नोएडा । उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर 19 बच्चों की मौत के बाद उत्तरप्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग ने दवा फर्म मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया है। दवा रिकार्ड मेंटनेंस के अलावा रॉ मैटेरियल खरीद की जानकारी समय से नहीं उपलब्ध कराने पर कंपनी का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित किया गया है।
उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर इस कंपनी का कफ़ सीरप पीने से बच्चों की मौत होने का मामला सामने आने के बाद सीरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उत्तरप्रदेश के नोएडा में मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित एंब्रोनॉल और डॉक-1 मैक्स सीरप पर एक चिकित्सा उत्पाद अलर्ट भी जारी किया है।
केंद्रीय एजेंसियों और उत्तरप्रदेश औषधि विभाग के एक दल ने 29 दिसंबर को यहां कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया था और जांच के लिए छह और नमूने लिए थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को खराब गुणवत्ता वाले (दूषित) दो उत्पादों का जिक्र करते हुए ‘चिकित्सा उत्पाद अलर्ट जारी किया। ये उज्बेकिस्तान में मिले थे। डब्ल्यूएचओ के अनुसार खराब गुणवत्ता वाले चिकित्सा उत्पाद ऐसे उत्पाद हैं जो गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल रहते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा‘‘ दो उत्पाद एंब्रोनॉल सिरप और डॉक-1 मैक्स सीरप हैं। दोनों उत्पादों की निर्माता मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (उत्तर प्रदेश भारत) है। इसने कहा कि दोनों उत्पादों के प्रयोगशालाआकलन में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल या एथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा पाई गई है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दोनों ही तत्व इंसानों के लिए खतरनाक हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं।
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