आपका बैंक, आपके द्वार: 7 वर्षों में आईपीपीबी ने बदली गांवों की बैंकिंग तस्वीर

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इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने पूरे किए 7 वर्ष, डिजिटल व कैशलेस बैंकिंग को सुदूर क्षेत्रों में दे रहा बढ़ावा: पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव

इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा मात्र ₹149 में ‘प्रीमियम आरोग्य बचत खाता’ की शुरुआत, पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने अधिकाधिक लोगों को जोड़ने का किया आह्वान

आईपीपीबी के माध्यम से डाकिया आज एक चलते फिरते बैंक के रूप में कर रहा कार्य-पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव

नई दिल्ली: डाक विभाग के उपक्रम के रूप में स्थापित इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने अपने आठवें स्थापना दिवस पर ‘आपका बैंक, आपके द्वार’ की संकल्पना को साकार करते हुए ‘वित्तीय समावेशन’ और ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को नई गति प्रदान करने के संकल्प को दोहराया।

इस अवसर पर उत्तरी गुजरात परिक्षेत्र, अहमदाबाद के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि पिछले सात वर्षों में आईपीपीबी ने ग्रामीण भारत में बैंकिंग सेवाओं को आम जन तक पहुँचाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। आईपीपीबी का उद्देश्य प्रत्येक भारतीय को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना और आर्थिक स्वतंत्रता की ओर अग्रसर करना है। सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने में यह बैंक एक प्रभावी माध्यम बन चुका है। 1 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रव्यापी शुभारंभ के साथ स्थापित आईपीपीबी ने आज एक मजबूत आधार खड़ा किया है।

गौरतलब है कि उत्तर गुजरात परिक्षेत्र में 18 लाख से ज्यादा आईपीपीबी खाते संचालित किए जा रहे हैं। उत्तर गुजरात में आईपीपीबी द्वारा अब तक 2.41 लाख लोगों का सामान्य सुरक्षा बीमा, 6.44 लाख लोगों का घर बैठे मोबाइल अपडेशन, 55 हजार से अधिक बच्चों का सीईएलसी के तहत घर बैठे आधार नामांकन किया गया। 94 हजार से ज्यादा लोगों को 54 करोड़ रूपये का डीबीटी भुगतान किया गया। आईपीपीबी ग्राहकों का 48 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो कि नारी सशक्तिकरण में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती हैं।

क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा एक नई पहल की सराहना करते हुए पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, आईपीपीबी ने लोगों की आवश्यकताओं को समझते हुए मात्र ₹149 में ‘प्रीमियम आरोग्य बचत खाता’ की शुरुआत की है, जो न केवल उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि उनकी स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों का भी ध्यान रखता है। यह खाता वास्तव में बैंकिंग और हेल्थकेयर का एक समन्वित समाधान है, जो खासकर ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों के लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो रहा है। इसके मुख्य लाभों में शामिल हैं: शून्य-शेष राशि वाला खाता, असीमित ऑनलाइन डॉक्टर परामर्श, दवाएं और डायग्नोस्टिक परीक्षणों पर छूट, मुफ्त डोरस्टेप बैंकिंग, और बुनियादी डिजिटल बैंकिंग सुविधाएँ। यह खाता उन लोगों के लिए है जो बचत के साथ-साथ निवारक स्वास्थ्य देखभाल का भी लाभ उठाना चाहते हैं ।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने अपने सात वर्षों की यात्रा में पेपरलेस, कैशलेस और प्रेजेंटलैस बैंकिंग की अवधारणा को घर-घर तक पहुँचाकर आमजन को सुलभ, सुरक्षित और सहज बैंकिंग सेवाएं प्रदान की हैं। इसने ग्रामीण भारत की बैंकिंग तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है। आईपीपीबी के माध्यम से डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक आज एक चलते फिरते बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं। सीईएलसी के तहत घर बैठे बच्चों का आधार बनाने, मोबाइल अपडेट करने, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, डीबीटी, बिल पेमेंट, एईपीएस द्वारा बैंक खाते से भुगतान, वाहनों का बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी तमाम सेवाएं आईपीपीबी द्वारा डाकिया के माध्यम से घर बैठे मुहैया कराई जा रही हैं। आईपीपीबी में खाता होने पर डाकघर की सुकन्या, आरडी, पीपीएफ, डाक जीवन बीमा में भी ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। आईपीपीबी उन तमाम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनके पास बीमा और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच नहीं है।

आईपीपीबी के चीफ मैनेजर श्री अभिजीत जिभकाटे ने बताया कि उत्तर गुजरात क्षेत्र में तीन दिवसीय अभियान चलाकर लोगों को जनरल इंश्योरेंस के प्रति जागरूक करते हुए 6,200 से अधिक नई जीआइ पॉलिसी जारी कर शानदार उपलब्धि प्राप्त की गई है।

सहायक निदेशक श्री रितुल गाँधी ने कहा कि, आईपीपीबी ने अपने व्यापक नेटवर्क और डाक विभाग की मजबूत संरचना के माध्यम से वित्तीय समावेशन को जमीनी हकीकत में बदला है ।

-up18News

Dr. Bhanu Pratap Singh