फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि यूक्रेन संकट के लिहाज़ से आने वाले दिन बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे.
उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ हुई बैठक के बाद यह बयान दिया.
उन्होंने कहा, “यूक्रेन गतिरोध को कम करने के लिए आने वाले दिन अहम हैं.”
रूस से लगी यूक्रेन की सीमा पर क़रीब एक लाख रूसी सैनिक तैनात हैं, जिसे लेकर अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देश ख़तरा बता रहे हैं. हालांकि रूस बार-बार दोहरा रहा है कि यूक्रेन पर हमला करने की उसकी कोई योजना नहीं है.
रूस ने पश्चिमी देशों के सामने शर्त रखी है कि यूक्रेन को नेटो का सदस्य ना बनाया जाए और नेटो की सेना की तादाद पूर्वी यूरोप में घटाई जाए. पश्चिमी देशों ने इन मांगों को ख़ारिज कर दिया है और इसके अलग बातचीत के नए मुद्दे सुझाए हैं,
मसलन- परमाणु हथियारों की कटौती पर बातचीत आगे बढ़े.
इससे पहले मैक्रों ने जर्नल डू डिमंचे अख़बार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि रूस का उद्देश्य “यूक्रेन नहीं बल्कि नेटो और यूरोपीय संघ के साथ नियमों का स्पष्टीकरण” हैं. उन्होंने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि रूसी राष्ट्रपति के साथ उनकी बातचीत सैन्य संघर्ष को रोकने के लिए पर्याप्त होगी और पुतिन व्यापक मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार होंगे.
वहीं दूसरी ओर जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ के साथ वॉशिंगटन में हुई भेंट के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइप लाइन को बंद करने की चेतावनी दी है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी हमले की आशंका के तहत रूस पर प्रतिबंधों को लगाने का समर्थन किया है. साथ ही ब्रिटेन इस क्षेत्र में रॉयल एयरफ़ोर्स के लड़ाकू विमानों और रॉयल नेवी के युद्धपोतों को तैनात करने पर भी विचार कर रहा है.
पाँच घंटे लंबे चले डिनर के दौरान रूस के राष्ट्रपति से बात करने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पत्रकारों को बताया कि इस दिशा में आने वाले दिन निर्णायक साबित हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में और गंभीरता से विचार किए जाने की ज़रूरत है ताकि सभी देश एक साथ आगे बढ़ें.
-एजेंसियां
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