श्रीलंका में विपक्ष के नेता ने भारतीय पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई

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श्रीलंका में विपक्ष के नेता सजिथ प्रेमदासा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है. आर्थिक संकट से गुज़र रहे श्रीलंका में इस समय राजनीतिक अस्थिरता का भी दौर चल रहा है.
श्रीलंका में प्रधनमंत्री को छोड़कर पूरी की पूरी कैबिनेट ने इस्तीफ़ा दे दिया है. वहाँ के सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने भी त्यागपत्र दे दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सजिथ प्रेमदासा ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा है- कृपया जितना अधिक संभव हो, उतनी मदद की कोशिश करिए. ये हमारी मातृभूमि है. हमें अपनी मातृभूमि को बचाने की आवश्यकता है.
भारत ने श्रीलंका में आर्थिक संकट शुरू होने के बाद काफ़ी मदद की है. भारत ने तेल, अनाज और दवाओं के रूप में श्रीलंका को मदद की ही है, इसके अलावा कर्ज़ भी दिया है. लेकिन श्रीलंका में फ़िलहाल हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं. वहाँ की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) का दरवाज़ा भी खटखटाया है.
श्रीलंका में सेंट्रल बैंक के गवर्नर का इस्तीफ़ा
श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच देश के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने देश के सभी राजनीतिक दलों को देश के अब तक के सबसे बुरे आर्थिक संकट का समाधान तलाशने के लिए सरकार में शामिल होने का आमंत्रण दिया है.
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इस संकट का समाधान निकालने के लिए मिलकर काम करने की अपील की है.
इससे पहले श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्द कबराल ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
उन्होंने ट्वीट कर बताया, देश के सभी कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफ़े को देखते हुए मैंने भी बतौर गवर्नर अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को दे दिया है.
रविवार देर रात को श्रीलंका के सभी 26 कैबिनेट मंत्रियों तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया.
पत्रकारों से बात करते हुए देश के शिक्षा मंत्री और सदन के नेता दिनेश गुणावर्धना ने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
लेकिन उन्होंने इस सामूहिक इस्तीफ़े का कोई कारण नहीं बताया.
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि देश में पैदा हुए आर्थिक संकट से सरकार के निबटने के ‘तरीके’ को लेकर मंत्रियों पर जनता की ओर से भारी दबाव था.
31 मार्च को गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने गोटाबाया राजपक्षे के निजी आवास का घेराव कर बस और सरकारी वाहनों में आग लगा दी थी. इसके बाद सरकार ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया था.
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh