विंटर ओलंपिक के नाम पर चीन गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बीजिंग यात्रा के असली मकसद का खुलासा हो गया है। दरअसल, पाकिस्तान के डिफाल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है और इमरान खान दुनियाभर से कर्ज पर कर्ज ले रहे हैं। इमरान खान की यात्रा से पहले पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि पाकिस्तानी पीएम चीन से 3 अरब डॉलर का लोन मांगेंगे। हालांकि अब खुलासा हुआ है कि हालात बहुत खराब हैं और इमरान खान ने डिफाल्ट से बचने के लिए 9 अरब डॉलर का पैकेज मांगा है। चीन ने अभी इमरान की मांग पर कोई जवाब नहीं दिया है।
इमरान खान सरकार चाहती है कि चीन 9 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दे जिसमें पाकिस्तान को वित्तीय मदद और पिछले कर्ज की भरपाई करने में समय दिया जाए। पाकिस्तान को जून महीने के अंत तक 8.6 अरब डॉलर का कर्ज लौटाना है। एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर पर विशेष सहायक खालिद मंसूर ने कहा कि चीनी नेतृत्व ने इस अनुरोध पर ‘ध्यान’ दिया है।
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा
उधर, इमरान खान खुद इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि चीन ने पाकिस्तान की उस मांग पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है जिसमें 4 अरब डॉलर के कर्ज के भुगतान को स्थगित करना और 5.5 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने की मांग की गई है। मंसूर इमरान खान के साथ चीन गए थे। उन्होंने चीनी नेताओं के साथ मुलाकात की थी। इस्लामाबाद में स्थित आर्थिक विश्लेषक फारुक सलीन ने कहा, ‘यह एक असामान्य स्थिति है लेकिन पाकिस्तान इसका आदी हो गया है।’
सलीन ने कहा, ‘हम विभिन्न कर्ज संकट में फंस चुके हैं और लगातार डॉलर के आवक की जरूरत है ताकि कर्ज के संकट को धीरे-धीरे करके कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि चीन ने पहले 4 अरब डॉलर का लोन दे रखा है ताकि देश के तेजी से कम होते विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाया जा सके। अब इमरान खान सरकार चाहती है कि चीन 3 अरब डॉलर की और मदद दे ताकि विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाया जा सके। चीन और सऊदी समेत कई देशों से कर्ज लेने के बाद भी पाकिस्तान का कर्ज संकट लगातार बढ़ रहा है।
पाकिस्तान के ऊपर चीन का 18.4 अरब डॉलर का कर्ज
इससे पहले आईएमएफ की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पाकिस्तान के ऊपर चीन का 18.4 अरब डॉलर का कर्ज है। यह पाकिस्तान के कुल विदेशी कर्ज का 20 प्रतिशत है। पाकिस्तान पर अभी कुल 92.3 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। इसमें चीन का कर्ज काफी ज्यादा है। आईएमएफ का अनुमान है कि पाकिस्तान का कुल कर्ज अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक 103 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
-एजेंसियां
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