लखनऊ। वर्ष 2025 में उत्तर प्रदेश ने व्यापारिक सुगमता के मोर्चे पर नई ऊंचाइयों को छुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रशासनिक सुधारों और तकनीक आधारित पहलों ने राज्य को निवेश के लिए विश्वसनीय गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ की नीति पर आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापार, उद्योग और निवेश से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म, नीतिगत स्थिरता और व्यापक सुधारों के चलते राज्य देश के अग्रणी निवेशक-अनुकूल राज्यों में शुमार हो गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर यूपी की छलांग
व्यापारिक सुगमता की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। वर्ष 2017-18 में 12वें स्थान पर रहा प्रदेश 2019 में देश में दूसरे स्थान तक पहुंचा। इसके बाद 2022 और 2024 में राज्य को ‘टॉप अचीवर’ की श्रेणी में शामिल किया गया। लॉजिस्टिक्स रैंकिंग में भी 2022, 2023 और 2024 में प्रदेश को ‘अचीवर्स’ का दर्जा मिला। वहीं, 2021 के गुड गवर्नेंस इंडेक्स में वाणिज्य एवं उद्योग श्रेणी में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान पर रहा।
BRAP 2024 में तीन प्रमुख क्षेत्रों में सफलता
बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान-2024 (BRAP 2024) के तहत उद्यम स्थापना, श्रम नियमों के सरलीकरण और भूमि प्रशासन जैसे अहम क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश को ‘टॉप अचीवर’ घोषित किया गया। यह उपलब्धि राज्य में औद्योगिक बाधाओं को कम करने और कारोबार को सुगम बनाने की दिशा में किए गए ठोस प्रयासों का परिणाम है।
426 सुधारों से बदला कारोबारी माहौल
BRAP और BRAP+ के अंतर्गत 24 सुधार क्षेत्रों में 426 महत्वपूर्ण सुधार लागू किए गए हैं। इनमें उद्यम पंजीकरण, निवेश सुविधा, भूमि सुधार, श्रम पंजीकरण, पर्यावरण स्वीकृति, सिंगल विंडो प्रणाली और निर्माण अनुमति जैसी प्रक्रियाओं का सरलीकरण शामिल है। साथ ही, अनुपालन बोझ घटाने और दंडात्मक प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
‘निवेश मित्र’ बना निवेशकों का भरोसेमंद साथी
डिजिटल सिंगल विंडो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ योगी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है। इस मंच पर 45 विभागों की 525 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अब तक 20 लाख से अधिक स्वीकृतियां डिजिटल रूप से जारी की जा चुकी हैं और 97 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निस्तारण हो चुका है। सभी लाइसेंस और स्वीकृतियों के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य होने से पारदर्शिता बढ़ी है और समय की बचत हुई है। पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार 96 प्रतिशत से अधिक उपयोगकर्ता इसकी सेवाओं से संतुष्ट हैं।
निवेश मित्र 3.0 से स्मार्ट गवर्नेंस की ओर कदम
राज्य सरकार अब ‘निवेश मित्र 3.0’ की तैयारी में जुटी है, जिसे राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम से जोड़ा जाएगा। यह संस्करण एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS), निवेश सारथी, ऑनलाइन इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम (OIMS), इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक और मुख्यमंत्री दर्पण जैसे प्लेटफॉर्म्स से समन्वित होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित स्मार्ट डैशबोर्ड, रियल-टाइम डेटा एनालिसिस और व्हाट्सएप, ईमेल व एसएमएस के जरिए सूचना सुविधा से निवेशकों के लिए प्रक्रियाएं और संवाद पहले से अधिक सहज हो जाएंगे।
कुल मिलाकर, निरंतर सुधारों और डिजिटल नवाचारों के सहारे उत्तर प्रदेश ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अपनी मजबूत पहचान बना ली है और आने वाले वर्षों में निवेश के नए अवसर सृजित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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