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सबसे बड़े दानी प्रो. केएस रानाः 100 करोड़ रुपये का कॉलेज यूपी सरकार को दान देने की घोषणा

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Dr Bhanu Pratap Singh

Agra, Uttar Pradesh, India. आज हम आपको सबसे बड़े दानी से मिलवाते हैं। ये हैं प्रोफेसर के.एस. राना। इस समय मेवाड़ विश्वविद्यालय, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) के कुलपति हैं। उन्होंने 100 करोड़ रुपये मूल्य के अपने कॉलेज को उत्तर प्रदेश सरकार और डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) को दान देने की घोषणा की है। इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

आगरा मंडल का पहला निजी कॉलेज

देश के जाने-माने शिक्षाविद और पर्यावरणविद प्रोफेसर केएस राना ने आगरा शहर में दिल्ली- लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निकट फतेहाबाद रोड पर वर्ष 2000 में कृष्णा पीजी कॉलेज की स्थापना की थी। उद्देश्य था ग्रामीण क्षेत्र की छात्रों की समस्या का समाधान करना। उस समय आगरा मंडल का यह प्रथम निजी कॉलेज थाI कॉलेज को तीन साल बाद स्थाई मान्यता मिल गई। पाँच साल में सभी फैकल्टी शुरू हो गईं। विज्ञान, कला, वाणिज्य, शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, बायोटेक, मायक्रोबायलोजी की कक्षाएं संचालित हैं। बड़ा भव्य भवन सुसज्जित है, जो तीन एकड़ भूमि पर बना हुआ है। क्रिकेट का फील्ड तो देखते ही बनता है। मैंने स्वयं इस कॉलेज का अवलोकन किया है। कॉलेज परिसर में गजब की हरियाली है।

2018 में दिया था प्रस्ताव

प्रो. केएस राना ने वर्ष 2018 में कॉलेज को दान में देने का प्रस्ताव आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरविन्द दीक्षित को लिखित में सौंपा था। आग्रह किया था कि कृष्ण कॉलेज को आगरा विश्वविद्यालय का आवासीय संस्थान बना दिया जाए। प्रो. दीक्षित ने कॉलेज का निरीक्षण किया। तारीफ़ भी बहुत की। इसके बाद भी प्रस्ताव विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को नहीं भेजा। वे इस प्रस्ताव को दबाकर बैठ गए।

7000 छात्र पा चुके रोजगार

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा (आगरा विश्वविद्यालय) का यह पहला निजी कॉलेज है। ऐसे पाठ्यक्रम हैं, जो आसपास 80 किलोमीटर तक नहीं हैं।  निजी कॉलेज में सरकारी कॉलेज की तरह शुल्क है। हमारा उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षित करना है, उनका कौशल विकास करना है, उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना है। यही कारण है कि कैम्पस से नौकरी मिलती है। 7000 विद्यार्थी सीधे-सीधे रोजगार पा चुके हैं।  विद्यार्थी विभिन्न खेलों में भी अव्वल हैं।

जयपुर, दिल्ली में रहने के कारण रखरखाव नहीं

उल्लेखनीय है कि कृष्णा पीजी कॉलेज का सरकारी मूल्य 100 करोड़ से अधिक है। इसका उचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है। प्रो. राना का आवास जयपुर और दिल्ली है। उन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है ताकि विस्तार से जानकारी दे सकें।

कौन हैं प्रो. केएस राना

प्रो. केएस राना की शिक्षा आगरा में हुई है। वे आगरा विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (औटा) के निर्विरोध अध्यक्ष रहे हैं। लगातार पांचवी बार से कुलपति हैं। इस समय मेवाड़ विश्वविद्यालय, चित्तौड़गढ़ के कुलपति हैं। उनकी गिनती देश के सर्वाधिक प्रभावशाली और समर्पित कुलपतियों में की जाती है। इस निमित्त उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार की अप्रेजल अथॉरिटी के उपाध्यक्ष रहे हैं। देश में सबसे पहले पर्यावरण क्षेत्र में उन्होंने ही कार्य शुरू किया। उन्हें देश-विदेश के 30 से अधिक अवॉर्ड मिल चुके हैं। प्रो. राना के प्रस्ताव पर ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय किया गया। पीएचडी के साथ डीएससी और एलएलएम भी हैं। उन्होंने चौधरी चरण सिंह समेत तीन प्रधानमंत्रियों के साथ किया किया है। चौ. चरण सिंह की पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद किया है। कई पुस्तकें लिखी हैं। राजपथ पर किसान राज उनकी पुस्तक खासी लोकप्रिय है, जिसमें चौ. चरण सिंह के जीवन से संबंधित अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है।

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Dr. Bhanu Pratap Singh