करिश्मा कर दिया विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने

करिश्मा कर दिया विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने

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विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने वो कर दिखाया है, जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। 11 मार्च को रिलीज हुई इस फिल्म ने हर किसी को भावुक कर दिया है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ में कश्मीरी पंडितों पर किए गए जुल्म और हैवानियत की कहानी को जिस तरह दिखाया गया है, उसे देख हर कोई सिहर उठेगा। कम स्क्रीन पर रिलीज होने के बावजूद विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने करिश्मा कर दिया है। फिल्म को मिल रही माउथ पब्लिसिटी ने इसे और भी चर्चा में ला दिया है।
सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोग ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखकर रोते नजर आ रहे हैं। हाल ही एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक कश्मीरी पंडित महिला फिल्म देखकर रोने लगी थी। वह रोते हुए विवेक अग्निहोत्री के पैरों में गिर पड़ी और एक्टर दर्शन कुमार से लिपटकर खूब रोई। वह महिला रोते-रोते अपना दर्द बयां कर रही थी। कह रही थी, ‘सबने हमारे नरसंहार का सच छुपाया। मेरे चाचा को ऐसे ही क्रूरता से मारा गया था। सिर्फ आप हमारा सच बाहर लाए। आप हमारे भगवान हो।’
कश्मीरी पंडितों संग हैवानियत का वो काला दिन
90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार की कहानी बहुत ही कम लोग जानते हैं। अब जब लोग फिल्म देखकर उस घटना के बारे में जान रहे हैं तो आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं। कश्मीरी पंडितों के साथ हुए उस नरसंहार कोई नहीं भूल सकता। उसे इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में जाना जाता है। उस दिन कश्मीरी पंडितों को उनके ही घर से बेदखल कर दिया गया। कह दिया गया है कि अगर उन्हें कश्मीर में रहना है तो अल्लाहू अकबर कहना होगा। सड़कों पर हिंदुओं के खिलाफ खूब जहर उगला जा रहा था। कई महीनों से कश्मीरी पंडितों को धमकियां दी जा रही थीं।
कलेजा चीर देंगे सीन
‘द कश्मीर फाइल्स’ में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी और मिथुन चक्रवर्ती जैसे ऐक्टर्स ने कश्मीरी पंडितों के दर्द को जिस तरह से स्क्रीन पर दिखाया है, वह कलेजा चीर देता है। फिल्म में कई ऐसे सीन हैं जो असल घटनाओं पर आधारित हैं और उन्हें देख हर किसी का दिल दहल जाए। ‘द कश्मीर फाइल्स’ में जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के आतंकवादी बिट्टा कराटे का इंटरव्यू भी है। यह वही बिट्टा कराटे है जिसने कई कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया था और उफ्फ तक नहीं निकली।
बिट्टा कराटे का असली वीडियो, बताया कैसे लोगों को मारा
फिल्म में दिखाए गए वीडियो में बिट्टा कराटे यह कबूल करता हुआ भी दिखाया गया है कि उसने 20 लोगों को मौत के घाट उतारा था, जिनमें से कुछ कश्मीरी पंडित भी थे। वीडियो में बिट्टा कराटे बता रहा है कि कत्ल करते वक्त उसे कैसा लगा था। उसने बताया कि पहले कत्ल के बाद उसे कुछ अजीब लगा पर फिर सब ठीक लगने लगा। बिट्टा कराटे बड़े ही निर्मम तरीके से मारता था। वह बिना नकाब पहने ही सड़कों पर निकल जाता है और पिस्टल से लोगों को मौत के घाट उतारता।
कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का चेयरमैन है बिट्टा कराटे
लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिट्टा कराटे अब कहां है और क्या कर रहा है? जानकारी के मुताबिक बिट्टा कराटे जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का चेयरमैन है। 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बाद बिट्टा कटारे राजनीति की दुनिया में उतर गया था। राजनीति में आने से पहले दिए एक इंटरव्यू में बिट्टा कटारे ने नरसंहार को लेकर सारे आरोप कबूले थे, लेकिन बाद में वह पलट गया। बिट्टा अभी भी कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का चेयरमैन है।
700 से अधिक पीड़ितों का इंटरव्यू, खूब रोए थे विवेक अग्निहोत्री
‘द कश्मीर फाइल्स’ ऐसे ही लोगों के दिल और दिमाग पर असर नहीं कर रही है। कश्मीरी पंडितों के जुल्म और दर्द की कहानी को पर्दे पर दिखाने के लिए डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने खूब रिसर्च की। उन्होंने इस नरसंहार की कई सच्ची घटनाओं को फिल्मी पर्दे पर उतारा। पीड़ितों के बारे में जानकारी जुटाई और खूब डॉक्युमेंट रिसर्च किया।
‘Firstpost’ को दिए इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री ने बताया, ‘मैंने और पल्लवी जोशी ने अलग-अलग रिसर्च करने का फैसला किया। हमें कश्मीर के बारे में जो कुछ भी पता है वो नेताओं के जरिए पता है, लेकिन सच्चाई के बारे में कोई अंदाजा नहीं था। हमने दुनिया भर से कश्मीर नरसंहार के 700 से अधिक पीड़ितों का इंटरव्यू करने का फैसला किया। हमने दो साल तक उनकी कहानियों को सुना और रिकॉर्ड किया। जब भी हम कोई कहानी सुनते थे तो हमारी आंखें सूज जाती थीं।’
विवेक अग्निहोत्री ने आगे कहा, ‘मैं इसलिए नहीं रो रहा था क्योंकि कोई मारा गया था। मैं अपने आप पर रो रहा था। यह आत्म दया थी। मैंने अपने मन में सोचा कि यह कैसे संभव है कि इतने लोग मारे गए, महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया, उनके ब्रेस्ट काट दिए गए, और कोई इसके बारे में बात नहीं करता? पल्लवी और मैंने राजनीति में नहीं आने का फैसला किया, और एक ऐसी मानवीय कहानी बताई जो कभी नहीं सुनी गई।’
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh