उत्तर प्रदेश में जन्म और जाति प्रमाण पत्र को लेकर प्रक्रिया आसान होने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली एक मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि अब नवजात को आवेदन के 15 दिनों के भीतर जन्म प्रमाण पत्र के साथ-साथ जाति प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा। माना जा रहा है कि योगी सरकार का यह फैसला ओबीसी तथा अन्य वर्ग के लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
जाति और जन्म प्रमाणपत्र सरकार की कई योजनाओं में काम आने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज होते हैं। एक अधिकारी ने दावा किया है कि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए यह एक शानदार दीर्घकालिक विचार है कि जन्म और जाति प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया को आसान कर दिया जाए। यूपी राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष मुकुल सिंघल ने कहा है कि आवेदन करने के एक पखवाड़े के भीतर जाति प्रमाण पत्र लोगों को नौकरियों में आरक्षण, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, छात्रवृत्ति और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए दस्तावेज़ प्राप्त करने की परेशानी से निजात दिलाएगा।
कैसे बनेगा प्रमाण पत्र
अधिकारियों ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदक को ग्राम प्रधान या वार्ड सदस्य से प्रमाणपत्र लेकर निर्धारित प्रारूप में संबंधित तहसीलदार को एक आवेदन देना होगा। इसके लिए दो गवाह भी लगेंगे, जो संबंधित व्यक्ति की जाति को प्रमाणित करेंगे। इसके बाद तहसीलदार लेखपाल या राजस्व निरीक्षक से एक जांच रिपोर्ट प्राप्त करेगा, जिसके आधार पर एक हफ्ते के भीतर जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
ऑनलाइन भी कर सकते हैं आवेदन
जन्म प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा काफी पहले से है। इसके लिए आवेदक का यूपी का स्थायी नागरिक होना अनिवार्य है। इसके अलावा माता-पिता का आधार कार्ड, पते का सबूत, माता-पिता का व्यवसाय, जन्म तिथि और पासपोर्ट साइज फोटो के जरिए जन्म प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
-एजेंसियां
- “IVF is Not the Last Resort – Boost Your Fertility Naturally,” Says Holistic Wellness Expert - March 12, 2025
- Sankalp India Launches 10-Bed Bone Marrow Transplant Unit for Children with Blood Disorders in Ahmedabad - March 12, 2025
- Candor IVF Center’s unique initiative on Women’s Day: Free Pap smear tests for women - March 12, 2025