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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. नटरांजलि थियेटर आर्ट्स द्वारा आयोजित दो दिवसीय भव्य आयोजन “ताज उत्सव” ने यूथ हॉस्टल में कला, संस्कृति और साहित्य के अनुपम संगम से दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इस महासंगम का शुभारंभ नटराज की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, इंजी. राजकुमार शर्मा, गौरव शर्मा, रोहित कत्याल, ब्रजेश पंडित और रितु गोयल ने शिरकत की। संस्कृति संवर्धक डॉ. विजय किशोर बंसल ने अपने मार्गदर्शन से आयोजन को दिशा प्रदान की।
मुख्य अतिथि राजकुमार गुप्ता ने कलाकारों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, “मैं सदा संगीतमय भाव में रहता हूँ। प्रत्येक व्यक्ति को अपने अंतर्मन की सोई कला को जागृत रखना चाहिए, जिससे समाज में सकारात्मकता का संचार हो।” इस अवसर पर देश भर से सैकड़ों कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और पुरस्कारों से सम्मानित हुए।
प्रथम दिन: नृत्य का जादू और सम्मानों की बरसात
मंचीय प्रस्तुतियों की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार रानी जैन (हरियाणा) ने नवदुर्गा स्तुति से की। भरतनाट्यम में पश्चिम बंगाल की दीक्षा सरकार, प्रिया तिवारी और अग्नीता साहा ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। कथक में मध्यप्रदेश से अमिती कांत, श्रुति शर्मा और विदुषी तिवारी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। ओडीसी विधा में शुभा लक्ष्मी राम और योगा इंटरनेशनल चैंपियन बर्षा बेरा ने उत्कृष्टता का परिचय दिया।
सम्मानों की श्रृंखला में ताज कला शिरोमणि सम्मान बिधान चन्द्र दास को प्रदान किया गया। गुरु सम्मान से अलोके भादुरी, सुबल साखा देनरे (पश्चिम बंगाल), सास्वती सेन (झारखंड) और शुभा लक्ष्मी राम (ओडिशा) को नवाजा गया। प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे: लोक नृत्य में प्रथम स्थान रुप्सा घटक, शुभो खामरूई और काकुन कोले ने हासिल किया, द्वितीय स्थान तनिष्ठा मुर्मु और त्रिषा रॉय को मिला। सेमी-क्लासिकल में स्पेशल चाइल्ड रुपांजन सेन प्रथम रहे। ओडिसी में अभिप्शा राउत प्रथम और विशाखा प्रियदर्शिनी द्वितीय रहीं। मॉडर्न में तियाशा उदकरी प्रथम और रिमी गोराय द्वितीय स्थान पर रहीं। अभिव्यक्ति में सायन पाल, कथक में झिलिक पाल प्रथम और इशिता दत्त द्वितीय रहीं। क्रिएटिव डांस में अंकिता गोस्वामी प्रथम और पायल पात्र द्वितीय रहीं। निर्णायक मंडल में बिधान चन्द्र दास, विदुषी सिंह और अलोक भादुड़ी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गणमान्य अतिथियों में शबाना खंडेलवाल, डॉ. गरिमा गुप्ता, सोनू कक्कड़, करुणानिधि गर्ग, अमित ग्वाला, मनमोहन कुशवाह, आदर्श नंदन गुप्ता, शरद गुप्ता, डॉ. आनंद राय, डॉ. महेश धाकड़, वीरेंद्र मित्तल, नितिन जौहरी और अजय दुबे उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन अलका सिंह शर्मा ने किया, जिसमें राजदीप ग्रोवर, अरुण भारद्वाज, सिंधु द्विवेदी, विनीता सिंह और गुंजन पलवार ने सहयोग दिया।
द्वितीय दिन: साहित्य और नृत्य का अनुपम संनाद
दूसरे दिन का शुभारंभ इंजी. राजकुमार शर्मा, सुनील विकल, डॉ. विनोद कुमार माहेश्वरी, सुनील दीक्षित (विभाग कार्यवाह आरएसएस), बृजेश अग्रवाल (प्रांतीय कोषाध्यक्ष क्रीड़ा भारती), पंकज खंडेलवाल (प्रांत प्रमुख सेवा भारती), रिंकी उपाध्याय, रितु गोयल, ब्रजेश पंडित और गौरव शर्मा ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। डॉ. विजय किशोर बंसल ने पुनः मार्गदर्शन प्रदान किया।

मंच पर ओडिसी नृत्य में साई सोजाश्ना नायक ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, वहीं अंतरराष्ट्रीय टीवी कलाकार तपस घोष ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। नृत्य प्रतियोगिताओं में जूनियर शास्त्रीय नृत्य में सिद्धि त्रिपुरा दास प्रथम, साई साध्वी पंडा द्वितीय और सुभेच्छा साहू तृतीय रहीं। सीनियर वर्ग में आर. पवित्रा प्रथम, शिवम साहू द्वितीय और साई सजेश्ना तृतीय रहे। सेमी-क्लासिकल में दीक्षा रातेरिया और अनन्या रविन्द्र गिरड़े प्रथम, निधि रातेरिया और सताक्षी सतपथी द्वितीय रहीं।
राष्ट्रीय गुरु सम्मान प्रेरणा देवांगन (छत्तीसगढ़) और सस्मिता रानी साहू (ओडिशा) को प्रदान किया गया। ताज कला रत्न से शुभेच्छा साहू, दीक्षा रातेरिया और अनन्या रविन्द्र गिरड़े सम्मानित हुईं। शक्ति स्वरूपा सम्मान लेफ्टिनेंट सौम्या कटारा (जे.ए.जी. जज एडवोकेट जनरल) को दिया गया। साहित्य शिल्पी सम्मान से डॉ. सुनीता चौहान, ठा. मनीषा सिंह, राजेंद्र शर्मा, संजय गुप्ता, आदर्श नंदन गुप्ता और शरद गुप्त को सम्मानित किया गया। निर्णायक मंडल में मैरी पैट्रिक और विनीता सिंह शामिल रहीं।
इस अवसर पर गणमान्य अतिथि डॉ. सुषमा सिंह, आभा चतुर्वेदी, डॉ. महेश धाकड़, निशि राज, राजकुमार जैन, डॉ. आनंद राय, नितिन जौहरी, आरपी सक्सैना, यतेन्द्र सिसोदिया, एसके बग्गा, पीयूष अग्रवाल, अशोक गर्ग, शैलेश जी, गजेंद्र सिंह पिप्पल, पवन बंसल, संजय गोयल, डॉ. उमेश शर्मा, मनीष भारद्वाज, संगीता राठौर, वंदना कक्कड़, राजकुमारी पाराशर, ममता पचौरी, सिंधु गुप्ता, अनामिका मिश्रा और सोमा सिंह उपस्थित रहे। व्यवस्था लालाराम तैनगुरिया, राजदीप ग्रोवर, अमित कौरा, अरुण भारद्वाज, सिंधु द्विवेदी और रचना माहौर ने संभाली। कार्यक्रम का संयोजन व संचालन अलका सिंह शर्मा ने किया।
संपादकीय टिप्पणी: अलका सिंह शर्मा – संस्कृति की संनादिनी
ताज उत्सव के इस भव्य आयोजन में यदि कोई व्यक्तित्व सर्वोपरि चमकता है, तो वह हैं अलका सिंह शर्मा। कला, संस्कृति और साहित्य के इस महासंगम को संयोजित करने में उनकी दूरदर्शिता, समर्पण और नेतृत्व कौशल प्रशंसनीय है। अलका ने न केवल विभिन्न विधाओं के कलाकारों को एक मंच प्रदान किया, बल्कि साहित्यिक धरोहर को भी सम्मानित कर एक नया आयाम स्थापित किया। उनकी सूझबूझ और संगठनात्मक क्षमता ने इस उत्सव को एक अविस्मरणीय अनुभव में परिवर्तित कर दिया। यह उनकी संवेदनशीलता और कला के प्रति प्रेम का ही परिणाम है कि ताज उत्सव ने देश भर के कलाकारों और साहित्य प्रेमियों के मध्य एक सशक्त सेतु का निर्माण किया। अलका सिंह शर्मा सही मायनों में संस्कृति की संवाहक और प्रेरणा की मूर्ति हैं।
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