मुख्यमंत्री कह गए- किसानों की जमीन वापस दें या फिर वर्तमान दरों से मुआवजा दें
आगरा: किसान नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में जिले के किसानों के बीच महापंचायत कर यहां बड़ा आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया था, लेकिन इसी हफ्ते शहर में आए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी इस रणनीति पर पानी फेर दिया।
जिले में पिछले 14 वर्ष से सैकड़ों किसान जमीन अधिग्रहण को लेकर आंदोलनरत हैं। किसान जमीन वापसी करने या वर्तमान दरों से मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। इस समस्या को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने यहां महापंचायत बुलाई, जिसमें हजारों की संख्या में किसान जुटे और आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया गया।
महापंचायत के बाद मुख्यमंत्री योगी का आगरा आगमन हुआ तो वे टिकैत की सारी तैयारियों पर पानी फेर गए। उन्होंने सर्किट हाउस में एडीए समेत अन्य विभागों के अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने दो- टूक कहा कि ऐसे नहीं चलेगा कि किसानों से उनकी जमीन ले ली जाएं और फिर मुआवजा न दें। सीएम योगी ने कड़े लहजे में कहा कि शीघ्र ही किसानों की जमीन वापस की जाए या फिर उन्हें वर्तमान दरों से मुआवजे का भुगतान करें। योगी के इस आदेश से किसानों में खुशी दौड़ गई है। वहीं विभागीय अफसर पर भी दिन-रात किसानों की समस्या का हल ढूंढने में जुटे हैं।
जिले में 600 से अधिक किसानों की जमीन को लैंड पार्सल योजना के लिए अधिग्रहीत किया गया था। एत्मादपुर तहसील क्षेत्र के रायपुर, गढ़ी जगन्नाथ, दलेलनगर, मनोहरपुर, नगला हरिकेशी, गढ़ी संपति, रायपुर व नगला खरगा, धौर्रा के किसानों की जमीन इसमें गई थी। एडीए ने लैंड पार्सल के लिए वर्ष 2009 में अधिग्रहीत की गई जमीन से वर्ष 2014 में राजस्व रिकार्ड में किसानों नाम कटवा दिए। बिना मुआवजा दिए एडीए ने सारी जमीन अपने नाम दर्ज करा ली। किसानों के नाम खतौनी से नाम हटने के कारण वे बीमारी और तंगी में अपनी जमीन को न बेच पाते हैं और न उस पर ऋण ले पाते हैं। लैंड पार्सल, इनर रिंग रोड तथा इनर रिंग रोड थर्ड फेस के लिए एडीए ने 936, 975 तथा 612 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की थी।
किसान नेता श्याम सिंह चाहर और सोमवीर यादव समेत क्षेत्र ऐसे दर्जनों किसान नेता हैं, जो लंबे समय से इस आंदोलन से जुड़े हैं। एडीए अधिकारियों के खिलाफ किसान नेता जनप्रतिनिधियों से मिले। उच्चाधिकारियों से मिले लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा था। किसान नेताओं ने एडीए कार्यालय, कलक्ट्रेट तथा सदर तहसील पर कई बार प्रदर्शन और भूख हड़ताल कर चुके हैं।
किसान नेता सोमवीर यादव का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जो आदेश दिए, उन्हें प्रशासन को अमल में लाना चाहिए। वर्ष 2009 से ही किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों से एडीए ने जबरन जमीन छीन ली और मुआवजा नहीं दिया। सीएम के आदेश के बाद किसानों में उम्मीद की किरण जगी है।
किसान नेता बृजेश पाठक का कहना है कि पिछले कई सालों से लोग अपना काम-काज छोड़कर प्रशासन के दफ्तरों में मुआवजे और जमीन वापसी के लिए भटक रहे हैं। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो आदेश करके गए हैं, वह किसानों के हित में है। किसानों को इसका कितना लाभ मिलता है, यह तभी पता चलेगा जब एडीए जमीनों के भुगतान की रेट निर्धारित करेगा।
- CO संभल अनुज चौधरी को पाक खुफिया एजेंसी ISI से जान का खतरा, पिता ने की सरकार से सुरक्षा की मांग - March 13, 2025
- Yashaa Global Capital Secures Financial Services Permission to Establish a Global Sports VC Fund - March 13, 2025
- दर्शकों ने बाजीराव सिंघम को एक आइकॉन बना दिया है: रोहित शेट्टी - March 13, 2025