विद्यालय के प्रबंधतंत्र ने वरिष्ठतम के स्थान पर कनिष्ठ प्रवक्ता को बनाया है कार्यवाहक प्रधानाचार्य
इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट 1921 का उल्लंघन, डीआईओएस का निर्णय बनेगा सबके लिए नजीर
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Agra, Uttar Pradesh, India. क्वीन विक्टोरिया गर्ल्स इण्टर कॉलेज आगरा प्रकरण में शिक्षा जगत की निगाह जिला विद्यालय निरीक्षक-दो आगरा पर टिकी हुई है। उन्हें इस प्रकरण में आज सुनवाई करनी है। हर कोई जानना चाहता है कि वे क्या निर्णय लेते हैं। उनका निर्णय गलत और सही का फैसला करेगा और यह अन्य विद्यालयों के नजीर भी बनेगा। देखना यह है कि इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट के अनुसार कार्य होता है या नहीं।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार ने बताया है कि क्वीन विक्टोरिया गर्ल्स इण्टर कॉलेज आगरा में वरिष्ठतम प्रवक्ता श्रीमती प्रतिभा मैसी को विद्यालय के रिक्त प्रधानाचार्य के पद पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य का प्रभार नहीं सौपा गया है। इस विवादित प्रकरण की सुनवाई के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक-दो आगरा ने पत्र जारी कर कॉलेज के प्रबन्धक, वरिष्ठतम प्रवक्ता श्रीमती प्रतिभा मैसी और कनिष्ठ प्रवक्ता श्रीमती जोयस साइलस को 13.04.2023 को अपराह्न 3 बजे अपने कार्यालय में उपस्थित होकर साक्ष्यों सहित अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया है।
साथ ही डी0आई0ओ0एस0-2 ने 05.04.2023 को जारी पत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि निर्धारित तिथि और समय पर अगर कोई पक्ष उपस्थित नहीं होता है और अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं कर पाता है तो उसे सुनवाई के लिए अतिरिक्त समय दिया जाना कतई सम्भव नहीं है।
डॉ. नरवार का कहना है कि डीआईओएस -2 की छवि ईमानदार अधिकारी के रूप में है। आशा की जा रही है कि वे नियमों को ध्यान में रखकर ही कई निर्णय करेंगे। जहां तक नियम की बात है तो इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट 1921 में स्पष्ट है कि वरिष्ठतम प्रवक्ता को ही कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनाया जा सकता है।
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