आयकर सुधारों के लिए आगरा चैम्बर की सशक्त पहल: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से की गई महत्त्वपूर्ण मांगें
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.
आगरा, 27 सितंबर 2025: आगरा चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने आयकर प्रणाली में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने और करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के समक्ष एक 15 सूत्रीय ज्ञापन प्रस्तुत किया। चैम्बर के अध्यक्ष श्री संजय गोयल और आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अधिवक्ता अनिल वर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सीबीडीटी के सदस्य (लेजिस्लेशन) श्री आर.एन. पर्वत, आईआरएस, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस मुलाकात में आयकर विवरणी की समय-सीमा, रिफंड की प्रक्रिया, और आगरा के लिए विशेष बजट पैकेज जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। श्री पर्वत ने चैम्बर की मांगों पर शीघ्र और सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
आयकर प्रणाली में सुधार की मांग
आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अधिवक्ता अनिल वर्मा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए आयकर विवरणी (ITR) और चैरिटेबल ट्रस्ट/सोसायटी के पंजीकरण नवीनीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल की तकनीकी कमियों के कारण कई करदाता समय पर एडवांस टैक्स जमा नहीं कर पा रहे, जिसके चलते उन पर ब्याज (Interest) लगाया जा रहा है। चैम्बर ने इस ब्याज को माफ करने और रिफंड (Refund) जारी करने में हो रही देरी को दूर करने का अनुरोध किया। साथ ही, अपीलीय आदेशों में पारदर्शिता और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन सुनिश्चित करने की मांग भी उठाई गई।
आगरा के बजट टारगेट पर चिंता
चैम्बर अध्यक्ष श्री संजय गोयल, अधिवक्ता अनिल वर्मा, सीए प्रार्थना जालान, और अधिवक्ता राजकिशोर खंडेलवाल ने श्री आर.एन. पर्वत से वार्ता के दौरान आगरा के बजट टारगेट (Budget Target) को न बढ़ाने की अपील की। उन्होंने तर्क दिया कि ताज ट्रैपेज़ियम जोन (TTZ) की पर्यावरणीय बंदिशों और अमेरिकी टैरिफ (US Tariff) के कारण आगरा का निर्यात व्यापार (Export Business) प्रभावित हो रहा है। आगरा के उद्योग न केवल स्थिर हैं, बल्कि कई क्षेत्रों में कमी भी देखी जा रही है। चैम्बर ने आगामी बजट में आगरा के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की ताकि स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिल सके।
आयकर विवरणी में त्रुटि सुधार की समय-सीमा बढ़ाने की मांग
चैम्बर ने धारा 139(9) के तहत आयकर विवरणी में त्रुटियों को सुधारने के लिए दी गई 15 दिनों की समय-सीमा को अपर्याप्त बताया। संचार में देरी (Communication Delays) और व्यावहारिक कठिनाइयों (Practical Difficulties) को देखते हुए, इस समय-सीमा को 30 दिन तक बढ़ाने की मांग की गई। साथ ही, त्रुटि सुधार की सूचना को इलेक्ट्रॉनिक संचार (Electronic Communication) के साथ-साथ स्पीड पोस्ट के माध्यम से भी अनिवार्य रूप से भेजने का सुझाव दिया गया ताकि उचित वितरण (Proper Delivery) सुनिश्चित हो सके।
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डीटीवीएसवी-2024 और अपीलीय आदेशों पर स्पष्टीकरण
चैम्बर ने विवाद से विश्वास योजना (DTVSV-2024) के तहत फॉर्म 4 जारी करने की प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण मांगा, खासकर 31 मार्च 2025 के बाद के मामलों के लिए। इसके अतिरिक्त, धारा 154 के तहत दायर आवेदनों का आकस्मिक निपटान (Prompt Disposal) सुनिश्चित करने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि अपीलीय आदेश अक्सर करदाताओं की लिखित प्रस्तुतियों और साक्ष्यों (Written Submissions and Evidence) पर उचित विचार किए बिना पारित किए जाते हैं, जिससे प्राकृतिक न्याय (Natural Justice) का उल्लंघन होता है और मुकदमेबाजी (Litigation) बढ़ती है।
सीबीडीटी का सकारात्मक रुख
सीबीडीटी के सदस्य (लेजिस्लेशन) श्री आर.एन. पर्वत ने चैम्बर के प्रतिनिधिमंडल को ध्यानपूर्वक सुना और उनके द्वारा प्रस्तुत 15 सूत्रीय ज्ञापन पर शीघ्र और सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। उन्होंने चैम्बर की सक्रियता और करदाताओं के हित में उठाए गए मुद्दों की सराहना की। प्रतिनिधिमंडल में चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल, उपाध्यक्ष विवेक जैन, अधिवक्ता अनिल वर्मा, अधिवक्ता राजकिशोर खंडेलवाल, और सीए प्रार्थना जालान शामिल थे।
संपादकीय: अधिवक्ता अनिल वर्मा की नेतृत्व शक्ति
आगरा चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की इस पहल में आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अधिवक्ता अनिल वर्मा की भूमिका अत्यंत प्रशंसनीय है। उनकी कानूनी विशेषज्ञता (Legal Expertise) और करदाताओं के प्रति संवेदनशीलता ने इस प्रतिनिधिमंडल को न केवल दिशा प्रदान की, बल्कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के समक्ष आगरा के व्यापारियों और उद्यमियों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
अनिल वर्मा ने आयकर प्रणाली की जटिलताओं को सरलता से समझाते हुए, तकनीकी और व्यावहारिक समाधान सुझाए, जो न केवल करदाताओं के लिए राहतकारी हैं, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी सुगम बना सकते हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और सामाजिक दायित्व की भावना ने आगरा के व्यापारिक समुदाय को एक नई ऊर्जा प्रदान की है।
हम आशा करते हैं कि उनकी यह पहल आयकर सुधारों में मील का पत्थर साबित होगी और आगरा के उद्योगों को नई दिशा प्रदान करेगी।
डॉ भानु प्रताप सिंह
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