Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। किसान आंदोलन की चर्चा अब आम किसान तक पहुंच रही है। किसान संगठनों और राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता अभी तक विरोध प्रदर्शनों में नजर आ रहे थे। अब गांव गांव इस आंदोलन की चर्चा चल निकली है। ग्रामीण दिल्ली के इर्दर्गिद चल रहे आंदोलन और उसके परिणामों पर चर्चा कर रहे हैं। गांव मजरों में प्रभाव रखने वाले छोटे-छोटे किसान नेता अब सक्रिय हो रहे हैं। वह रणनीति तैयार कर रहे। अगर यह सिलसिला आगे बढा तो आंदोलनकारियों की संख्या में भारी तादात में इजाफा हो सकता है।
सोमवार को किसान ट्रैक्टर ट्रालियों में भर कर कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने के लिए जाएंगे
रविवार को गांव जाबरा में किसानों ने सोमवार के प्रस्तावित आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार की। किसानों ने गांव के माता अजाबरी मंदिर पर बैठक की। किसानों ने फैसला लिया कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान सोमवार को ट्रैक्टर ट्रालियों में भर कर कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने के लिए जाएंगे और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे। यहां किसानों का नेतृत्व कर रहे चंद्रपाल सिंह सिकरवार ने कहा कि यह आंदोलन अब उग्र हो रहा है। सरकार सख्त हो रही है। किसानों के प्रति सरकार की हमदर्दी खत्म हो रही है।
सैकडों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों में भर कर मथुरा पहुचेंगे
आंदोलन में आने वाले किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अब वह अधिकारियों और सरकार के लिए किसी सहानुभूति का पात्र नहीं रह गया है। किसानों को एकजुट होना होगा। नरेंद्र सिंह पप्पू बौहरे ने कहाकि सोमवार को जाबरा, नगला बरी, गढी हुलासी, उमरारा, पपरेला, चौकड़ा, दरवे आदि गांवों से सैकडों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों में भर कर मथुरा पहुचेंगे। बैठक की अध्यक्षता सोहन सिंह और अशोक चौधरी ने की। इस अवसर पर सत्यप्रकाश सिंह ठेकेदार, रामवीर सिंह, अवधेश चौधरी, कृपाल सिंह, राजीवर सिंह, जगदीश, रामसहाय, चंद्रपाल सिंह, भूरी सिंह आदि मौजूद रहे।
कलक्ट्रेट पर जमघट की आशंका, पुलिस ने बढाई सतर्कता
मथुरा। किसान आंदोलन की सरगर्मी लगातार बढती जा रही है। शनिवार के आंदोलन के बाद एक बार फिर कलक्ट्रेट पर राजनीतिक दलों, किसान संगठनों और कर्मचारी संगठनों के कार्यकर्ताओं के जमघट की आशंका है। किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे संगठनों ने 14 दिसम्बर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का ऐलान किया था। किसान संगठनों की ओर से घोषणा होने के बाद राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गये हैं। राजनीतिक दलों ने भी इसी दिन किसानों के समर्थन में प्रदर्शन का ऐलान कर दिया था। इसे लेकर किसान संगठनों की ओर से तैयारी की गई है। वहीं राजनीतिक दल भी किसानों के साथ होने का दावा करने के लिए प्रदर्शन कर सकते हैं। इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन अपनी तरफ से मुस्तैदी बरत रहा है।
हिरासत में लिये गये किसान रिहा
कृषि बिल का विरोध कर रहे जिन किसानों को शनिवार को अलग अलग स्थानों से पुलिस ने हिरासत में लिया था। देर शाम इन्हें रिहा कर दिया गया। यमुना एक्सप्रेस वे के जाबरा टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया था उन्हें पुलिस ने देर शाम छोड दिया। टोल प्लाजा से करीब चार दर्जन किसानों को हिरासत में लिया गया था। पुलिस अधिकारियों के आदेश के बाद इन्हें छोड दिया गया।