसकी जान को भी खतरा हो सकता है।
  18. आगरा के सम्मानित समाज के जागरूक मुखियाओं से आग्रह है कि वे प्रथम साक्ष्य को देखें, समझें, साक्ष्य मांगें, इसके बाद ही परिवार के मान-सम्मान पर बात करें।
  19. मैं बिना किसी जातिगत, धर्मगत भावना को मनस्थ रखकर समस्त समाजों के सभी निर्बल एवं सबल लोगों की सेवा करते हुए, अत्यन्त सादगी, सीमित और विवादों से दूर रहकर 80 बसन्त पूरे करने जा रहा हूँ। मेरी बेदाग राजनीतिक छवि एवं मेरी सभी जातियों एवं धर्मों में सामाजिक प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचाने की कुमंशा से मेरा नाम घसीटकर अपमानित करने का समाचार पत्र ने अत्यन्त निंदनीय प्रयास किया है। समाचार पढ़ने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्रतिष्ठित समाचार पत्र अपनी अत्यन्त समृद्धशाली पृष्ठभूमि तथा गरिमापूर्ण स्थिति के विपरीत तथ्यों की गहनता से जाँच पड़ताल किये बिना एक तरफा समाचार प्रकाशित करके मेरी एवं मेरे परिवार की छवि को धूमिल करने के लिए मेरे विरुद्ध प्रायोजित समाचार प्रकाशित कर रहा है।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh