Mathura (Uttar Pradesh, India)। बुधवार को सबकी निगाहें मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायालय पर लगी होंगी। तीस सितम्बर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान को लेकर दायर याचिका को स्वीकार करने अथवा अस्वीकार करने पर निर्णय ले सकती है अदालत। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर दाखिल की गई याचिका स्वीकार या अस्वीकार करने पर अदालत 30 सितंबर, 2020 को निर्णय लेगी, जिस पर सबकी निगाहें हैं।
दूसरा पक्ष जमीन से कब्जा छोड़े
महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ महापुरूष हैं। इनके सानिध्य में सनातन धर्म सुरक्षित है। हमें दोनों के हाथ मजबूत करने चाहिए। श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर चर्चा कर दूसरे पक्ष को मंदिर की जमीन से कब्जा छोडना चाहिए।
अयोध्या तो झांकी है, मथुरा, काशी बाकी है
डॉ. मनोज शास्त्री ने कहा कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और काशी विश्वनाथ को लेकर भी हम सबको विचार करना चाहिए। यहां भी भव्य मंदिरों का निर्माण होना चाहिए। आनंद वल्लभ गोस्वामी ने कहा कि अभी प्रदेश और केन्द्र में भाजपा की सरकार है, मंदिर निर्माण के प्रयास किये जाने चाहिए। विमल चैतन्य ब्रह्मचारी ने कहा कि राम जन्मभूमि से शुरुआत हुई है आगे सभी मंदिरों का संरक्षण होगा। कार्ष्णि नागेन्द्र महाराज ने कहा कि कोर्ट में याचिका दायर की गई है। हम समस्त धर्म आचार्य, साधु संत और ब्रजवासियों का पूर्ण समर्थन है। एक मुहिम चलानी चाहिए जिसके जरिये काशी विश्वनाथ और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण हो। इस दौरान नारा दिया गया कि अयोध्या तो झांकी है, मथुरा, काशी बाकी है।
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