पद्म विभूषण धर्मचक्रवर्ती तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य के श्रीमुख से कथा सुनने उमड़ रहे हैं लोग
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Agra, Uttar Pradesh, India. ताजमहल के शहर आगरा के कोठी मीना बाजार पर चित्रकूटधाम बने कथा स्थल पर श्री राम कथा के दूसरे दिन पद्म विभूषण धर्मचक्रवर्ती तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने भक्तों को आनंद की अनुभूति दिलाई। राम जी के भजनों से कथा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा राम युवा है। युवा वर्ग राम की वास्तविकता को समझने लगा है। राम युवा हैं और राम निरंतर युवक है। जिन्होंने राम का अपमान किया उनका राजनीतिक भविष्य समाप्त है। अब जनता उन्हें स्वीकार नहीं करेगी। विदेशों में प्रतिदिन रामचरित मानस पढ़ा जा रहा है।
गौ हत्या बंद हो
यजमानों के पूजन के बाद तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने मंच पर कवि पवन आग्नेय और चेतन चर्चित को आमंत्रित किया। उन्होंने रामचरितमानस और भगवान राम पर कविता से रामभक्तो में जोश भर दिया। उसके बाद कृष्णानंद बाबा ने मंच से भारत में हो रही गौ हत्या पर अपने विचार रखे और कहा कि गौ हत्या बंद होनी चाहिए।
हरि कृपा से मिलते है संत
विवेक प्राप्त करना है तो संतों के चरणों में बैठने का अभ्यास करो। बिना सत्संग के विवेक प्राप्त नहीं होता। संतों के संग से ही विवेक मिलता है। बिना हरि की कृपा के संत नहीं मिलते। एक तो संत बुलाकर मिलते हैं और एक संत आकर मिलते हैं। शिवजी अगस्त जी से और उपाधि से कौवा से कथा सुन रहे हैं। शिव कथा सुनी और सती का मन रामभद्र में, सती जी का मंदिर भद्र में। कथा जीव के मन में भगवान से मिलने की तड़पन जगा देती है।

शंकर और राम मिलन की कथा
जब आपस में शंकर जी और राम जी मिले तो शंकर जी ने राम जी का को अपना परिचय नहीं बताया। उनके विवेक ने नहीं कहा। दोनों एक दूसरे को देख रहे हैं। उन्होंने एक दूसरे से बात नहीं की। यही दोनों का विवेक है। अभी अपना कर परिचय करना ठीक नहीं। जो रामचंद्र जी को प्रणाम करता है उनका परिणाम मंगलमय हो जाता है। शिवजी के पांच सिर और पांच मुख हैं। स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा- कथा को एकाग्र होकर सुनो, आपके घर की रक्षा हनुमान जी करेंगे। शंकर जी ने सती जी को बहुत समझाया कि उन्हें विवेक मिल जाए। सती जी ने शिवजी को संत ना मानकर सिर्फ पति माना। भगवान की परीक्षा नहीं प्रतीक्षा की जाती है। परीक्षा लेने के लिए सीता जी का रूप धर के राम जी से आगे आगे चलने लगी, लक्ष्मण ने देख लिया और कहा मेरी मां का रूप बना लिया है, मेरी मां राम जी के आगे नहीं, पीछे चलती हैं।
संतों के देखने से भगवान याद
महिला का युवावस्था में सम्मान होता है पर विद्वान का वृद्धावस्था में सम्मान होता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है तो भोजन से भजन में मन लगता है। संत होना जीव का सबसे बड़ा सौभाग्य है। भगवान का नाम लेने में मन में लग जाए, लीला में मन लग जाए, यही भजन हैं। संतों के संग लग जाने से व्यक्ति की बिगड़ी बन जाती है संतों के देखने से भगवान याद आ जाते हैं। भारतीय दर्शन पर चित्र नहीं चरित्र बनाता है। सभी को यह दर्शाता है संतों के यहां जाओ। चित्र नहीं चरित्र की चिंता करो। आजकल सेल्फी लेने की परंपरा हो गई।
पत्नी का अर्थ
स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने चुटकी लेते हुए अंग्रेजी के शब्द का अर्थ बताया तो विदाउट इनफॉरमेशन फाइट एवरीथिंग यानी बिना सूचना दिए पति से लड़ना।

प्रधानमंत्री ने संतों का संग लिया
भारत के प्रधानमंत्री ने संतों का संग लिया और विवेक का परिचय दिया। कश्मीर की समस्या को खत्म किया। आज हम कश्मीर में अपनी जमीन खरीद सकते हैं। अभी हमें पाक अधिकृत कश्मीर नहीं मिला है, उसके लिए हम चुप नहीं बैठ सकते हैं।
प्रो. एसपी सिंह बघेल ने भूमि पर बैठकर सुनी कथा
श्री राम कथा के दूसरे दिन केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, राज्यमंत्री असीम अरुण और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश दुबे कथा सुनने पहुंचे। उन्होंने स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज का माल्यार्पण कर शीश झुका कर आशीर्वाद प्राप्त किया। वही प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने पूरी कथा को भक्तों के साथ भूमि पर बैठकर रसपान किया। उनका कहना था कि कथा का असली आनंद भक्तों के साथ भूमि पर बैठकर ही कथा सुनने में आता है।
श्री राम कथा में आज
बुधवार को श्री राम कथा में रामलला का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने महिलाओं से अनुरोध करते हुए कहा राम जन्मोत्सव की कथा में पीले वस्त्र धारण करके ही आएं।
ये रहे दूसरे दिन के यजमान
मुख्य यजमान धनकुमार जैन, शालिनी जैन रहे। दैनिक यजमान में सुशीला चौहान, देवेंद्र गोयल, रमाशंकर अग्रवाल, संजय मित्तल, अभय गुप्ता और राकेश बघेल रहे। मंगलवार की प्रसाद व्यवस्था तपेश जैन की रही। इस अवसर पर मुख्य आयोजक सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया, डॉ. मृदुला कठेरिया, अजय अवागढ़, गौरव बंसल, केशव अग्रवाल, स्वदेश वर्मा, हरिनारायण चतुर्वेदी, विमल कुमार, अनमोल अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, सुनील मित्तल, आलोक जैन, पीयूष सिंघल, शंभू कठेरिया, ममता शर्मा, निधि बंसल, रजनी अग्रवाल, रिचा जैन, संगीता मित्तल आदि मौजूद रहे।
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