हिंदू धर्म रक्षक वीर गोकुला जाट का बलिदान दिवस मनाया, यूपी सरकार किला में आगरा विजय दिवस मनाए, शिवाजी की तरह महाराजा सूरजमल की भी प्रतिमा लगाए, यह सुनकर मंत्री बेबीरानी मौर्य ने कही ये बात

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अखिल भारतीय जाट महासभा के कार्यक्रम में लेखक राजकिशोर, राजेंद्र फौजदार, डॉ. भानु प्रताप सिंह, डॉ. सुरेंद्र सिंह, हरीमोहन सिंह कोटिया का सम्मान

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. मुगल बादशाह औरंगबेज को नाकों चने चबवाने वाले वीर गोकुला जाट का 355वां बलिदान दिवस एक जनवरी को आगरा किला के निकट गोकुल जाट प्रतिमा स्थल पर मनाया गया। अखिल भारतीय जाट महासभा ने सर्वप्रथम हवन किया। फिर गोष्ठी में मांग रखी कि आगरा किला के सामने महाराज सूरजमल की प्रतिमा लगाई जाए और किला में ही 12 जून को आगरा विजय दिवस मनाया जाए। यूपी सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलवाने की बात कही। इस दौरान वीर गोकुला जाट अमर रहें, जाट एकता जिंदाबाद जैसे नारों से वातावरण गुंजायमान होता रहा।   

मुख्य अतिथि यूपी सरकार की मंत्री बेबीरानी मौर्य ने उपस्थितजनों से आग्रह किया कि गोकुला जाट जैसे महापुरुषों से प्रेरणा लेकर देशहित के लिए खड़े हो जाए। मुझ समेत हम सभी ऐसे कम करके जाएं कि दुनिया याद रखे। हमें जो सेवा का काम मिला, किया है। जाट समाज की कुर्बानी ऐसे ही नहीं है। जाट रेजिमेंट में जाट देश को बचा रहे हैं।

वीर गोकुल सिंह की प्रतिमा के समक्ष बेबीरानी मौर्य और अन्य अतिथि।

उन्होंने शैलराज सिंह की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि मुझे पत्र दो, मैं मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री से बात करूंगी। मुख्यमंत्री से मिलवाऊँगी। किला के सामने शिवाजी की प्रतिमा है तो महाराजा सूरजमल की क्यों नहीं होनी चाहिए। गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों का स्मरण करते हुए कहा कि दीवारों में चुनवा दिए, पर झुके नहीं। भारत के लिए बढ़िया काम करे। हमारी हस्ती को कोई मिटा नहीं सकता, बस एक रहना है। आतताई के आगे झुकना नहीं है।

महाराजा सूरजमल के खजांची जाटव थे

अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुंवर शैलराज सिंह ने कहा कि यूपी सरकार की मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बाबूजी चौराहा से पथौली तक वायु विहार मार्ग के लिए 8 करोड़ रुपए स्वीकृत कराए हैं। उनका धन्यवाद है। खेद है कि उन्होंने संघर्ष समिति को नहीं बुलाया। उन्होंने कहा कि हम ऐसे समाज से हैं, जो कहते हैं तो करते हैं। महाराजा सूरजमल के खजांची जाटव थे। हनुमान जी ने सीता जी खोज के लिए अपनी पूँछ ने आग लगवा ली।

गोष्ठी को संबोधित करती मुख्य अतिथि बेबीरानी मौर्य।

कोई जाट टैक्स नहीं देगा, शाहजहां पार्क के ठेकेदार को चेतावनी

शाहजहां पार्क के सामने कार्यक्रम के लिए टैंट लगाने में बाधा डालने और 10 रुपये का टिकट मांगने पर कुँवर शैलराज सिंह ने कड़ी चेतावनी दी। कहा कि कोई जाट टैक्स नहीं देगा। अगर आँख दिखाएगा तो आँख निकाल लेंगे। उद्यान विभाग भी किसानों से ही चलता है। फव्वारे पर गोकुला जाट की प्रतिमा लगाने की माँग छोड़ेंगे नहीं। सुनारी चौराहा पर भी प्रतिमा लगेगी। मंत्री आगरा किला में आगरा विजय दिवस मनाने की घोषणा करें। आग्रह किया कि पर्यटन मंत्री को पत्र लिखें। हम लखनऊ आ जाएंगे।

तमाम हिंदू राजा गोकुला को हराना चाहते थे

अखिल भारतीय जाट महासभा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष, पूर्व विधायक प्रताप चौधरी ने कहा कि मैं उस मिट्टी से आता हूं जहां गोकुला जाट का जन्म हुआ। जाट राजा का सम्मान करने की बात होती है तो उसे जाति से जोड़ दिया जाता है, जो गलत है। वीर गोकुला जाट ने 1666 से 1669 तक मुगलों से युद्ध किया। तमाम हिंदू राजा गोकुला को हराना चाहते थे लेकिन जाट कौम धोखा नहीं देती है। शिवाजी की मूर्ति किला के सामने लग सकती है तो महाराजा सूरजमल की मूर्ति क्यों नहीं लग सकती। भरतपुर राजघराने ने 14 वर्ष तक आगरा पर शासन किया मुगलिया अत्याचार से ब्रज क्षेत्र की जनता को मुक्त कराया और अनेक विकास कार्य आगरा में कराए थे।

गोष्ठी से पहले वीर गोकुल सिंह की प्रतिमा के समक्ष हवन किया गया।

महाराजा सूरजमल के नाम पर सड़क तक नहीं

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय जाट महासभा के जिलाध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर ने अवगत कराया- अमर शहीद गोकुला जाट ने ब्रज क्षेत्र की जनता की रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान किया। हमारे वीरों को इतिहास से बाहर निकाल कर रखा था। यहां इतिहासकारों को इसीलिए बुलाया है कि सही जानकारी मिल सके। गोकुला जी का इतिहास पढ़िए। आगरा विजय दिवस यूपी सरकार द्वारा मनाया जाना चाहिए। सुनारी चौराहा का ऐतिहासिक महत्व है। राजाराम जाट यहां आए थे। आगरा में महाराजा सूरजमल के नाम पर सड़क तक नहीं है। महापौर के रूप में नवीन जैन ने मूर्ति लगवा दी। अभी सड़क का नामकरण अधूरा है।

महाराष्ट्र की तरह यूपी सरकार भी 12 जून को विजय दिवस मनाए

पूर्व एडिशनल कमिश्नर यादराम सिंह वर्मा ‘कविकिंकर’ वीर शहीद गोकुल सिंह जाट के बलिदान के बाद जाटों में हलचल हुई। उनका बलिदान समस्त किसान जाति के लिए था। इसलिए यह आयोजन आगे मेला के रूप में हो। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी का बहुत सम्मान किया है। महाराष्ट्र सरकार ने आगरा किला में शिवाजी पर आयोजन किया। महाराज सूरजमल ने 12 जून, 1761 को आगरा किला पर कब्जा किया था। शिवाजी का सम्मान आगरा विजय दिवस मनाने से पूरा होता है। महाराष्ट्र सरकार की तरह यूपी सरकार भी 12 जून को विजय दिवस मनाए।

संबोधित करते कप्तान सिंह चाहर। साथ में जय प्रकाश चाहर, चौधरी नवल सिंह, भूपेंद्र सिंह राणा एवं अन्य।

इनका हुआ सम्मान

हिंदू धर्म रक्षक वीर गोकुला जाट शीर्षक से ऐतिहासिक उपन्यास लिखकर वीरवर गोकुल सिंह का प्रामाणिक इतिहास घर-घर पहुंचाने के लिए पत्रकार एवं लेखक डॉ. भानु प्रताप सिंह, रामकी चाहर के शौर्य पर पुस्तक लिखने के लिए डॉ. सुरेंद्र सिंह, प्रसिद्ध इतिहासकार राजकिशोर शर्मा, जाट पत्रिका के संपादक राजेंद्र सिंह, गोकुल सिंह और माथुर वैश्य का इतिहास बताने के लिए हरीमोहन सिंह कोटिया का सम्मान यूपी सरकार की मंत्री बेबीरानी मौर्य ने किया।

लेखक डॉ. भानु प्रताप सिंह ने रखे तान प्रस्ताव

डॉ. भानु प्रताप सिंह ने अवगत कराया कि हिंदू धर्म रक्षक वीर गोकुला जाट पुस्तक की रचना कैसे हुई और किसी भी जाट नेता ने पुस्तक प्रकाशन में सहयोग नहीं किया। उन्होंने जाट सरदारी के समक्ष तीन प्रस्ताव रखे-

  1. वीर गोकुल सिंह की कर्मभूमि तिलपत गढ़ी (वर्तमान में तिल्हू चहत्तर गांव) को तीर्थस्थल घोषित किया जाए।
  2. एक जनवरी, 1670 को गोकुल सिंह का बलिदान इसलिए हुआ था कि उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम बनना स्वीकार नहीं किया। इसलिए एक जनवरी को वीर गोकुला जाट बलिदान दिवस घोषित किया जाए। केंद्र सरकार ने इसी उद्देश्य के लिए बलिदान देने पर चार साहिबजादों की स्मृति में वीर बाल दिवस घोषित किया है।
  3. 1 जनवरी को वीर गोकुला जाट वीरता पुरस्कार दिया जाए।
वीर गोकुला जाट अमर रहें बुलंद करते लोगय़।

सुभाष बाजार पोस्ट ऑफिस बदला जाए

इतिहासकार राज किशोर शर्मा ने मांग की कि सुभाष बाजार पोस्ट ऑफिस का नाम वीर गोकुला जाट पोस्ट ऑफिस कराया जाए। यह मुगलों की पुरानी कोतवाली है और इसी के सामने वीर गोकुला जाट का बलिदान हुआ था।

मथुरा के मंदिरों में गोकुला जाट की तस्वीर लगे

लेखक और संपादक राजेंद्र सिंह ने अपील की कि  वीर गोकुल जाट का नाम सम्मान से लो और यह बात सिखों से सीखो। मैंने गोकुला जाट जी पर पुस्तक लिखी लेकिन कोई सहयोग नहीं मिला। इसके बाद खंड काव्य तक लिखे गए। बांके बिहारी मंदिर मंदिर समेत मथुरा के सभी मंदिर में गोकुला जाट की फोटो होनी चाहिए क्योंकि वह पहले धर्म रक्षक थे। उन्हीं के कारण मथुरा के मंदिर सुरक्षित रहे।

रामकी चाहर की प्रतिमा लगाई जाए

डॉ. सुरेंद्र सिंह ने मांग की कि रामकी चाहर की प्रतिमा सिकंदरा या आगरा किला के सामने लगाई जाए।

माथुर वैश्यों ने गोकुला जाट की आर्थिक मदद की

अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और कवि हरीमोहन सिंह कोटिया ने अवगत कराया कि हमारे आदिपूर्वज मथुरा में लवणासुर का वध करने के लिए शत्रुघ्न के साथ उनके सैनिक के रूप में आए थे। कुछ सैनिक वहीं रह गए। व्यापार में लग गए। मथुरा से निकास होने के कारण माथुर वैश्य कहलाए। माथुर वैश्यों ने गोकुल सिंह के लिए भामाशाह की भूमिका निभाई। गोकुला जाट को आर्थिक मदद की।

गोष्ठी में अनुशासित बैठे लोग।

वीर गोकुला जाट ने किसानों और हिंदू धर्म की भी रक्षा की

किसान संघ के प्रांतीय सचिव मोहन सिंह चाहर ने कहा कि खुशी है कि यहां सर्वसमाज है। महापुरुष किसी जाति के नहीं, सबके होते हैं। वीर गोकुला जाट ने किसानों और हिंदू धर्म की भी रक्षा की।

चौधरी मान सिंह ‘प्रमुख जी’ ने कहा कि गोकुला जाट ने मुगलों से तब संघर्ष किया जब किसी की हिम्मत नहीं थी। भानु जी ने पुस्तक लिखी है, उसे पढ़ें। गोष्ठी का संचालन महामंत्री वीरेंद्र सिंह छोंकर और उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राणा ने संयुक्त रूप से किया।

इस मौके पर पूर्व विधायक कालीचरण सुमन, यशपाल राणा, राजू ब्लॉक प्रमुख, जाट महा सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयप्रकाश चाहर, उपाध्यक्ष चौ. नवल सिंह, सत्यवीर सिंह रावत, राधेश्याम मुखिया, डॉ. नेत्रपाल सिंह, नेपाल सिंह राना, विजय सिंह नरवार, गंगाराम पैलवार, रन्धीर सिंह काका, चौ गुलवीर सिंह, विजय पाल सिंह नरवार, नरेश इन्दौलिया, मेघराज सोलंकी, देवेंद्र चौधरी, उदयवीर सिंह चाहर बीओ, भरत सिंह चाहर, भूप सिंह इन्दौलिया, अजीत चाहर प्रधान, डॉ. यदुवीर सिंह चाहर, कैप्टन बच्चू सिंह, जितेंद्र प्रधान, लखन चौधरी, मोहन सिंह सोलंकी, सुखवीर चाहर, बहादुर सिंह कुन्तल, मुकेश पहलवान, रामवीर सिंह,  मथुरा जाट महासभा के जिलाध्यक्ष राजेश चौधरी, फिरोजाबाद के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र बैनीवाल, जितेंद्र सिंह, मनोज खिरवार, इन्द्रपाल सिंह, मनोज कुमार, कुशलपाल नादऊ आदि की उपस्थिति उल्लेखीय रही।

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