अखिलेश यादव दिल्ली छोड़कर लखनऊ आ रहे हैं। आज उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश आजमगढ़ से सांसद बने थे। उन्हें सांसदी या विधायकी में से किसी एक को चुनना था और उन्होंने करहल का प्रतिनिधित्व बरकरार रखने का फैसला किया है।
एक मिनट से भी कम के कई वीडियो आए हैं। एक वीडियो में अखिलेश स्पीकर ओम बिरला के पास बैठे दिखते हैं। कुछ बातें होती हैं। मुस्कुराहट फैलती है। तभी अखिलेश मेज पर पहले से लाए अपने इस्तीफा पत्र को उठाते हैं और स्पीकर की तरफ बढ़ते हैं। पर कुछ कदम चलकर वह ठहरते हैं। फिर इस्तीफा देते हुए अपनी फोटो खिंचवाते हैं।
अखिलेश के लोकसभा छोड़कर विधायक बनने को 2024 लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। चुनाव में दो साल का वक्त है, सपा यूपी आधारित पार्टी है, ऐसे में लखनऊ में रहकर अखिलेश अपनी पार्टी के लिए ज्यादा सीटें जितवा सकते हैं। यही वजह है कि हार के बाद भी अखिलेश कार्यकर्ताओं का हौसला बनाए रखना चाहते हैं।
दरअसल, दिल्ली रहने से अखिलेश अपने विधायकों से दूर रहते और विधानसभा में उन्हें लगा होगा सपा पुरजोर तरीके से विपक्ष की भूमिका शायद न निभा पाएं।
पहले आजमगढ़ गए फिर दिल्ली
एक दिन पहले अखिलेश आजमगढ़ में थे और उन्होंने जिले की सभी विधानसभा सीटें जीतने की बात कहते हुए जनता का शुक्रिया भी अदा किया था। यहां उन्होंने जो कहा, उससे लगने लगा था कि अखिलेश अपनी हार पर हाथ पे हाथ धरकर बैठने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम इस बार विधानसभा चुनाव हारे नहीं हैं। आगे हमारा वोट और सीट कैसे बढ़ेगी और भाजपा घटेगी, इसे सपा बेहतर तरीके से जानती है। वे अब भी अपनी हार के लिए प्रशासन और ईवीएम पर दोष मढ़ रहे हैं।
-एजेंसियां
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