केंद्र सरकार में कुछ लोग बदले की राजनीति में जुटे हुए हैं: संजय राउत

केंद्र सरकार में कुछ लोग बदले की राजनीति में जुटे हुए हैं: संजय राउत

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शिवसेना के सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती। केंद्र सरकार में कुछ लोग बदले की राजनीति में जुटे हुए हैं। खासतौर पर महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में बदले की कार्रवाई शुरू है। उसमें भी महाराष्ट्र में इसका प्रमाण ज्यादा है। जो कीचड़ फेंका जा रहा है उसमें उनके हाथ कितने गंदे हैं, यही देश को पता चलना चाहिए इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय में मैंने कुछ सबूत दिए हैं। महाराष्ट्र की जांच एजेंसी तो अपना काम करेगी लेकिन केंद्र की जांच एजेंसी क्या कर रही है यह भी पता चलना चाहिए। राउत ने कहा कि सिर्फ केंद्र सरकार के पास में ही जांच एजेंसी नहीं है, महाराष्ट्र में भी है। राउत के इस बयान के मायने क्या हैं? आने वाले दिनों में पता चलेगा।
क्रिमिनल सिंडिकेट चला रही हैं एजेंसियां
संजय राउत ने कहा कि बीजेपी के कुछ नेताओं के साथ मिलकर महाराष्ट्र में केंद्रीय जांच एजेंसियां एक क्रिमिनल सिंडिकेट चला रही हैं। इस बात की भी जानकारी मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय को बतौर सांसद और एक शिवसेना नेता के रूप में भी दी है। ऐसे जानकारी में उन्हें आगे भी देता रहूंगा। मुंबई वापस जाने के बाद मैं एक प्रेस कांफ्रेंस भी करूंगा।
जांच के बाद सब बाहर आएगा
संजय राउत ने कहा कि आईपीएस रश्मि शुक्ला के फोन टैपिंग मामले में भी जांच के बाद कई लोगों के नाम सामने आएंगे। जिनके इशारे पर यह फोन टैपिंग की गई थी। उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी के कई नेताओं के फोन टैप किए गए थे। आखिर इसके जरिए रश्मि शुक्ला और उनके आकाओं की क्या मंशा थी, यह भी धीरे-धीरे जनता को पता चलेगा।
ठाकरे परिवार से बदला लेना चाहते हैं राउत
महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने भी राउत पर कुछ दिनों पहले गंभीर आरोप लगाया था। तब सोमैया ने कहा था कि संजय राउत मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति द्वेष की भावना रखते हैं। सोमैया ने तब कहा था कि कुछ महीने पहले जब संजय राउत ईडी के शिकंजे में फंसते हुए नजर आए थे। तब ठाकरे परिवार ने उनका साथ नहीं दिया था। इसी वजह से अब राउत, ठाकरे परिवार के खिलाफ द्वेष की भावना से काम कर रहे हैं। इसी वजह से उन्होंने 19 बंगलों का यह पुराना मुद्दा उठाया है।
-एजेंसियां