डॉ. भानु प्रताप सिंह
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. पौराणिक और ऐतिहासिक आगरा शहर में श्रावण मास के द्वितीय सोमवार को शिव परिक्रमा की जाती है। आगरा के चार कोनों पर चार प्राचीन शिवालय हैं- बल्केश्वर महादेव मंदिर, राजेश्वर नाथ मंदिर, पृथ्वीनाथ मंदिर और कैलाश महादेव। मध्य में श्रीमनःकामेश्वर मंदिर और रावली मंदिर हैं। यह परिक्रमा कितनी लम्बी है? जानकार 30 किलोमीटर लम्बी परिक्रमा बताते हैं लेकिन यह सही नहीं है। सही उत्तर है 54 किलोमीटर। एक कोस में लगभग तीन किलोमीटर होते हैं। इस तरह आगरा की शिव परिक्रमा 18 कोस की है। मथुरा में 84 कोस की परिक्रमा होती है। इसके बाद आगरा की शिव परिक्रमा का नम्बर है। अयोध्या में 14 कोस की परिक्रमा होती है। वर्ष 2024 में सावन का दूसरा सोमवार 29 जुलाई को है।
आप सोचेंगे के ज्येष्ठ माह में शिव परिक्रमा की बात क्यों तो इसके पीछे बड़ा रहस्य छिपा हुआ है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन लोक भारती से संबंध संस्था वत्सले मातृभूमे फाउंडेशन द्वारा आगरा में शिव परिक्रमा मार्ग पर हरिशंकरी माला अभियान शुरु किया जा रहा है। इसके स्थलीय निरिक्षण हेतु एक टोली ने परिक्रमा की।
बल्केश्वर मंदिर से शुरू हुई यह परिक्रमा कैलाश महादेव मंदिर पर पूर्ण हुई। इस दौरान कोस का चिह्नांकन किया गया। संस्था के अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता भानु प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि वाहन से परिक्रमा की तो पता चला कि यह तो 54 किलोमीटर लंबी है। अखबारों में छपता है 30 किलोमीटर। जानकार लोग बिना नापे ही अंदाज से परिक्रमा की लंबाई बता रहे हैं।

श्री चौहान ने बताया कि गुरु पूर्णिमा से रक्षाबन्धन तक हरियाली माह मना रहे हैं। इस दौरान उत्सवपूर्वक प्रत्येक कोस पर हरिशंकरी रोपित कर भगवान भोलेनाथ का पूजन किया जाएगा। इसके लिए बल्केश्वर से मनकामेश्वर मंदिक, रावली मंदिर, राजेश्वर मंदिर, पृथ्वीनाथ मंदिर होते हुए कैलाश महादेव शिव मंदिर की परिक्रमा की और कोस का चिन्हांकन किया।
इस संबंध में कैलाश महादेव मंदिर पर बैठक हुई। इसमें परिक्रमा मार्ग में 30 जून तक चिन्हित 18 कोस स्थल पर हरिशंकरी रोपण हेतु 1.5X1.5 मीटर 1/2 मीटर गहरा गड्ढा खोदना एवं हरिशंकरी रोपण एवं पौधारक्षक की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

इस अवसर पर पर्यावरण एवं जल संरक्षण तथा यमुना मैया को प्रदूषण मुक्त व स्वच्छ जल युक्त करने हेतु नौका विहार करते हुए वार्ता की गई। इस अभियान में भानु प्रताप सिंह चौहान के साथ प्रमोद उपाध्याय पूर्व वन अधिकारी (DFO), अनिल गोयल एडवोकेट पर्यावरणविद, जितेन्द्र सिंह (पूर्व सभासद) एवं कैलाश मन्दिर के महन्त गौरव गिरि सह

भागी बने।
क्या है हरिशंकरी
हरिशंकरी में पाकड़, पीपल और बरगद ये तीन वृक्ष ब्रह्म, विष्णु, महेश के प्रतिनिधि के रूप में एक ही थाले में रोपित किए जाते हैं। भानु प्रताप सिंह चौहान जन्मतिथि और पुण्यतिथि पर धार्मिक स्थलों पर हरिशंकरी का रोपण पहले से ही कर रहे हैं।

क्या है कोस
कोस दूरी नापने की एक भारतीय इकाई है। कोस की सही परिमाप को लेकर विद्वानों में मतैक्य नहीं है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र के मुताबिक एक कोस 3.075 किलोमीटर के बराबर होता है। ब्रिटिश भारत में एक कोस को करीब 4.191 किलोमीटर माना जाता था। अर्थशास्त्र में कोस की मानक इकाई एसआई इकाइयों में 3075 मीटर और शाही इकाइयों में 1.91 मील के बराबर है। आजकल कोस को आम तौर पर करीब 1.8 किलोमीटर के बराबर माना जाता है।
2024 में श्रावण मास के सोमवार
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत – 22 जुलाई
द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत – 29 जुलाई
तृतीय श्रावण सोमवार व्रत – 5 अगस्त
चतुर्थ सावन श्रावण व्रत – 12 अगस्त
पंचम सावन श्रावण व्रत – 19 अगस्त
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