आगरा में टोरेंट पावर का विद्युत दुरुपयोग रोकने के लिए अभिनव प्रयोग

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.

टोरेंट पावर ने विद्युत चोरी के लिए कुख्यात क्षेत्रों में एक अभिनव प्रयोग प्रारंभ किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं। इसके अंतर्गत एक ही बॉक्स में 14-15 मीटर स्थापित किए गए हैं, और यदि कोई मीटर में छेड़छाड़ करता है, तो संपूर्ण क्लस्टर की विद्युत आपूर्ति स्वतः रुक जाती है। इस उपाय ने विद्युत चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाया है। इसके साथ ही, कंपनी ने विद्युत नेटवर्क में सुधार कर सुरक्षित और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की है। विद्युत चोरी करने वाले ही टोरेंट पावर से भयभीत रहते हैं और अनुचित आरोप लगाते हैं।

प्रयोग की रणनीति और कार्यप्रणाली

टोरेंट पावर के जनसंपर्क अधिकारी श्री भूपेंद्र सिंह ने विशेष वार्ता में बताया कि कुछ क्षेत्रों में भूमिगत केबल डाले जाने के उपरांत भी विद्युत दुरुपयोग की समस्या बनी हुई थी। इसे नियंत्रित करने हेतु कंपनी ने एक विशेष रणनीति अपनाई। इसके तहत 15 घरों का एक क्लस्टर बनाकर ऊंचाई पर टॉप-अप बॉक्स के माध्यम से विद्युत आपूर्ति प्रारंभ की गई। कुछ व्यक्तियों ने आदतवश मीटर में छेड़छाड़ का प्रयास किया, किंतु परिणामस्वरूप संपूर्ण 15 घरों की बिजली कट गई। जिन घरों की बिजली बाधित हुई फिर उन्होंने ही विरोध किया। इस नवाचार ने विद्युत चोरी की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोक लगाई है।

प्रयोग के लिए चयनित क्षेत्र

यह प्रयोग आगरा के तेलीपाड़ा, अजमपाड़ा, पक्की सराय, कच्ची सराय, काजीपाड़ा, मंटोला, और महावीर नाला जैसे क्षेत्रों में लागू किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी सफलता ने कंपनी के प्रयासों को बल प्रदान किया है।

उपभोक्ताओं हेतु सुविधाओं का विस्तार

जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए तीन ग्राहक सेवा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहां वृद्धजनों और दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था है। जयपुर हाउस, चर्च रोड, और प्रतापपुरा में प्रतिदिन लगभग 1200 लोग अपनी समस्याओं के समाधान हेतु आते हैं। इसके अतिरिक्त, 26 कलेक्शन सेंटर स्थापित किए गए हैं, और विद्युत बिल जमा करने हेतु मोबाइल वैन भी विभिन्न क्षेत्रों में पूर्व सूचना देकर भेजी जाती हैं। ऑनलाइन सुविधाओं और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से बिल भुगतान, शिकायत निवारण, और नए कनेक्शन की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।

कनेक्शनों में उल्लेखनीय वृद्धि

टोरेंट पावर ने 2010 में आगरा में लगभग 2.25 लाख विद्युत कनेक्शनों के साथ कार्य प्रारंभ किया था। निरंतर प्रयासों और विश्वसनीय सेवाओं के परिणामस्वरूप यह संख्या अब बढ़कर 5.10 लाख हो गई है। यह वृद्धि कंपनी की प्रतिष्ठा काप्तीक है।

विद्युत चोरी के मामलों में कार्रवाई

विद्युत चोरी के विरुद्ध छापेमारी की शिकायतों पर श्री सिंह ने स्पष्ट किया कि कुछ लोग असत्य आरोप लगाते हैं, जैसे छापेमारी के समय महिलाओं का वीडियो बनाए जाने का दावा। उन्होंने इसे सोशल मीडिया युग में असंभव करार दिया। विद्युत चोरी के मामलों में उपभोक्ता को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया जाता है, और संतोषजनक उत्तर पर अर्थदंड में कमी की जा सकती है। यह कहना कि सांसद या विधायक के हस्तक्षेप से छूट दी जाती है, पूर्णतः असत्य है।

सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन

आगरा में सौर ऊर्जा का उपयोग सराहनीय रूप से बढ़ रहा है, और यह उत्तर प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। श्री सिंह ने सुझाव दिया कि उपभोक्ता बैंक ऋण लेकर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करें, जिससे विद्युत की बचत और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

टोरेंट पावर का परिचय

टोरेंट पावर भारत की अग्रणी निजी क्षेत्र की विद्युत उपयोगिता कंपनी है, जो विद्युत उत्पादन, पारेषण, वितरण, और विद्युत केबलों के निर्माण में संलग्न है। आगरा में इसने अप्रैल 2010 से विद्युत वितरण का कार्य प्रारंभ किया। कंपनी की सेवाएं गुणवत्ता, विश्वसनीयता, और उपभोक्ता संतुष्टि के लिए जानी जाती हैं।

संपादकीय: विद्युत चोरी पर प्रभावी अंकुश, किंतु जागरूकता की आवश्यकता

टोरेंट पावर का यह अभिनव प्रयोग विद्युत चोरी पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। तकनीकी नवाचार और उपभोक्ता सुविधाओं का विस्तार कंपनी की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। तथापि, विद्युत चोरी को पूर्णतः समाप्त करने के लिए तकनीकी उपायों के साथ-साथ सामुदायिक जागरूकता और सहभागिता अनिवार्य है।

उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा जैसे पर्यावरण-स्नेही विकल्पों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करना होगा, जिससे न केवल विद्युत की बर्बादी रुकेगी, अपितु पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा। टोरेंट पावर को अपनी सेवाओं में और अधिक पारदर्शिता लाकर उपभोक्ताओं का विश्वास और सुदृढ़ करना चाहिए।

साथ ही, विद्युत चोरी के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने हेतु शिक्षात्मक अभियान चलाए जाने चाहिए, ताकि लोग इसे अपराध के रूप में समझें और नैतिकता के साथ बिजली का उपयोग करें। केवल तकनीक और दंड से नहीं, बल्कि जागरूकता और सहयोग से ही इस समस्या का स्थायी समाधान संभव है।