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आरबीएस कॉलेज आगरा के चीफ प्रोक्टर डॉ. संजीवपाल सिंह के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का विरोध, कोई काम नहीं करेंगे शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी, घटना क्यों हुई

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प्राचार्य विजय श्रीवास्तव से मिले शिक्षक, पुलिस कार्रवाई निरस्त करान की मांग

शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ की बैठक में 6 मांगों पर सहमति, प्रिंसिपल को चिट्ठी

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आरबीएस कालेज, आगरा के आन्तरिक घटनाक्रम तूल पकड़ता नजर आ रहा है। शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाई है। कॉलेज प्राचार्य और शिक्षकों ने कॉलेज के चीफ प्रोक्टर डॉ. संजीवपाल सिंह के खिलाफ की गई एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया है। जब तक मुकदमा निरस्त नहीं किया जाता है, तब तक शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी कोई काम नहीं करेंगे। आरबीएस कॉलेज में घटना क्यों हुई, इसका कारण भी प्राचार्य ने बताया है।

 प्राचार्य प्रोफेसर विजय श्रीवास्तव का कहना है कि आरबीएस कालेज, आगरा के आन्तरिक घटनाक्रम को मनगढ़ंत तरीके से दुष्प्रचारित किया गया है। पुलिस प्रशासन ने कालेज के चीफ प्रोक्टर, डॉ. संजीव पाल सिंह ही नहीं, वरन् पूरे महाद्यिालय की मानहानि की है। महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर ई-रिक्शा चालकों का अतिक्रमण एवं दुर्व्यवहार लम्बे समय से चल रहा है जिसकी लिखित शिकायत समय-समय पर ‘प्रशासन को भी दी जाती रही है।

प्रोफेसर विजय श्रीवास्तव ने बताया कि महाविद्यालय के अन्दर आकर कर्मचारियों पर हमला करने का दुस्साहस ई-रिक्शा चालक द्वारा करना और शिक्षक एवं कर्मचारियों के खिलाफ झूठी शिकायत करना तथा पुलिस प्रशासन द्वारा बिना किसी जाँच के महाविद्यालय के प्रतिष्ठित शिक्षक एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करना घोर आपत्तिजनक है। घटनाक्रम पर पुलिस प्रशासन एवं मुछ मीडिया की मिलीभगत की घोर निन्दा की है।

आरबीएस कॉलेज आगर शिक्षक संघ की बैठक प्रोफेसर विपिन कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में महाविद्यालय के चीफ प्रोक्टर डॉ. संजीव पाल सिंह के खिलाफ राजनीतिक दवाब से की गयी एकतरफा पुलिस कार्यवाही पर आक्रोश व्यक्त किया गया। शिक्षकों ने एक स्वर से कहा कि यह कार्रवाई महाविद्यालय के आन्तरिक मामलों में अनाधिकृत हस्तक्षेप ही नहीं वरन् महाविद्यालय की छवि से खिलवाड़ करने का कुत्सित प्रयास है।

बैठक में एक स्वर ही यह निर्णय लिया कि चीफ प्रोक्टर डॉ. संजीव पाल सिंह के खिलाफ की गई कार्रवाई के वापस होने तक महाविद्यालय के सभी शिक्षक सभी दायित्वों से विरत रहेंगे, जिसमें प्रवेश, परीक्षा और प्रशासनिक दायित्व भी शामिल हैं।

महामंत्री प्रो. युवराज ने बताया कि उक्त प्रकरण का त्वरित समाधान न होने पर शिक्षक प्रतिनिधिमण्डल पुलिस, प्रशासन के उच्च अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेगा।

सांस्कृतिक सचिव प्रो. कल्पना, प्रो. सुधीर कुमार सिंह, सुरेखा तोमर, हरिकांत, डॉ. ब्रजेश चतुर्वेदी, डॉ. आलोक, डॉ. एस.पी. मौर्य, प्रो. ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. विवेक कुमार, प्रो. पुष्पेन्द्र सिंह, प्रो. संजय कुमार मिश्र, डॉ. पूनम तिवारी, डॉ. दिग्विजय सिंह, परिसर मंत्री (बिचपुरी) प्रो. पवन कुमार सिंह, परिसर मंत्री (आगरा) डॉ. मधुबाला आदि के नाम पत्रशीर्ष पर अंकित हैं।

शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ राजा बलवन्त सिंह कालेज, आगरा के महासचिव राजीव प्रताप सिंह ने प्राचार्य को पत्र लिखा है इसमें कहा गया है कि दिनांक 24.07.2024 को महाविद्यालय परिसर पर हुई घटना जिसमें दिनांक 25.07.2024 को दो शिक्षणेतर कर्मचारियों, श्री संजय एव श्री जल सिंह को थाना हरीपर्वत की पुलिस कॉलेज परिसर से उठा कर ले गयी और सायंकाल में इन कर्मचारियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर निजी मुचलके पर छोड दिया गया। इस घटनाक्रम के सम्बन्ध में दिनांक 26.07.2024 को आरबीएस कालेज शिक्षणेतर कर्मचारी संघ की एक आपात बैठक आहूत की गयी।

सर्वसम्मति से निर्णय लिये गये

  1. कालेज में कार्यरत समस्त कर्मचारी कालेज में प्राचार्य के अधीन एवं उनकी व्यवस्था में कार्य करते हैं। ऐसी स्थिति में प्राचार्य का दायित्व है कि यह समस्त कर्मचारियों को संरक्षण प्रदान करे।
  2. प्राचार्य द्वारा अपने स्तर से तत्काल उचित कार्यवाही करते हुये श्री संजय एवं श्री जल सिंह के विरूद्ध पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे को निरस्त कराया जाय।

3 पुलिस द्वारा अनुचित रूप से कालेज कर्मचारियों के विरूद्ध की गयी कार्यवाही के लिए थाना हरीपर्वत के इस्पेक्टर के विरूद्ध कार्यवाही के लिए पुलिस उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाय।

  1. उक्त घटना से कर्मचारियों के सम्मान को ठेस पहुंची है, अतः भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कालेज प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था की जाय।
  2. कालेज में स्थापित सीसीटीवी कैमरों के पार्सवर्ड प्राचार्य स्वयं अपने पास सुरक्षित रखे, किसी भी कर्मचारी को यह पासवर्ड नहीं सौंपा जाए।
  3. यदि उपरोक्त दोनों कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे तत्काल निरस्त नहीं कराये जाते हैं, तो शिक्षणेतर कर्मचारी संघ द्वारा दर्ज मुकदमे निरस्त होने तक महाविद्यालय नहीं खुलने देगा।
Dr. Bhanu Pratap Singh