डॉ. भानु प्रताप सिंह
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. ऐतिहासिक आगरा में ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव का 9वां संस्करण चल रहा है। बड़ी ही धूमधाम से चल रहा है। संख्या कम है, लेकिन है कद्रदानों की। ये कद्रदान देश-विदेश से आए कलाकारों पर करतल ध्वनि के रूप में खूब प्रेम बरसा रहे हैं। यह आयोजन नटरांजलि थिएटर आर्ट्स (एनटीए, आगरा) की निदेशक और जानी-मानी रंगकर्मी अलका सिंह शर्मा द्वारा आयोजित है। जी हां, अपनी अलका सिंह जो फिल्म क्षेत्र से जुड़े गौरव शर्मा से विवाहोपरांत अलका सिंह शर्मा हो गई हैं।
21 सितंबर, 2024 को मैं शाम 4.45 बजे से रात्रि 7.45 बजे तक कार्यक्रम में रहा। मैं शुरुआत से ही अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव से जुड़ा हुआ हूँ। इस बार एक दुर्घटना में चोटिल होने के बाद से सक्रियता कम है। खैर, अपनी बात क्या लिखना, मैं तो अलका सिंह शर्मा के बारे में कुछ लिखना चाहता हूँ। मैंने एक बात अंतरमन से महसूस की कि अलका सिंह शर्मा अब पहले जैसी खिलंदड़ नहीं रही हैं। वे बदल गई हैं। आप सोच रहे होंगे कैसे, तो चलिए बताए देते हैं।
विवाहोपरांत अलका सिंह के सिर पर दुपट्टा आ गया है। मैंने देखा कि पूरे कार्यक्रम के दौरान उनके सिर पर दुपट्टा नहीं हटा। यह हमारी भारतीय संस्कृति का परिचायक है। आमतौ पर भारतीय लड़कियां विवाहोपरांत सिर पर चुनरी रखती हैं, जो अपने से बड़ों के सम्मान का प्रतीक है। जब तक लड़की के स्वरूप में थीं, कोई चिंता नहीं थी। जैसे ही पत्नी बनीं, तो अपनों से बड़ों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए सिर पर चुनरी रखने लगी हैं।
अलका सिंह से विवाहोपरांत मेरी प्रथम भेंट हुई है। फोन पर भी अवश्य दो-तीन बार बात हुई है। मैं भी फोन करने में संकोच करता हूँ। घर वाले बेटी के यहां बार-बार फोन करते रहें तो अच्छा नहीं होता है। इससे उसके ससुरालीय जीवन में विघ्न ही होता है।

अलका सिंह शर्मा को देखकर मुझे दो घटनाएं याद आ गईं-
रविंद्र जडेजा की विधायक पत्नी रिवाबा ने आईपीएल 2023 के फाइनल के बाद क्रिकेट मैदान पर उनके पैर छुए थे। अंतिम शॉट के बाद वे क्रिकेट मैदान पर पहुंची। साड़ी पहने हुए थीं। सिर पर पल्लू था। हजारों लोगों की मौजूदगी में जब रविंद्र जडेजा के चरण स्पर्श किए तो जडेजा ने रिवाबा को गले लगा लिया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। रिवाबा, गुजरात की एमएलए हैं और समाजसेवा में भी सक्रिय रहती हैं।
दूसरी घटना भी आईपीएल 2023 की है। क्रिकेटर रुतुराज गायकवाड़ की पत्नी उत्कर्षा ने फाइनल मैच के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के पैर छुए थे। यह घटना भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। ऐसा करकर उन्होंने सम्मान प्रकट किया था। भारतीय संस्कृति में किसी के चरण स्पर्श करना सम्मान का पराकाष्ठा होती है।
हालांकि बदलते दौर में लड़की जब बहू बनकर जाती है, तो बंधनों में नहीं रहना चाहती है। सिर पर पल्लू भी नहीं रखना चाहती है। ससुराल वाले भी नहीं चाहते हैं। इसके बाद भी जिन बहुओं का दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भारतीय संस्कृति में विश्वास है, अपनी भारतीय परंपराओं पर गर्व है, उन्होंने सिर पर पल्लू या चुनरी रखने का नया तरीका निकाल लिया है।
मुझे लगता है कि अगर वे साड़ी पहने होतीं तो शायद सिर पर पल्लू भी धारण किए रहतीं। ये पंक्तियां पढ़कर कुछ लोगों को लगता होगा कि चमचागीरी की हद कर दी, लेकिन इससे मुझ पर रत्तीभर भी फर्क नहीं पड़ती है। मैं कोई अच्छी बात देखता हूँ तो उसे यथावत प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूँ। कुछ गड़बड़ी देखता हूँ तो उसे भी लिखने से नहीं चूकता हैं और इसी कारण कई कार्यक्रम आयोजिक मुझे बुलाने से भय खाते हैं क्योंकि जो देखेगा, वह लिख देगा। कार्यक्रम में जाने के बाद मैं प्रेसनोट पर आधारित समाचार नहीं लिखता हूँ।
इसी संदर्भ में एक किस्सा और सुनाता हूँ। मेरे यहां स्वास्थ्य लाभ के लिए मेरे ममेरे भाई की पत्नी आगरा आई हुई हैं। गांव में रहती हैं और शुरुआत से ही घूंघट करती हैं। मैं रिश्ते में उनका ज्येष्ठ (जेठ) लगता हूँ। इसलिए मुझसे भी घूँघट करती हैं। मेरे सामने लेट भी नहीं सकती हैं, अगक लेटी हैं तो तुरंत खड़ी हो जाती हैं। मुझे बड़ा अजीब से लगता है। इसलिए मैंने उनसे बहन का रिश्ता बना लिया। इसके बाद घूंघट थोड़ा कम हुआ है लेकिन अन्य बंधन वे धारण किए हुए हैं। बदलाव शनैः-शनैः होता है।
हमारी बेटियां, हमारी बहुएं अलका सिंह शर्मा से प्रेरणा ले सकती हैं। अलका सिंह देश-विदेश में रंगकर्म के क्षेत्र में आगरा का नाम रोशन कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम होने के बाद भी स्थानीय कलाकारों को मंच पर पूरा सम्मान दिया जा रहा है। यह भी उनकी बड़ी उपलब्धि है। वे अपने लिए, दूसरों के लिए काम करने में विश्वास रखती हैं और इसे करकर दिखा रही हैं।
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