वन नेशन-वन इलेक्शन पर कांग्रेस ने कहा, संविधान को बदलना चाहती है सरकार

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कांग्रेस ने लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश को लेकर गुरुवार को सरकार पर हमला बोला। आरोप लगाया कि वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के साथ संविधान को पूरी तरह बदला देना चाहती है।

समिति की रिपोर्ट में यह कहा गया है

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई 18000 से ज्यादा पन्नों की रिपोर्ट में कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने कहा है कि पहले चरण के रूप में, लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके बाद 100 दिन के अंदर दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं।

कांग्रेस का हमला

इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है। वह स्पष्ट बहुमत, दो-तिहाई बहुमत और 400 सीटों की मांग कर रहे हैं। वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के उद्देश्य के लिए बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को पूरी तरह बदलना चाहते हैं।’

रिपोर्ट में दावा, लोकतांत्रिक परंपरा की नींव गहरी होगी

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक साथ चुनाव कराए जाने से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा, लोकतांत्रिक परंपरा की नींव गहरी होगी और ‘इंडिया जो कि भारत है’ की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी। समिति ने सिफारिश की है कि भारत निर्वाचन आयोग राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एकल मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करे।

समिति ने कई संवैधानिक संशोधन की सिफारिश की है जिनमें से ज्यादातर के लिए राज्यों के अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी। फिलहाल, भारत निर्वाचन आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जिम्मेदार है, जबकि नगर निकायों और पंचायतों के चुनावों का प्रबंधन राज्य चुनाव आयोगों द्वारा किया जाता है।

भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है और इसका उद्देश्य धन और अन्य संसाधनों की बचत करना है।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh