आगरा। नेशनल चैम्बर का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष संजय गोयल के नेतृत्व में विगत दिवस दिल्ली स्थित वाणिज्य मंत्रालय में अधिकारियों से मिला। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की व्यस्तता के चलते उन्होंने अधिकारियों को चैम्बर के साथ बैठक के निर्देश दिए।
वाणिज्य मंत्रालय के तकनीकी विशेषज्ञ डा आशीष कुमार के साथ बैठक में अध्यक्ष गोयल ने ज्ञापन सौंपा और टीटीजेड का हवाला देकर विशेष छूट देने की मांग की।
चैम्बर अध्यक्ष ने कहा कि बीआईएस प्रमाणीकरण प्राप्त करने और उसे बनाए रखने से जुड़े खर्चों में लाइसेंस शुल्क, परीक्षण शुल्क, गुणवत्ता नियंत्रण उपकरण, बुनियादी ढांचे का उन्नयन, लेखा परीक्षा और पर्यवेक्षण तथा गुणवत्ता नियंत्रण रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, जिसे छोटी और सूक्ष्म इकाइयां अक्सर वहन करने में असमर्थ होती हैं।
चैम्बर ने कहा कि इस क्षेत्र में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग अब तक पारंपरिक प्रणालियों पर चल रहे हैं। इन इकाइयों में कार्यरत कर्मचारी भी अकुशल और पारंपरिक श्रमिक हैं। उन्हें ऐसे कड़े मानकों और अनुपालनों को लागू करने के लिए औपचारिक रूप से प्रशिक्षित नहीं किया जाता है। मानक अनुपालनों में बदलाव के लिए व्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी जो अव्यावहारिक है।
पूर्व अध्यक्ष अशोक गोयल ने बताया कि आगरा का उद्योग जगत वैसे ही बहुत ही निराशाजनक दौर से गुजर रहा और और बीआईएस लागू होने से और भी दुश्वारियां बढ़ जाएंगी।
पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल ने कहा कि दो करोड़ की लिमिट बहुत कम है इसको बढ़ा कर 10 करोड़ कर दी जाए। संजय गोयल ने आगरा में बीआईएस की टेस्टिंग लैब खोलने की मांग की।
पूर्व अध्यक्ष एवं जनसम्पर्क एवं समन्वय प्रकोष्ठ के चेयरमैन मनीष अग्रवाल ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय ने अगले हफ्ते फिर बैठक करने के लिये चैम्बर को आमंत्रित किया है। प्रतिनिधिमंडल में उपाध्यक्षद्वय संजय कुमार गोयल और विवेक जैन, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल, के अलावा सुनील सिंघल भी शामिल थे।
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