-घाटों पर चल रहा काम, संकुल हो चुका तैयार: रानी पक्षालिका सिंह
-धार्मिक के साथ प्राकृतिक पर्यटन का बनेगा अनूठा संयोग- राजा भदावर
आगरा। बस थोड़ा समय और इंतजार कीजिए। तीर्थों के भांजे के रूप में मशहूर बटेश्वर धाम देखने ही नहीं, दिखाने लायक भी बन जाएगा। यहां सौंदर्यीकरण और विकास के इतने काम होने जा रहे हैं कि यहां एक बार नहीं, बार-बार आने का मन करेगा। बटेश्वर धाम का पुराना वैभव लौटने जा रहा है। बटेश्वर में घाटों की छटा देखते ही बनेगी। बटेश्वर के विरासत मंदिरों में मुखौटा प्रकाश व्यवस्था (फसाड लाइटिंग) के साथ ही लेजर शो की भी तैयारी है। यहां एक आकर्षक संगीतमय फव्वारा भी लगाया जाना है।
यहां जो काम होने जा रहे हैं, उससे आने वाले दिनों में यहां पर्यटकों खासकर धार्मिक पर्यटकों की संख्या में इजाफा होना तय है। बाह क्षेत्र की विधायक रानी पक्षालिका सिंह और पूर्व मंत्री राजा महेंद्र अरिदमन सिंह भदावर बटेश्वर धाम का वैभव लौटाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।
रानी पक्षालिका सिंह और राजा भदावर ने बताया कि बटेश्वर में पर्यटक व्याख्या केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, सुविधा ब्लॉक, ओपन एयर थियेटर, का विकास, प्रसाद मंडप, नटराज प्रज्ञा (नटराज का प्रांगण), शिव शक्ति वाटिका, महादेव मंडप, सांस्कृतिक भित्तिचित्र दीवारें (जिनमें शिव पुराण का वर्णन और स्तंभों की श्रृंखला हो) और पार्किंग सुविधाओं के भी प्रयास चल रहे हैं। जैन तीर्थ स्थल शौरीपुर के विकास के लिए भी गंभीरता से प्रयास हो रहे हैं।
रानी पक्षालिका सिंह और राजा भदावर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने बटेश्वर के लिए स्वीकृत परियोजना के लिए उनका बार-बार आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के प्रयासों के लिए भी आभारी हैं, जिसकी वजह से बटेश्वर में कालिंदी के तट पर देवों के देव महादेव के 101 मंदिरों की अनूठी श्रृंखला के लिए प्रसिद्ध, प्राचीन सिद्ध तीर्थ स्थल बटेश्वर धाम के कायाकल्प का काम शुरू हो चुका है। इस पहल से धार्मिक के साथ प्राकृतिक पर्यटन का अनूठा संयोग बनेगा।
उन्होंने कहा कि बटेश्वर धाम के कायाकल्प के लिए प्रदेश सरकार ने 109 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है। यही नहीं, प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने केंद्र को योजना भेजकर केंद्र से भी 74.5 करोड़ मंजूर कराए हैं। बटेश्वर मंदिर के सुंदरीकरण का जो प्रस्ताव तैयार किया गया था, उस पर अमल शुरू हो चुका है। घाटों पर काम चल रहा है। संकुल तैयार हो चुका है।
उन्होंने बताया कि बटेश्वर धाम की प्राचीन विरासत को सहेजने के लिए बटेश्वर मंदिर परिसर के समेकित पर्यटन विकास का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है। इसके अंतर्गत बटेश्वर परिसर के घाटों का पुनर्स्थापन कर पुनर्जीवन दिया जाएगा। बटेश्वर के प्राचीन पवित्र कुंड के विकास का भी प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है।
रानी पक्षालिका सिंह और राजा भदावर ने सरकार का इस बात के लिए आभार व्यक्त किया कि 12.23 करोड़ की स्वीकृत राशि से तैयार किए गए स्व. अटल बिहारी वाजपेयी सांस्कृतिक संकुल केंद्र को जनहित में पहले ही लोकार्पित किया जा चुका है। यही नहीं, यमुना तट पर ईको टूरिज्म पर आधारित रपड़ी पर्यटन केंद्र भी विकसित होकर सेंकड़ों लोगों को प्रतिदिन लाभान्वित कर रहा है।
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