संकष्टी चतुर्थी का त्यौहार कल मनाया जा रहा है, इसे सकट चौथ अथवा तिल चौथ अथवा माघी चौथ भी कहा जाता है। इस साल 29 जनवरी दिन सोमवार को सकट चौथ रखा जाएगा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि मिलती है। सकट चौथ के दिन महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं।
हर माह में दो चतुर्थी होती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
नारद पुराण के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ, तिल चौथ और माघी चौथ कहा जाता है। इस साल सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी दिन सोमवार को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि मिलती है।
सकट चौथ के दिन महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं
हर माह में दो चतुर्थी होती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। नारद पुराण के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ, तिल चौथ और माघी चौथ कहा जाता है। इस साल सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी दिन सोमवार को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि मिलती है। सकट चौथ के दिन महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं।
सकट चौथ की पूजा में विशेष चीजों को शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और पूजा सफल होती है। अगर आप भी सकट चौथ की पूजा कर रहे हैं, तो आपको यह पता होना बेहद आवश्यक है कि सकट चौथ की पूजा में किन चीजों को शामिल करना चाहिए। आइए जानते हैं सकट चौथ पूजा सामग्री लिस्ट के बारे में।
सकट चौथ पूजा सामग्री लिस्ट
पीला कपड़, चौकी, फूल, गंगाजल, जल,सुपारी,जनेऊ,लौंग,दीपक,दूध,मोदक,धूप,
देसी घी,11 या 21 तिल के लड्डू,फल,कलश,गणेश जी की प्रतिमा
सकट चौथ का शुभ मुहूर्त
दैनिक पंचांग के अनुसार, माघ माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी प्रातः 06 बजकर 10 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस बार सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी को है। सकट चौथ के दिन चंद्रोदय रात 09 बजकर 10 मिनट पर होगा।
सकट चौथ व्रत का महत्व
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश जी की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता के अनुसार, जो महिलाएं सकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं और विधिपूर्वक गणपति बप्पा की पूजा करती हैं, उनकी संतान को कोई रोग नहीं होता है। पूजा के दौरान व्रत कथा पढ़ने का अधिक महत्व है। सकट चौथ कथा पढ़ने से व्रत पूर्ण माना जाता है। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
-एजेंसी
- Agra News: धर्मांतरण पर पंजाबी समाज का प्रचंड आक्रोश, प्रशासन को सराहा – अब 27 जुलाई को होगी निर्णायक बैठक - July 22, 2025
- जब शिक्षा डर बन जाए: डिग्रियों की दौड़ में दम तोड़ते सपने, संभावनाओं की कब्रगाह बनते संस्थान - July 22, 2025
- पैरेंट्स डे के अवसर पर सोनी सब के कलाकारों ने अपने माता-पिता के प्रति जताई भावभीनी कृतज्ञता, बताया उन्हें अपनी प्रेरणा का स्रोत - July 22, 2025