घरेलू चिड़िया गौरैया को फिर मिली उड़ान: आगरा के पक्षी घर में जीवन का नया संगीत

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गौरैया को फिर मिली उड़ान: आगरा के पक्षी घर में जीवन का नया संगीत

आगरा विकास मंच का अनूठा प्रयास

जहां इंसानों की दुनिया दौड़ में खो गई है, वहीं कुछ लोग अब भी जीवन की नाज़ुक धुनें सहेज रहे हैं। आगरा विकास मंच द्वारा संचालित पक्षी घर और पक्षी चिकित्सालय में रोजाना ऐसे ही जीवन बचाए जाते हैं।

घायल गौरैया को मिला सहारा

आज यहां एक घायल गौरैया को लाया गया। यह वही घरेलू चिड़िया है, जो अब हमारे आंगनों से गायब होती जा रही है। चिकित्सकों ने उसका विधिवत इलाज किया। अब वह स्वस्थ हो रही है और जल्द ही फिर उड़ने को तैयार है।

गौरैया की यादें और पुनर्जीवन का प्रयास


श्री राजकुमार जैन ने बताया कि गौरैया घरेलू चिड़िया है, जो पहले घरों के आंगन में फुदकती थी।

बच्चे उसके साथ खेला करते थे और उसकी चहक से घरों में जीवन की मधुरता घुली रहती थी। आगरा विकास मंच के पक्षी घर के माध्यम से अब ऐसी गौरैया को फिर से जीवंत करने का प्रयास किया जाएगा।

हजारों पंखों का बसेरा


पक्षी घर में हजारों पक्षियों का प्रवास है। उनके रहने और भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है।

विशेषज्ञ चिकित्सक घायल पक्षियों और छोटे जानवरों की देखभाल करते हैं।

पुण्य का अवसर, सेवा का संदेश

घायल पशु-पक्षियों की सेवा सबसे बड़ा पुण्य है। नागरिकों से अपील की गई है कि ऐसे जीवों को पक्षी घर तक पहुंचाकर जीवनदान के इस अभियान में भागीदार बनें।

संपादकीय: मनुष्य और प्रकृति का अनंत संवाद


जीवन केवल मनुष्य तक सीमित नहीं है।

यह पेड़ों, हवाओं और उन छोटे-से पंखों में भी धड़कता है, जिनकी चहचहाहट से हमारी सुबहें सजती हैं। गौरैया का लौटना केवल एक पक्षी की वापसी नहीं, बल्कि हमारी संवेदनाओं का पुनर्जागरण है।

शहरों में उड़ान छीनती इमारतें और प्रदूषण ने जब उनके आशियाने तोड़ दिए, तब कुछ संवेदनशील लोगों ने उनके लिए आसमान का टुकड़ा बचाया। आगरा विकास मंच का यह प्रयास बताता है कि दया, करुणा और सेवा आज भी जीवित हैं।

जब हम घायल जीव को सहारा देते हैं, तब केवल उसे नहीं—अपने भीतर के मनुष्य को भी बचाते हैं।

इस शहर का यह छोटा-सा पक्षी घर वास्तव में जीवन का सबसे बड़ा संदेश दे रहा है—जहां करुणा होती है, वहीं सृष्टि जीवित रहती है।

डॉ भानु प्रताप सिंह, संपादक

Dr. Bhanu Pratap Singh