Aligarh, Uttar Pradesh, India. उत्तर प्रदेश में दो दिवसीय रेडियो टैलेंट हंट कार्यशाला का समापन हुआ। मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ़ (Mangalayatan university Aligarh) के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग (Journalism and Mass Communication Department) और राष्ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme) के संयुक्त तत्वावधान में हुई इस कार्यशाला पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष मनीषा उपाध्याय (Manisha upadhyay HOD Journalism and Mass Communication Department) ने अपने वक्तव्य में कहा कि एक उद्घोषक को अच्छा एक्टर भी होना चाहिए। क्योंकि स्क्रिप्ट प्रस्तुतीकरण में हावभाव का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि मजबूत स्क्रिप्ट और प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम को रोचक बनाते हैं।
आरजे कुंदन शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अपने आसपास का अवलोकन करते रहना चाहिए इससे ही मस्तिष्क में इमेज बनती है। प्रसारण के लिए विभिन्न विषयों का ज्ञान होना आवश्यक है। सभी का आभार व्यक्त करते हुए डॉ. सिद्धार्थ जैन ने कहा कि हमारी सोच ही हमें आगे ले जाती है। इसलिए हर क्षण हमें सीखते रहना चाहिए। रेडियो की बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्क्रिप्ट ही कलाकार की पहचान होती है।
कार्यक्रम में छात्रों को विभिन्न विषयों पर स्क्रिप्ट राइटिंग के लिए टॉपिक दिए गए। स्क्रिप्ट लेखन में विजयी तीन विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जायेगा। प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए। कार्यशाला का आयोजन पत्रकारिता के डीन प्रो. शिवाजी सरकार के निर्देशन में किया गया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जिसमें आशीष, रुचि, शिखा, सुभि और आकांशा ने सहभागिता की । आयोजन में डॉ. पूनम रानी, देवाशीष चक्रवर्ती, लव मित्तल, अनुराधा यादव, मयंक जैन, शिखा शर्मा, याशिका गुप्ता, नरेश सिंह आदि का सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन छात्रा पर्णिका ने किया।
इससे पहले मंगलवार को कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में प्रो0 केवीएसएम कृष्णा ने कहा कि रेडियो का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। शब्दों को सुनने से ही दिमाग में इमेज बनती है और वो याद रह जाती है। इसलिए रेडियो पर बोले गए शब्द सुनने पर अपने सामने दृश्य समान प्रतीत होते है। रेडियो तकनीकी के बिना एक परम्परा है। रेडियो कल्पनाशीलता को बढ़ाता है।
कार्यशाला के प्रथम सत्र में पत्रकारिता के डीन प्रो शिवाजी सरकार ने रेडियो के महत्व और संचार के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि रेडियो व्यवहार और बातचीत का सलीका सिखाता है। उन्होंने रेडियो तरंगों और उसकी प्रक्रिया, रेडियो में स्क्रिप्ट का महत्व बताया। कहा कि जैसे बोलना है वैसे ही लिखना चाहिए, आवाज में जादूगरी होनी चाहिए। एमिटी यूनिवर्सिटी से वीडियो के माध्यम से जुडी प्रो. निपुणिका शाहिद ने कहा कि रेडियो की सबसे अधिक विशेषता श्रोताओं से जुड़ना होता है।
सीएससी के डायरेक्टर और आर्ट विभाग के अध्यक्ष प्रो. असगर अली अंसारी ने सरल भाषा में लिखने की विधि पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कि वही भाषा सरल है जो श्रोताओं को जोड़ सके। जो शब्द हमारे आसपास बोले जाते हैं और जिस शब्द का अर्थ हम जानते है वही हमारे लिए सरल हैं। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक कुशवाह और कृपा अरोरा ने किया। मयंक जैन ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रो. आरके शर्मा, डॉ. शगुफ्ता परवीन, डॉ. शिव कुमार, लव मित्तल, अनुराधा यादव, आशीष जैन, विलास पालके, रैना सिंह, विजया सिंह, याशिका, जितेंद्र शर्मा आदि का सहयोग रहा।
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