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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आखिरकार आगरा के शिक्षक संगठनों और समाजसेवी संस्थाओं की आवाज उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन ली। आगरा विजिलेंस द्वारा रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किए गए संयुक्त शिक्षा निदेशक आगरा आरपी शर्मा के मामले में जांच समिति गठित कर दी है। श्री शर्मा फिलहाल जेल में हैं। उनकी गिरफ्तारी कोई भी संगठन पचा नहीं पा रहा है। इसमें विजिलेंस को आरोपित किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सतर्कता अनुभाग ने यूपी एजुकेशनल आफीसर्स ऐसोसिएशन की मांग पर जारी उत्तर 30 अगस्त 2024 को जारी शासनादेश द्वारा जांच समिति गठित की है। सचिव, सतर्कता विभाग राजेश कुमार और विशेष सचिव, गृह विभाग वीके सिंह को रखा गया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश से संबद्ध उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद ( सेवारत) के अध्यक्ष डॉ. देव प्रकाश के अनुसार, यूपी एजूकेशनल आफीसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कौस्तुभ कुमार सिंह ने 18 अगस्त, 2024 को पत्र लिखकर शासन से विजिलेंस कार्रवाई की जांच की मांग की थी।
बता दें कि आरपी शर्मा को शिक्षा भवन के बाहर कार में बैठते समय तीन लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार करने की बात विजिलेंस ने कही थी। इसके खिलाफ आगरा मण्डल के प्रधानाचार्य और शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी सयुंक्त संघर्ष समिति 18 अगस्त से आंदोलनरत थे। सबका कहना है कि विजिलेंस ने आरपी शर्मा को रिश्वत के आरोप में झूठा फंसाया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक संघ उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार का कहना है कि शासन ने जांच समिति करके बहुत अच्छा कदम उठाया है। आशा है कि संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. आरपी शर्मा को न्याय मिलेगा। शिक्षा विभाग के रिश्वतखोर मगरमच्छ पकड़ में आ सकेंगे।
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