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सिंधी भाषा विलुप्त होने की ओर, चालिया पर्व पर जय झूलेलाल सेवा संगठन आगरा ने दिया अद्भुत सुझाव

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. क्या सिंधी भाषा विलुप्त होने की ओर है, क्या सिंधी परिवारों में ही सिंधी भाषा में बात नहीं की जा रही है, सिंधी भाषा को कैसे बचाया जाए? इस तरह के प्रश्नों पर  जय झूलेलाल सेवा संगठन आगरा ने मंथन किया है। सिंधी भाषा को बचाने के लिए अनोखा सुझाव दिया है।

जय झूलेलाल सेवा संगठन के अध्यक्ष दीपक अतवानी व मीडिया प्रभारी तरुण कुमार ने बच्चों को सिंन्धी भाषा बोलने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा- बच्चे घर  परिवार में सिंन्धी भाषा में बात करें ताकि सिंन्धी भाषा को विलुप्त होने से बचा सकें। वे फतेहबाद रोड पर एक मैरिज होम में चालिया पर्व के उपलक्ष में संगीतमय शाम व सिंन्धी भाषा को लेकर हुई विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

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कार्यक्रम में उपस्थित मातृशक्ति।

उन्होंने बताया कि हमारे इष्ट देव भगवान झूलेलाल जी का चालिया पर्व चल रहा है। इस उपलक्ष में हमारा संगठन हर वर्ष संगीतमय शाम का आयोजन  करता है। इस बार भी हम लोगिं ने चालिया पर्व के उपलक्ष में संगीतमय शाम तथा सिंन्धी भाषा को लेकर विचार गोष्ठी का आयोजन किया।

कार्यक्रम में बच्चों व महिलाओ के लिए विभिन्न प्रकार के रखे गए। महिलाओं व बच्चों ने अधिकाधिक संख्या में भाग लिया। अंत में सभी ने दाल बाटी व्यंजन का भी आनंद उठाया।

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कार्यक्रम में उपस्थित जय झूलेलाल सेवा संगठन आगरा के पदाधिकारी।

इस मौके पर महेश नारायणी संरक्षक, राजीव नागरानी महामंत्री, मनीष हरजानी कोषाध्यक्ष,  उपाध्यक्ष शेरू साधवानी, विकास दुलानी, जितेन्द्र कुकरेजा, मनीष रामानी, सुनील मखीजा संगठन मंत्री, कपिल वालेचा, लकी सावलानी, नितिन सुखेजा सह कोषाध्यक्ष, तरुण जुम्मानी मीडिया प्रभारी, सह मीडिया प्रभारी कमल जुम्मानी, भरत हसानी विशेष सलाहकार, सुधीर मदान, घनश्याम लालवानी, पंकज जैसवानी (मूला भाई) मंत्री, किशोर थारवानी, विजय आतवानी, प्रदीप रामत्री, विजय खत्री, जय भोजवानी, किशोर करमचंदानी, जितेंद्र नागवानी, विजय बुलानी, बाबू वयानी, अमर नागरानी, विजय सिंधानी, हेमंत चोइथवानी, शंकर लाल, मुकेश तोलानी, राज छाबड़ा, प्रदीप नागदेव, दीपक दयानी, विकी रोहरा, मनीष नागरानी, मोहित कपूर, विशेष आमंत्रित सदस्य चंद्रप्रकाश विशनानी, दिलीप खेमानी, राजेंद्र खेमानी, किशोर कुंडवानी, रोहित वाधवानी, सुनील केसवानी, कपिल पंजवानी, करण बुधरानी, भारत चोइथवानी, कपिल छाबड़ा, अनिल भाटिया, जगदीश मदनानी,  हरभजन होतचंदानी, यशपाल चंदानी, रवि कुकरेजा, नरेंद्र राय सिंघानी, तरुण लालवानी, जितेंद्र करीरा, गोविंद बत्रा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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Dr. Bhanu Pratap Singh