केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) के अनुसंधान पोर्टल का वर्चुअल रूप से शुभारंभ किया है। एनआईपीईआर का यह रिसर्च पोर्टल MSME सेक्टर की मदद करेगा। उद्यमियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मॉडल विकसित करने के लिए एनआईपीईआर उद्योगों से जुड़ सकता है। इसके लिए शोध बेहद जरूरी।
केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च से इंडस्ट्री व एनआईपीईआर के बीच बेहतर समन्वय होगा तथा औद्योगिक जगत को एनआईपीईआर द्वारा की जा रही रिसर्च के बारे में जानने का अवसर भी मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिसर्च कई देशों की अर्थव्यवस्था का आधार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश में रिसर्च को बढ़ावा देने हेतु प्रतिबद्ध है।
बता दें कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाईपर) फार्मास्युटिकल साइंस में पहला राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है, जिसका उद्देश्य फार्मास्युटिकल साइंस में उन्नत अध्ययन और अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता लाना है। नाईपर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्युटिकल्स विभाग के अधीन एक स्वायत्त निकाय है। यह इंडस्ट्री के लिए शिक्षकों, अनुसंधान वैज्ञानिकों और प्रबंधकों को प्रशिक्षित करके फार्मास्युटिकल शिक्षा और अनुसंधान के स्तर को मजबूत करने के क्षेत्र में काम कर रहा है।
राष्ट्रीय महत्व का संस्थान के तौर पर नाईपर, फार्मास्युटिकल उद्योगों एवं अन्य अनुसंधान और शिक्षण संस्थानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय केंद्रों का निर्माण करने एवं नशीली दवाओं के उपयोग और दुरुपयोग आदि के समाजशास्त्रीय पहलुओं का अध्ययन, दवा निगरानी, सामुदायिक फार्मेसी और दवा प्रबंधन पर कार्यक्रम आयोजित करना आदि भी नाईपर के उद्देश्यों में शामिल हैं।
इन प्रमुख क्षेत्रों में हो रहा रिसर्च
क्षय रोग
मलेरिया
मधुमेह
लीशमैनियासिस
इम्यूनोमॉड्यूलेशन
-एजेंसियां
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