वृंदावन के मालाकार नारायण सैनी को किया प्रोत्साहित
आगरा से 114 दर्जी, मूर्तिकार, चर्मकार, स्वर्णकारों ने भाग लिया
द्वारिका सेक्टर 25 नई दिल्ली में है यशोभूमि सभागार
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Agra, Uttar Pradesh, Bharat, India. भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितम्बर को विश्वकर्मा दिवस पर द्वारिका सेक्टर 25 नई दिल्ली में है यशोभूमि सभागार का शुभारंभ किया। सभागार में आगरा, अलीगढ़, वृंदावन के कामगारों ने स्टॉल लगाई। पीएम मोदी ने मालाकार नारायण सैनी बातचीत की। उन्हें प्रोत्साहित किया।
एमएसएमई विकास कार्यालय आगरा कार्यक्षेत्र के आगरा से जूता निर्माण एवं आधुनिक जूता मरम्मत, ई-रिक्शा स्टॉल, अलीगढ़ से ताला बनाने, वृंदावन से मालाकार द्वारा बहुत सुन्दर स्टाल लगाईं गई। प्रधानमंत्री मोदी ने वृंदावन के मालाकार नारायण सैनी से वार्ता कर प्रोत्साहन किया। नारायण सैनी ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि उसका परिवार तीन पीढ़ियों से इस पारंपरिक पारिवारिक व्यवसाय को कर रहा है। वह अपने परिवार के साथ बांके बिहारी मन्दिर और उसके आसपास इस पारंपरिक मालाकार व्यवसाय से सेवा कर रहा है और अधिकांश भक्त लंबे समय से उनकी सेवा ले रहे हैं। मैंने मालाकार व्यवसाय की पारंपरिक कला अपनी बहन से सीखी है।
डॉ. राजेश कुमार भारती, आईईडीएस, संयुक्त निदेशक एमएसएमई विकास कार्यालय, आगरा के निर्देशन में कार्यालय के सभी अधिकारियों ने आगरा से 114 दर्जी, मूर्तिकार, चर्मकार, स्वर्णकारों ने प्रतिभाग लिया।

यशोभूमि परिसर में ही 17 से 19 सितम्बर 2023 तक तीन दिवसीय विश्वकर्मा प्रदर्शनी में 18 विभिन्न शिल्प एवं पारम्परिक कार्य को आधुनिकता के साथ कैसे किया जाय, का बेहतरीन प्रदर्शन रहा। प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनी में स्टॉल लगाने वाले सभी शिल्पकार/ कामगारों से वार्ताकर उनका उत्साहवर्धन किया।
योजना के अंतर्गत 18 विभिन्न प्रकार कार्य जैसे बढ़ई, नाव बनाने वाले, अस्त्रकार, लुहार, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाले, मूर्तिकार-पत्थर तोड़ने वाले-पत्थर तराशने वाले, सुनार, कुम्हार, चर्मकार, राजमित्री, डलिया झाड़ू चटाई बनाने वाले, पारम्परिक गुड़िया एवं खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली जाल बनाने वाले देशभर से 6000 शिल्पकार/ कर्मकारों के इत्यादि ने भाग लिया।
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत निर्धारित क्षेत्र के शिल्पकार/ कामगारों को पांच से सात दिवसीय प्रशिक्षण, प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन का भत्ता, सफलतापूर्वक प्रशिक्षण उपरान्त पंद्रह हजार रुपये का टूलकिट वाउचर, प्रथम बार में एक लाख एवं द्वितीय बार में दो लाख रुपये का बैंक ऋण 5 प्रतिशत वार्षिक दर पर सरकारी गारंटी पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त विपणन सहायता, ब्रांडिंग आदि में भी सहयोग किया जाएगा।
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