विश्व हिंदू परिषद समेत तमाम हिंदू संगठनों की मांग पूरी हो गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI ने सफाई करने के साथ-साथ लोहे के दोनों जाल हटा दिए हैं। इसके बाद कुतुबमीनार परिसर स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के ढांचे में भगवान गणेश की अब साफ-साफ दिखाई देने लगी है।
लोहे का जाल हटाते ही नजर आई मूर्ति
मिली जानकारी के मुताबिक मस्जिद पर अब गणेश जी की मूर्ति साफ-साफ दिखाई देने लगी है क्योंकि यहां पर लगा हुआ लोहे का जाल हटा दिया गया है। इसके बाद मस्जिद पर अब साफ गणेश जी की मूर्ति दिखाई दे रही है, जो हिंदू संगठनों के लिए अच्छी खबर है। हिंदू संगठन लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।
बुलेटफ्रू ग्लास से ढकी गई मूर्ति
यहां पर बता दं कि कुतुबमीनार परिसर में कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद के पीछे के भाग में लगी मूर्ति को वर्षों पहले लोहे के डबल जाल में ढंक दिया गया था मगर अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI ने लोहे के दोनों जाल हटा दिए हैं। मूर्ति की सफाई कर इसे बुलेट प्रूफ ग्लास के जाल से ढक दिया है, जिससे अब मूर्ति साफ दिखाई दे रही है। आने वाले दिनों में इसे देखने पर्यटक बड़ी संख्या में आ सकते हैं।
उल्टी नहीं सीधी हैं दोनों मूर्तियां
मूर्ति उल्टी नहीं है, पहले मूर्ति के बारे में कहा जा रहा था कि यह उल्टी लगी है। एएसआइ ने पर्यटकों को मूर्ति के नजदीक से देखने या पूजापाठ की इजाजत नहीं दी है इसलिए मूर्ति दूर से भी साफ नजर आती थी। ऐसा माना जाता है कि एक हजार साल पहले कुतुबुद्दीन ऐबक ने 27 हिन्दू व जैन मंदिरों को तोड़कर इस मस्जिद को बनाया था।
गौरतलब है कि कुतुबमीनार परिसर स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के ढांचे में भगवान गणेश की उल्टी लगीं दो मूर्तियों को लेकर कई महीनों से विवाद था, जो अब दूर हो गया है। इसकी मांग लंबे समय से की जा रही थी।
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