पर्यूषण का प्राण तत्व क्षमा, इससे दूरियां मिटती हैं

RELIGION/ CULTURE

द्वितीय दिवस बच्चों ने मुनि हरिकेश बल की कहानी का नाट्य मंचन किया

चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर, रोशन मोहल्ला में चल रहे प्रवचन

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.  पर्वाधिराज पर्यूषण के द्वितीय दिवस श्री जैन अलर्ट ग्रुप के मुंबई के कैवन भाई सलोट और अहमदाबाद के नियुष भाई मेहता ने कहा कि पर्यूषण का प्राण तत्व क्षमा है। क्षमा करने से दूरियां मिटती हैं एवं आत्मीयता बढ़ती है।

स्वधर्मी वात्सल्य कर्तव्य पर भी जोर

वे जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक श्री संघ के तत्वाधान में चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर, रोशन मोहल्ला के हीर विजयसूरी उपाश्रय में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने प्रवचन में स्वधर्मी वात्सल्य कर्तव्य पर भी जोर दिया। कहा कि साधार्मिकों की भक्ति प्रत्येक जैन का विशेष दायित्व है। साधार्मिकों से यह धर्म जयवंत रहता है। धर्म केवल तपस्यादि करना नही है, किंतु जीवन जीने की एक आदर्श पद्धति भी है। प्रभावना का लाभ राजकुमार जैन, सुनील कुमार जैन एवं आशीष जैन परिवार ने लिया।

बच्चों ने दिखाई नाट्य प्रतिभा

कार्यक्रम में छोटे बच्चों ने नाट्य मंचन किया। बच्चों ने मुनि हरकेश बल की कहानी का मंचन किया। इसके माध्यम से संदेश दिया गया- “साधु अपने रूप रंग से नहीं बल्कि अपनी साधना से बड़ा होता है।” नाट्य मंचन में आरुष जैन, अरमान जैन, आरव जैन, पूर्वांश कोठारी, अर्नव जैन, नक्श बोहरा, खुश्मित जैन ने अपनी नाट्य प्रतिभा का परिचय दिया।

उल्लेखनीय उपस्थिति

इस अवसर पर अजय चौरड़िया, वीरेंद्र बोहरा, सुनील कुमार जैन, मुकेश वुरड़, पारस चौरड़िया, शैलेंद्र, विपिन वरड़िया, मनीष गादिया, रॉबिन जैन, सुलील सेठिया, राजेंद्र धारीवाल, पंकज लोढ़ा, अंकित पाटनी, राजा लोढ़ा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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Dr. Bhanu Pratap Singh