Agra News: बटेश्वर मेले में ग्रामीण पत्रकार करेंगे “उटंगन नदी” केंद्रित जागरूकता कार्यक्रम, जल संरक्षण पर होगी सार्थक पहल

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आगरा: बटेश्वर मेले के अवसर पर इस वर्ष जनपद के ग्रामीण पत्रकारों द्वारा “उटंगन नदी और जनपद की नदियों एवं जल स्रोतों पर केंद्रित जागरूकता कार्यक्रम” आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन उत्तर प्रदेश ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की जनपद इकाई के तत्वावधान में किया जाएगा।

एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर देव तिवारी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य जनपद की नदियों, उनके प्रवाह तंत्र और भूजल संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर जनजागरण फैलाना है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन इस आयोजन के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया से संपर्क कर सहयोग का आग्रह करेगी।

अरनौटा-पिढौरा का भ्रमण और सर्वेक्षण

श्री तिवारी के नेतृत्व में सोमवार को ग्रामीण पत्रकारों व सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सचिव अनिल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार असलम सलीमी और राजीव सक्सेना ने अरनौठा और पिढौरा क्षेत्र का दौरा कर उटंगन नदी के प्रवाह और तटीय स्थिति का आकलन किया।

उन्होंने बताया कि मानसून समाप्त होने के बावजूद पिढौरा से रीठे गांव तक नदी में पर्याप्त जल प्रवाह मौजूद है, जो नदी की जीवनदायिनी क्षमता को दर्शाता है।

बाह में पत्रकारों की बैठक

बटेश्वर में बाह क्षेत्र के पत्रकारों के साथ चर्चा के दौरान श्री तिवारी ने कहा कि ग्रामीण पत्रकारों के लिए जनपद की पेयजल और सिंचाई से जुड़ी समस्याओं की रिपोर्टिंग हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है।

उन्होंने कहा कि जनपद का भूजल स्तर लगातार गिर रहा है, जबकि नदियों से बहने वाली जलराशि का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा।

उन्होंने बताया कि उटंगन नदी जनपद की भूजल रिचार्ज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत है, इसलिए इस वर्ष इसी पर केंद्रित होकर कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

ग्रामीण पत्रकारों की सक्रिय भागीदारी

इस कार्यक्रम में अलख दुबे, रणवीर सिंह, राज यादव, अजय भदौरिया, असलम सलीमी (वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट), और मुकेश शर्मा (महामंत्री, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन) सहित कई पत्रकारों ने सहभागिता जताई।

सभी ने इस पहल को जनहित में एक सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इससे समाज में जल संरक्षण की चेतना को बल मिलेगा।

रेहावली बांध परियोजना — उम्मीद की किरण

गौरतलब है कि उटंगन नदी, आगरा की तीसरी सबसे बड़ी नदी है, जो खेरागढ़, फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद और बाह तहसीलों के भूजल स्तर को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभा सकती है।

रेहावली गांव में प्रस्तावित बांध से न केवल भूमिगत जलस्तर बढ़ेगा बल्कि पीने के पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा और किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त जल उपलब्ध होगा।

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, यह बांध प्रधानमंत्री की “हर घर नल, हर घर जल” योजना को साकार करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

पत्रकार राजीव सक्सेना ने कहा कि बांध निर्माण से जल संरक्षण के साथ खराब पड़े हैंडपंप पुनः चालू हो सकेंगे और जनपद की एक बड़ी आबादी को मीठा व गुणवत्तापूर्ण जल मिल पाएगा।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सचिव अनिल शर्मा ने बताया कि डॉ. मंजू भदौरिया, अध्यक्ष जिला पंचायत आगरा के कार्यकाल में उटंगन नदी को शासन-प्रशासन के समक्ष नई पहचान मिली है। रेहावली बांध के लिए उनके प्रयास जनअपेक्षाओं के अनुरूप और सराहनीय हैं।

भूजल रिचार्ज का सबसे प्रभावी स्रोत

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रस्तावित बांध बनने से शमसाबाद, फतेहाबाद, पिनाहट और बाह ब्लॉक के क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर और गुणवत्ता दोनों में उल्लेखनीय सुधार होगा।
वर्तमान में ये सभी क्षेत्र अति-दोहीत श्रेणी में हैं, जहाँ गिरते जलस्तर के कारण कई हैंडपंप बंद पड़ चुके हैं।

ग्रामीण पत्रकारों की यह पहल जन-जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण सामाजिक अभियान के रूप में देखी जा रही है।

Dr. Bhanu Pratap Singh