बस्ती, (राहिल खान): यूपी के बस्ती जनपद में जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही लगातार जारी है। हाल ही में आवास विकास स्थित काली मंदिर परिसर में सरकारी बुलडोज़र चलाया गया, जिसे लेकर स्थानीय जनता में भारी असंतोष देखा गया। अब प्रशासन की निगाहें रौता चौकी के पास स्थित क्षेत्र पर हैं, जिसे पहले ‘रौता चुंगी’ के नाम से जाना जाता था।
इस क्षेत्र में स्थित भारतीय फार्मेसी और शनेश्वर महादेव मंदिर को भी अतिक्रमण की श्रेणी में शामिल किए जाने की चर्चा है। इससे एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन धार्मिक स्थलों को हटाकर जनआस्था के साथ खिलवाड़ कर रहा है?
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यदि प्रशासन को अतिक्रमण हटाना ही है, तो उसे पहले अपने घर की ओर भी देखना चाहिए। बस्ती शहर की कई पुलिस चौकियों — जैसे कि कंपनी बाग चौकी, पक्के चौकी, दक्खिन दरवाजा चौकी और रौता चौराहा चौकी — पर अवैध कब्जा होने के आरोप लगते रहे हैं। यदि प्रशासन निष्पक्षता के साथ कार्यवाही करना चाहता है, तो उसे सबसे पहले इन अवैध कब्जों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
स्थानीय लोगों की यह भी मांग है कि यदि कोई धार्मिक स्थल अतिक्रमण की श्रेणी में आता भी है, तो प्रशासन को संवेदनशीलता और सम्मानजनक तरीके से कार्यवाही करनी चाहिए। जनआस्था से जुड़े स्थलों पर सीधे बुलडोज़र चलाना न केवल संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि सामाजिक अशांति का कारण भी बन सकता है।
बस्ती में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान की नीयत पर सवाल नहीं उठाए जा सकते, लेकिन कार्यशैली और प्राथमिकता पर जरूर मंथन की आवश्यकता है। जब तक कार्रवाई समान और पारदर्शी नहीं होगी, तब तक जनता का विश्वास प्रशासन पर पूरी तरह बहाल नहीं हो सकता।
- यूपी के रायबरेली में कोडीनयुक्त कफ सिरप के काले कारोबार का खुलासा, दो दवा दुकानें सील - October 29, 2025
- मैनपुरी: एंबुलेंस कर्मियों की सूझबूझ से बची नवजात की जान, सुरक्षित पहुंचाया अस्पताल - October 29, 2025
- गाथा शिव परिवार की– गणेश कार्तिकेय’ में सुभान खान का समर्पण — भगवान कार्तिकेय बनने से पहले सीखी प्राचीन युद्धकला - October 29, 2025