भारत में मौजूद सभी 32 देशी गायों को यहां अलग- अलग ब्लॉक में अनुसंधान के लिये रखा जाएगा
32 एकड़ जैविक खेती एवं भूमि गौचारण के सुरक्षित, बुनकर प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना हो रही
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Mathura, Uttar Pradesh, Bharat, India. दीनदयाल गौ अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण 28 नवंबर को डॉ. मोहन भागवत सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक करेंगे। इसके दृष्टिगत शनिवार को दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति दीनदयाल धाम फरह ने दीनदयाल गऊ ग्राम परखम (फरह, मथुरा) में वेद मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत रूप से गृह प्रवेश कर लिया। गृहप्रवेश काशी के विद्वानों द्वारा वेदमंत्रों और हवन पूजन के साथ कराया गया। गौ पूजन कर प्रसाद वितरण भी किया गया।
समिति के मंत्री हरीशंकर शर्मा ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय की धरती से अब गौसंवर्धन की अलख जगेगी। छात्र यहीं पर छात्रावास में रहकर गाय की अलग- अलग प्रजातियों पर अनुसंधान करेंगे। उन्होंने बताया कि डॉ. मोहन भागवत सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक 28 नवंबर को दीनदयाल गौ विज्ञान, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण करेंगे। इसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी शामिल हो सकते हैं। साथ ही साध्वी मंगला माता भी कार्यक्रम में रहेंगी।
उन्होंने बताया कि यहां देश का पहला आयुर्वेद आधारित पशु चिकित्सालय बन रहा है। इस प्रकल्प में गोवंश की नस्ल सुधार के साथ ही विश्वस्तरीय शोध किया जाएगा। 32 एकड़ जैविक खेती एवं भूमि गौचारण के लिये रहेगी। एक बुनकर प्रशिक्षण केन्द्र भी स्थापित किया जायेगा। बायो गैस प्लाण्ट का लोकार्पण भी किया लायेगा। साथ ही यहां पढ़ए जाने वाले पाठ्यक्रम का विमोचन भी संघ प्रमुख करेंगे।
यहां पर गाय के गोबर, मूत्र और दूध से कैंसर जैसी बीमारी से इलाज पर अनुसंधान किया जायेगा। भारत में मौजूद सभी 32 देशी गायों को यहां अलग- अलग ब्लॉक में अनुसंधान के लिये रखा जायेगा। इसी परिसर में बलभद्र व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान भी बनेगा। इसमें कृषि, बागवानी, कृषि अभियांत्रिकी, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी के साथ ही डेयरी प्रौद्योगिकी के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस अवसर पर क्षेत्र प्रचारक महेन्द्र शर्मा, सह प्रांत प्रचारक धर्मेन्द्र, निदेशक सोनपाल, सर्व व्यवस्था प्रमुख महावीर, सह प्रांत प्रचार प्रमुख कीर्ति कुमार, कोषाध्यक्ष शशिकांत गुप्ता, डॉ. अनुराग शर्मा, कोषाध्यक्ष शशिकांत, अशोक टैंटीवाल, नरेन्द्र पाठक, जगमोहन पाठक, राम पाठक आदि उपस्थित रहे।