गुरु तेग बहादुर की शहीदी को समर्पित मानवता का महाअभियान
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.
आगरा। सेवा ही सच्चा धर्म है, इसी आदर्श को चरितार्थ करते हुए आगरा विकास मंच ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी शताब्दी को समर्पित पंजाबी विरासत द्वारा आयोजित निशुल्क स्वास्थ्य कैंप में दिव्यांग सहायता शिविर का आयोजन कर, मानवता की अनूठी मिसाल पेश की।
यह पुनीत शिविर गुरुद्वारा श्री गुरु का ताल परिसर में लगाया गया, जिसमें 20 दिव्यांगों को मौके पर ही जयपुर फुट और कैलीपर्स लगाकर उन्हें अपने पैरों पर चलाया गया।
‘जयपुर फुट ऑन व्हील’ पहुँचा गुरुद्वारे, शिविर बना उम्मीद की किरण
शिविर में ‘जयपुर फुट ऑन व्हील’ वाहन विशेष रूप दिव्यांग कैंपआया, जिसमें एक चलता-फिरता मिनी वर्कशॉप स्थापित थी। वाहन के पहुँचते ही गुरुद्वारे परिसर में पहले से प्रतीक्षारत दिव्यांगों की परीक्षण, फिटिंग और जयपुर फुट लगाकर सेवा की गई।
आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन और संयोजक सुनील कुमार जैन के अनुसार, यह शिविर केवल सेवा नहीं बल्कि दिव्यांगों को आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नया जीवन देने का प्रयास था।
भावुक पल: जब दिव्यांग चले अपने पैरों पर
जब वर्षों से चलने में असमर्थ लोग जयपुर फुट के सहारे अपने पैरों पर चलने लगे, तो वहां मौजूद हर व्यक्ति की आँखें नम हो उठीं। चेहरों पर खुशी, आश्चर्य और कृतज्ञता की अनोखी छाया थी। कई लाभार्थियों ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे जीवन में फिर अपने पैरों पर चल पाएंगे।
सम्मान और सहयोग: समाज के अग्रणी चेहरों की सराहना
इस सेवा कार्य के लिए गुरुद्वारा श्री गुरु का ताल के मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह ने आगरा विकास मंच और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
एस.एन. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रशांत गुप्ता और डॉ एम.एम. सिंह ने भी इस अभियान को “अनुपम और प्रेरणास्पद सेवा” बताया। समाजसेवी बंटी ग्रोवर
मान सिंह, डॉक्टरों की टीम, और पंजाबी विरासत समूह ने भी सहयोग प्रदान कर आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह है असली राष्ट्र सेवा की तस्वीर
राजकुमार जैन और सुनील कुमार जैन ने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी केवल बलिदान की नहीं, बल्कि निःस्वार्थ सेवा, त्याग और मानव कल्याण की गाथा है। आगरा विकास मंच ने उस गाथा को आज के युग में फिर जीवंत किया। जब समाज का एक वर्ग अपने ही लोगों को चलने के काबिल बनाता है, तो यह केवल मदद नहीं बल्कि मानवता का पुनरुत्थान होता है।
ऐसे सेवा कार्यों को सरकार, समाज और युवा पीढ़ी से हरसंभव प्रोत्साहन मिलना चाहिए। टीम ने दिखा दिया कि संगठित संकल्प से कोई भी असंभव कार्य संभव हो सकता है। यह केवल एक शिविर नहीं था, यह था—चलते हुए आत्मविश्वास का उत्सव।
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