रूस के ख़िलाफ़ पश्चिमी देशों के कड़े प्रतिबंधों का असर दिखने लगा है. अमेरिकी मुद्रा डॉलर की तुलना में रूस की मुद्रा रूबल में क़रीब 30 फ़ीसदी की गिरावट आई है.
यूरो में एक फ़ीसदी की गिरावट आई है और तेल की क़ीमत में भी उछाल है. यूक्रेन पर हमले के ख़िलाफ़ पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं.
रूस में लोगों की बैंकों के बाहर लंबी लाइनें लग रही हैं. इन्हें डर है कि बैंक कार्ड काम करना बंद कर देंगे या फिर कैश निकालने की सीमा तय कर दी जाएगी.
यूरोप में रूस के स्वामित्व वाले बैंक काम करना बंद कर चुके हैं. रूस के केंद्रीय बैंक पर प्रतिबंध के कारण वह क़रीब 630 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार इस्तेमाल नहीं कर पाएगा और इसका सीधा असर रुबल पर पडे़गा. रूस की मुद्रा रूबल कमज़ोर होने के कारण महंगाई भी तेज़ी से बढ़ेगी.
ऐसे में केंद्रीय बैंक के पास बहुत कम विकल्प होंगे. इनमें ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी और देश से बाहर मुद्रा ले जाने को सीमित करना शामिल है.
इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से फ़ोन पर हुई बातचीत में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि अगला 24 घंटा यूक्रेन के लिए काफ़ी अहम है.
-एजेंसियां
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