जीव दया का प्रतीक: घायल मोर और बछड़े को मिला जीवनदान
Live Story Time
Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.
आगरा। आगरा, जहां ताजमहल की श्वेत संगमरमरी सुंदरता विश्व को आलोकित करती है, वहां अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर एक और अनुपम कहानी रची गई। जैन परिवार की संवेदनशीलता ने एक घायल मोर को मृत्यु के कगार से खींचकर नवजीवन प्रदान किया। पक्षी घर चिकित्सालय में डॉ. यतेंद्र गौतम ने अपनी कुशलता से इस प्राणी के अति गंभीर घावों की सर्जरी करके प्राणों की रक्षा की। कुत्तों के क्रूर हमले का शिकार बने इस मोर के बारे में जानकारी सती माता के मंदिर ऊंचा गांव शमशाबाद के पुजारी ने महावीर हेल्पलाइन पर सूचना दी, बताया कि मोर को कुत्तों ने घायल कर दिया है और करुणा की यह गंगा बह निकली। भाजपा नेता राजेश तोमर ने भी इस पुण्य कार्य में सहयोग का हाथ बढ़ाया।
बछड़े की रक्षा: रामलाल आश्रम बना सहारा
आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन और संयोजक सुनील कुमार जैन ने बताया कि जीव रक्षा का यह सिलसिला यहीं नहीं थमा। तीन दिनों अर्जुन नगर खेरिया गेट के पास पीड़ा में तड़प रहे एक गाय के बछड़े को भी जीवन का वरदान मिला। पलक मतलानी ने आगरा विकास मंच से संपर्क कर जानकारी दी। त्वरित कार्रवाई की और इस असहाय प्राणी को रामलाल आश्रम पहुंचाकर उसका उपचार सुनिश्चित किया। आश्रम के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा और मनोज ने बछड़े की सेवा की। यह छोटी-सी घटना आगरा की धरती पर मानवता की बड़ी जीत का प्रतीक बनी।
पक्षी घर: संवेदना का पवित्र तीर्थ
राजकुमार जैन और सुनील कुमार जैन ने बताया कि पक्षी घर चिकित्सालय अब मात्र एक उपचार केंद्र नहीं, बल्कि जीव दया का तीर्थ बन चुका है। यहां अब तक 40 से अधिक कबूतरों, चिड़िया और चीलों का इलाज हो चुका है, और हर दिन लोग बड़ी संख्या में पक्षियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने पहुंच रहे हैं। यह दृश्य मानव हृदय की गहराइयों में बसी करुणा का साक्षात्कार कराता है। उन्होंने बताया कि पक्षी घर का अभी विधिवत उद्घाटन इसलिए नहीं हुआ है क्योंकि वहां पर एक ऑपरेशन थिएटर तैयार किया जा रहा है। पक्षियों का इलाज सुचारू ढंग से चल रहा है।
एक प्रेरणा, एक संदेश
अक्षय तृतीया का यह दिन आगरा के लिए न केवल धार्मिक उत्सव का प्रतीक रहा, बल्कि जीव रक्षा के महान संकल्प का भी साक्षी बना। जैन परिवार और पक्षी घर की यह पहल हमें सिखाती है कि हर प्राणी का जीवन अनमोल है, और करुणा की एक छोटी-सी चिंगारी भी बड़े बदलाव की शुरुआत कर सकती है। आगरा की यह कहानी हर हृदय को प्रेरित करती है कि हम भी अपने आसपास के प्राणियों के लिए संवेदना का दीप जलाएं।
- उत्तराखंड में भारी बारिश, चारधाम यात्रा रोकी गई, यमुनोत्री मार्ग पर बादल फटा, 9 मजदूर लापता - June 29, 2025
- Agra News: भाजपा कार्यकर्ताओं ने महानगर के सभी 1760 बूथों पर सुनी पीएम मोदी के मन की बात, ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत पौधे भी रोपे - June 29, 2025
- जल की बूंद-बूंद पर संकट: नीतियों के बावजूद क्यों प्यासी है भारत की धरती? - June 29, 2025