बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरे चरण में 26 अप्रैल को प्रदेश की पांच लोकसभा क्षेत्रों में होने वाले मतदान के पहले मंगलवार को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने न केवल लोगों को 2005 से पहले की सरकार की याद दिलाई, बल्कि यह भी कहा कि बिहार की सेवा ही हमारा धर्म है। पूरा बिहार हमारा परिवार है। जदयू ने इस पत्र को अपने एक्स हैंडल से भी पोस्ट किया है।
पत्र में कहा गया है कि आपको याद होगा कि 2005 से पहले की सरकार ने बिहार को किस हाल में पहुंचा दिया था। बिहार का खजाना खाली था। सड़क, बिजली, स्कूल, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं पर कोई बात करने वाला नहीं था। घोटाले, अपराध, अपहरण, हत्या, डकैती, नरसंहार, माफिया राज बिहार की पहचान बन चुके थे। उद्योग-धंधे बंद हो गए थे।
पत्र में आगे लिखा कि यह कहना ठीक नहीं होगा कि बिहार में व्यवस्था चौपट हो चुकी थी, सच तो यह है कि उस समय बिहार में कोई व्यवस्था ही नहीं थी। बिहारवासियों को देश-दुनिया में अपमान झेलना पड़ता था। इसके बाद 2005 में घना अंधेरा छंटा। उम्मीदों का नया सूरज उगा। बिहार की देवतुल्य जनता ने राज्य में एनडीए की सरकार को मौका दिया। और हमने बिहार को अराजकता और अव्यवस्था से बाहर निकालकर विकास की राह पर ले जाने का संकल्प लिया।
उन्होंने पत्र में एनडीए सरकार में किये गए कार्यों का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा कि बिहार को उसकी खोई हुई गरिमा वापस मिली। आज बिहार का परचम देश-दुनिया में लहरा रहा है। पत्र में उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि आगे भी लाखों लोगों को सरकारी नौकरियां और रोजगार देते रहेंगे। नीतीश कुमार ने पत्र में लिखा कि बिहार की सेवा ही हमारा धर्म है। पूरा बिहार हमारा परिवार है।
पत्र के आखिर में उन्होंने लिखा कि आपके संसदीय क्षेत्र में मतदान होने वाला है। हम सबका लक्ष्य इस बार बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटें जीतने का है। उन्होंने लोगों से एनडीए के प्रत्याशी को वोट देने की अपील भी की।
-एजेंसी
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