Live Story Time
Agra, Uttar Pradesh, Bharat, India. जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अलका सेन ने दिल्ली निवासी रचना (27 वर्षीय) के पेट से 11 किलोग्राम की रसौली निकाली है। संभवतः यह इस तरह का पहला केस है। उसका 19 मार्च को ऑपरेशन हुआ। यूटेरस सुरक्षित है। आमतौर पर रसौली के ऑपरेशन में यूटेरस निकाल दिया जाता है।
रचना को वर्ष 2021 में रसौली हुई थी। डॉ. अलका सेन ने ऑपरेशन कर दिया। अविवाहित होने के कारण यूटेरस नहीं निकाला गया। विवाह के बाद 2022 में बेबी हुआ। तभी पता चलने लगा था कि छोटी-छोटी रसौली बनने लगी हैं। ढाई साल में रसौली ने पूरा पेट घेर लिया। सांस लेने और बैठने में भी समस्या होने लगी। अन्य लोगों को गर्भवती प्रतीत हो रही थी। वह दिल्ली से आगरा आई और डॉ. अलका सेन ने ऑपरेशन किया।
डॉ. अलका सेन ने बताया कि यूटेरस की प्रवृत्ति का परिणाम है रसौली। 20-25 प्रतिशत महिलाओं में रसौली की समस्या होती है। इसका कोई इलाज या बचाव नहीं है। रसौली का स्थाई इलाज यूटेरस को निकाल देना है लेकिन अवविवाहित लड़कियों में यह संभव नहीं हो पाता है। उन्होंने बताया कि जब पीरियड अनियमित और ब्लीडिंग ज्यादा हो, पेट में दर्द रहे तो अल्ट्रासाउंड कराएं। इससे पता चल सकता है कि रसौली है या नहीं। महिलाओं को नियमित चेकअप कराते रहना चाहिए। चूंकि रसौली के कारण शारीरिक संबंधों में कोई समस्या नहीं आती है, इसलिए रोग बढ़ने पर ही महिलाएं चिकित्सक के पास आती हैं।
To read Dr Bhanu Pratap Singh books in Hindi and English please Click this link on WhatsApp
- गोरखपुर ट्रेनिंग सेंटर में अव्यवस्थाओं को लेकर महिला रिक्रूट का हंगामा, आईटीसी प्रभारी पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप - July 23, 2025
- बस्ती: अमहट घाट पर कांवड़िया की डूबने से मौत, NDRF टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद शव निकाला बाहर - July 23, 2025
- Ayurveda Meets Scale – Madhavprash Drives Madhavbaug’s Push for Heart Health Across Digital India - July 23, 2025