राधाष्टमी पर जनपद की सीमाएं सील, मथुरा न आयें परेशानी होगी

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा मथुरा जनपद की सीमाएं सील हैं। सख्ती का आलम यह है कि स्थानीय लोगों को भी आधार कार्ड के आधार पर ही प्रवेश मिलेगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तहर राधाष्टमी पर भी बाहरी श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है। मंदिरों के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। बरसाना और रावल ही नहीं समूचे मथुरा जनपद में आवागमन करने वालों पर बेहद सख्ती रहेगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तरह राधाष्टमी पर कडे प्रतिबंध लागू रहेंगे। लेकिर राधाष्टमी को लेकर लगाये गये प्रतिबंधों को उस तरह से प्रचार प्रसार नहीं हो सका है जितना कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुआ था। इस बार जिला प्रशासन ने बरसाना के लाडिलीजी मंदिर में होने वाले राधा अष्टमी मेले में भीड़ को रोकने के लिए राजस्थान व हरियाणा प्रशासन से सहयोग मांगा गया है। इसके लिए एडीएम (प्रशासन) ने दोनों ही राज्यों के सीमावर्ती जनपदों के उच्चधिकारियों को पत्र भेजा है।

दोनों से राज्यों से जुड़ी बरसाना की सीमाएं सील कर दी गई हैं

24 अगस्त से दोनों से राज्यों से जुड़ी बरसाना की सीमाएं सील कर दी गई हैं। राधा अष्टमी पर बरसाना में लाखों की संख्या में दूसरे राज्यों से श्रद्धालु आते हैं। इस बार सार्वजनिक आयोजन नहीं हो रहा है। बाहरी श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। हरियाणा व राजस्थान से सटी बरसाना की सीमाओं को सील कर दिया गया है। यहां तक कि मुख्य मार्गों के साथ कच्चे रास्तों पर भी पुलिस का पहरा है। एडीएम प्रशासन सतीश कुमार त्रिपाठी ने इन दोनों राज्यों के हरियाणा, पलवल, फरीदाबाद, भरतुपर, धौलपुर आदि जनपदों के साथ-साथ आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज,  गौतमबुद्ध नगर मेरठ आदि जिलों के उच्चाधिकारियों के अलावा राजस्थान के व हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजते हुए राधाष्टमी मेला निरस्त होने के प्रचार-प्रसार जोर-शोर से करने का आग्रह किया है, ताकि श्रद्धालु यहां न पहुंच सकें। उपजिलाधिकारी राहुल यादव व सीओ जितेंद्र कुमार ने सेवायतों व मंदिर रिसीवर के साथ बैठक पर पूरी स्थिति से अवगत करा दिया है।

अभिषेक के समय 10 पुजारी ही रहेंगे मंदिर में
अधिकारियों के साथ बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिर परिसर में समाज गायन के दौरान नंदगांव की तरफ से 15 समाजी व बरसाना की तरफ से 15 समाजी रहेंगे, वहीं अभिषेक दर्शनों के दौरान मंदिर परिसर में 10 पुजारी रहने की छूट देने व मंदिर परिसर में सेनेटाइजर की व्यवस्था करने पर सहमति बनी। इन व्यवस्थाओं को निभाने के लिए छह सदस्यीय कमेटी बना दी गई। कमेटी में रामभरोसे गोस्वामी, संजय गोस्वामी, दीपक गोस्वामी, किशोरी गोस्वामी, बाबू गोस्वामी, रमेशचंद्र गोस्वामी हैं।

सखी ललिता का जन्मोत्सव मनाया
राधाजू के जन्मोत्सव से पहले बरसाना से डेढ़ किलोमीटर दूर राजस्थान की सीमा से लगे ऊंचा गांव में राधाजी की सखी ललिता का जन्मोत्सव मनाया गया। यहां आटोर पर्वत पर विराजमान ललिताजी मंदिर में जन्मोत्सव की परंपरा विधिविधान से पूरी की गई। सेवायत सूसठ महाराज के नेतृत्व में ललिताजी के विग्रह का घी, दूध, दही, शहद, जल से बने पंचामृत से अभिषेक किया गया।

राधाष्टमी मेला न लगने से 1500 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट

ब्रज में होने वाले धार्मिक आयोजन श्रद्धालुओं के लिए विशुद्धरूप से आस्था का सवाल हैं, लेकिन  सैकडों परिवारों की रोजीरोटी का जुगाड भी हैं। कुछ दिन के ये आयोजन तमाम परिवारों को वर्षभर का राशन पानी दे जाते हैं।  
ब्रज में कहावत है सावन भादौं की कमाई साल भर खाई, इस बार न सावान और नहीं भादौं में कोई कमाई हुई है। इससे साल भर का बजट ही बिगड गया है। बेरोजगारी से उपजी हताशा लोगों के चहरों पर साफ दिख रही है। मुड़िया पूनों का लक्खी मेला, जन्माष्टमी का त्योहार और यम द्वितीय को मिलाकर वर्ष भर में थोड़ा सा ब्रज की होली को भी अगर मान कर जोड़ें तो 2919 में पूरे वर्ष 5 करोड़ श्रद्धालु बृज मंडल में पधारे थे। अकेले जन्म स्थान पर जन्माष्टमी पर 2019 में 8 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये थे।

जनपद के 5 लाख लोगों की रोजी रोटी श्रद्धालु और पर्यटकों पर प्रत्यक्ष निर्भर
लगभग मथुरा जनपद के 5 लाख लोगों की रोजी रोटी श्रद्धालु और पर्यटकों पर प्रत्यक्ष निर्भर करती है। जिनमें फूल माली, किसान, किराना व्यापारी, होटल, धर्मशाला, आश्रम, गेस्ट हाउस, रेलवे स्टेशन से जुड़े कुली से लेकर स्टाल वाले तक बस स्टैंड के ढाबे और रिक्शा, तांगे, टेम्पू, टेक्सी, ई रिक्सा चालक एवं व्यपारियों की बात करें तो मुकुट, पोशाक, बच्चों के कुर्ता धोती, कंठीमाला, मूर्ति पूजा, धार्मिक ग्रंथ तस्वीर, खेल खिलोना, रेस्टोरेंट मिष्ठान का कारोबार अगर लगाएं तो लगभग 200 से 225 करोड़ का व्यापार सभी को मिलाकर होता है, जो इस साल बुरी तरह से पिट रहा है। पर्यटन विभाग के अनुसार केवल 1200 श्रद्धालु लोकडाउन के बाद से अब तक 2020 मे मथुरा आये है।

मेले में श्रद्धालुओं के न आने से इन परिवारों के सदस्य बेहद परेशान
कोरोना महामारी के कारण राधाष्टमी मेले के निरस्त होने से 1500 परिवारों का कारोबार पूरी तरह चैपट हो गया है। मेले के दौरान करोड़ों का व्यापार होता था। मेले में श्रद्धालुओं के न आने से इन परिवारों के सदस्य बेहद परेशान हैं। 25 और 26 अगस्त को श्रीजी के धाम बरसाना में राधा अष्टमी मनाई जाएगी। इससे पहले लठामार होली पर भी कोरोना का ग्रहण लग चुका है। इस बार लठामार होली पर भी इसका असर पड़ा। इन दोनों उत्सवों पर नगर में करोड़ो रुपये का व्यापार होता था। राधा की नगरी में मिष्ठान्न भंडार, कंठी माला पोषक की दुकान, चाय, लस्सी की दुकानें, चाट के ठेले, खोमचे लगाने वाले, टैक्सी चलाने वाले, मंदिरों का संचालन करने वाले गेस्ट हाउस वाले करीब 1500 परिवारों की रोजी रोटी का एकमात्र साधन ये दोनों ही त्योहार हैं। ये परिवार मेले से अपना व्यवसाय कर भोजन, बच्चों स्कूल फीस की आदि दैनिक जीवन की जरूरतों को पूरा करते थे। इस बार कोरोना महामारी के कारण इन परिवारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।

Dr. Bhanu Pratap Singh